हापुड़ (यूपी) : डॉ ख़ालिद मुहम्मद खान ने बिना शर्त किसानों को समर्थन की घोषणा की और कहा कि कृषि बिल लाने की ऐसी क्या जल्दी थी। ये बिल कॉरपोरेट्स के लिए है किसानों को लिए नही।GDP में बढ़ोतरी की एक आस सिर्फ कृषि ही है लकिन सरकार ने नज़र इस पर भी पड़ गई है सरकार किसान और ज़मीन कॉरपोरेट के हवाले करने का प्लान बना चुकी है। ये बिल किसानों की बे-ज़मीन कर देगा , किसान बधुवा मज़दूर हो जाएंगे । ये बिल सरकार को फोरम वापिस लेना चाहये । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निजी ख़रीद की बाध्यता और अनिवार्यता को लेकर सरकार एक और विधेयक लेकर आए।
सरकार ये आश्वासन दे कि FCI और अन्य सरकारी ख़रीद एजेंसीज द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली ख़रीद में आने वाले वर्षों में कोई कटौती नहीं होग। इस मौके पर एजाज़ अहमद ज़िला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक हापुड़ ने कहा कि MSP और मंडी प्रणाली का विस्तारीकरण और सुधारीकरण हो।MSP का स्थाई आधार किसान के ख़र्च को निकालने वाला C2 फार्मूला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडियों की संख्या पूरे देश में व्यापक स्तर पर बढ़ाई जाएं। हसन आतिफ शहर अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक हापुड़ ने कहा कि जिन 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा हो, उन सबकी ख़रीद की योजना भी समर्थन मूल्य के साथ तय हो।
इस अवसर पर मिथुन त्यागी, डॉ शुऐब, हसन फ़राज़, अमित अग्रवाल, फ़ारूक़ अहमद, इरफान कुरेशी, अज़ीम नईम, यूसुफ हसन, अल्ताफ, नीरज ठाकुर, अल्ताफ, डॉ कौसर इक़बाल, ज़ाहिद अली, मजीद खान, मुकेश कौशिक, नूर मुहम्मद, ग़ालिब सिद्दीकी, हमदान, अब्दुल्ला साद शाहदान मंजूर, फय्याज, आदि सैकड़ों काँग्रेसी शामिल हुए।
सैय्यद इकराम, हापुड़
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