विधायक आफताब अहमद की अध्यक्षता में हुआ भाईचारा सम्मेलन, जानिए कितनी बिरादरी के लोग हुए शामिल


नूंह। नूंह सहित कई जिलों में 31 जुलाई को हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा के बाद गुरुवार को नूंह में
विधायक चौधरी आफताब अहमद की अध्यक्षता में भाईचारा सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें समाज के सभी वर्गों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया।

कांग्रेस विधायक दल उप नेता कार्यक्रम के आयोजक रहे जिसमें मेवात के सभी समाज के हजारों लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई।विधायक आफताब अहमद ने कहा कि 31 जुलाई को नूंह सहित अन्य जिलों में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा थी। कुछ बाहरी शरारती तत्वों ने माहौल तैयार किया और टकराव की स्थिती उत्पन्न हुई। दोनों समुदाय को जान माल के नुकसान के साथ साथ आपसी विश्वास व भाईचारे को भी नुकसान हुआ। इसलिए आपसी भाईचारे व सद्भाव को मजबूत बनाए रखने के लिए ये सम्मेलन आयोजित किया गया है।

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विधायक आफताब अहमद ने कहा प्रदेश सरकार व प्रशासन भले ही विफल साबित हुए लेकिन उक्त हिंसा के बाद शांति स्थापित करने के लिए इलाके के दोनों समुदाय के जिम्मेदार लोगों, खाप पंचायतों की भूमिका काबिल ए तारीफ रही और प्रदेश के लोगों ने नफ़रती विचारों को नकारने का काम किया।

बता दें कि विधायक आफताब अहमद स्वयं  अपने साथियों सहित उस दिन सडकों पर उतरकर अमन चैन के लिए प्रयासरत थे और 
सरकार प्रशासन से लगातार आवाम की बात को मजबूती से रख रहे थे।

विधायक आफताब अहमद ने अपने संदेश में कहा कि हिंदू-मुस्लिम को आपस में नहीं लडना बल्कि सभी को मिलकर बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, भेदभाव, किसान विरोधी ताकतों, गरीब मजदूर विरोधी सोच, अनपढता, नफरत फैलाकर बांटने वाले से लडना है। उन्होंने कहा कि मेवात की आवाम को दंगे नहीं विकास, बिजली पानी, खाद, फसल के दाम, स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय, रोजगार, युवाओं का उज्जवल भविष्य चाहिए।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है जबकि भाजपा सरकार बांटने की राजनीति करती है।
इसलिए राहुल गांधी ने 3500 किलोमीटर पैदल यात्रा की ताकि नफरत के खिलाफ मोहब्बत व भाईचारे का संदेश दिया जा सके। घृणा की राजनीति को दूर कर देश में भाईचारा और सौहार्द का माहौल बनाना ही भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य था। आज फिर कांग्रेस भाईचारे को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने सभी से मिल कर मेवात, समाज, देश के भाईचारे को बचाने की अपील की है।

विधायक आफताब अहमद ने मेवात के भाई चारे की मिसाल देते हुए कहा कि 1947 में बंटवारे के वक्त भी हिंदू-मुस्लिम के बीच सद्भाव बना रहा था। राजा हसन खां मेवाती ने मुस्लिम होने के बावजूद, युद्ध में मुगल बादशाह बाबर का साथ नहीं दिया था, बल्कि हसन खां मेवाती, राणा संग्राम सिंह उर्फ राणा सांगा की तरफ से बाबर के खिलाफ युद्ध लड़े थे। आजादी से लेकर आज तक यहां कोई ऐसे मामले नहीं हुए और इस बार भी बाहरी शरारती तत्व मामले को खराब करने के लिए जिम्मेदार थे।

वहीं पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान मुल्क की दो आंखें हैं, अगर इनमें से किसी को भी कोई नुकसान होता है, तो हमारा मुल्क एक आंख से अंधा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेवात के हिंदु व मुसलमानों की साझा संस्कृति है। यहां दोनों समुदाय व्यापक स्तर पर एक-दूसरे के सुख-दुख बांटते हैं और किसी को भी हम इस भाईचारे को खराब नहीं करने देंगें।

इस दौरान जीएस मलिक, लाला वेदप्रकाश, लाला राज, लाला महेंद्र पाहाडू, समय सिंह सलम्बा, संदीप गर्ग, रोहित लाला, लाला मोहन सालाहेड़ी, पंडित सुरेश कलयाकी, सरदार निहाल सिंह पलडी, मनोज अरोड़ा, योगेश गर्ग, आलोक गुप्ता, विष्णु सिंगला, आनंद आटा, करतार आटा, सुरेंद्र बारोटा, लक्ष्मण बारोटा, हरीश गोयल, मीना प्रधान, रवि मक्कड़, मदन तंवर पार्षद, नरेश शर्मा, वीरेंद्र प्रकाश गर्ग, घनश्याम बांगड़ी, राजेन्द्र बघेल, भजनलाल बघेल, डॉ साहिल खेड़ा, कमल ठेकेदार, ताहिर गवालदा, राजू कटारिया, संजय मक्कड़, काली पुत्र तेजभान, दयाल, विजय खुराना, बिजेंद्र ठेकेदार उजीना, हुकुम सरपंच, जीत सरपंच किरा, जयराम सरपंच, रामकरण, रब्बा सरपंच छपेड़ा, राजबीर चैयरमैन, सुक्खी चैयरमैन, पंडित जुगल, गंगाराम लम्बरदार, लेखराम आल्दुका, प्रिंस उजीना, मायाराम, देशराज, मांगे छछेड़ा, रवि गंगोली, धर्मेंद्र इंडरी, भरमजीत इंडरी, रतिराम धाधुंका, सुरेंद्र आकेड़ा, सुरेश आकेड़ा, हेमराज सरपंच दुबालू, भजनलाल दुबालू, भगतसिंह,शरीफ अड़बर पीसीसी डेलीगेट, चौ सपात मेवली, समसू ठेकेदार रेहना, आमिल जुम्मा चैयरमैन, हाजी एजाज सलम्बा, जक्की सलम्बा, साजिद सरपंच सलम्बा, हाजी साहाबू कैराका, नईम फिरोजपुर नमक, जावेद सरपंच कैराका, अहमद चैयरमैन अलावलपुर, शोराब मालब, ताहिर वकील देवला, हाजी अब्बास जयसिंहपुर, साजिद सरपंच रेवासन, हाजी गुड्डू, यूसुफ फिरोजपुर नमक,विनोद गर्ग, जमील सरपंच टाई आदि मौजूद थे।

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