नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित पूर्वी एमसीडी ने वेल प्रोटेक्ट मैन पावर को करोड़ों रुपये का ठेका दिया है। एमसीडी ने इसी कंपनी को 2010 में ब्लैक लिस्ट किया था। उस वक्त कंपनी ने हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में एमसीडी पर केस किया था। इसके अलावा फर्जी स्टिंग कर एमसीडी अधिकारी को निलंबित करवाया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम से करोड़ों रुपये के ठेके लेने वाली वेल प्रोटेक्ट मेन पावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की 2010 में जांच की गई। इस जांच में सामने आया कि कंपनी एमसीडी से पूरे पैसे लेती है लेकिन सुरक्षा कर्मियों को नहीं देती। जिसके बाद कंपनी को एमसीडी की टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया था। एमसीडी ने अब उसी कंपनी को मार्च में करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया है। कंपनी को 240 सुरक्षा कर्मियों और 19 सिक्योरिटी सुपरवाइजर का ठेका दिया है। एमसीडी के भाजपा नेता और दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि जिस कंपनी को एमसीडी ने ब्लैक लिस्ट किया, उसी कंपनी को फिर से आपकी एमसीडी ने ठेका कैसे दे दिया? आदेश गुप्ता जवाब दें कि फर्जीवाड़े और जालसाजी से जमीन बेचने वाले भाजपा पार्षद संजय ठाकुर पर क्या कार्रवाई की गई है?
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में सोमवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 15 साल से भाजपा शासित एमसीडी के भ्रष्टाचार का खुलासा लगातार किया जा रहा है। भाजपा के एक और बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा सबूतों के साथ कर रहे हैं। भाजपा के पार्षद संजय ठाकुर के बारे में जालसाजी-फर्जीवाड़े की जो शिकायत और वीडियो दिखाए थे उनपर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसके अलावा अभी तक संजय ठाकुर के ऊपर भाजपा ने कोई कार्रवाई भी नहीं की है। संजय ठाकुर अभी भी भाजपा के पार्षद हैं और भाजपा के सदस्य हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के करोड़ों रुपये के ठेके लेने वाली वेल प्रोटेक्ट मेन पावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की 2010 में जांच की गई। उस जांच में पता चला कि यह कंपनी सरकार से पूरे पैसे लेती है लेकिन आगे सुरक्षा कर्मियों को पैसे नहीं देती है। इसके अलावा भी कंपनी के कामकाज में कई गड़बड़ियां पाई गईं। इसके बाद कंपनी को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। एमसीडी के फैसले के खिलाफ कंपनी हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट ने इसकी बात नहीं सुनी और उल्टे जुर्माना लगा दिया। इसके बाद कंपनी सुप्रीम कोर्ट तक गई लेकिन वहां भी इनकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद कंपनी ने एक फर्जी स्टिंग किया। एमसीडी का पता चला कि वह वीडियो फर्जी था। इसके बाद कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया। इसके संबंध में अखबारों में 2010 में तमाम खबरें भी छपीं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि तत्कालीन डायरेक्टर ऑफ विजिलेंस की ओर से 9 जुलाई 2010 में इसके संबंध में आदेश जारी किया था। जिसमें लिखा था कि आयुक्त ने विजिलेंस विभाग को एक ऑडियो भेजा। विजिलेंस की जांच में ऑडियो फर्जी पाया गया। इसके बाद आयुक्त ने वेल प्रोटेक्ट मेन पावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट कर दिया। उन्होंन कहा कि काली सूची में डालने का क्या मतलब होता है? इसका मतलब होता है कि इस कंपनी को सिर्फ दिल्ली नगर निगम ही नहीं बल्कि पूरे देश में कहीं भी सरकारी संस्था के अंदर कोई काम नहीं मिलेगा। इस कंपनी का कार्य ठीक नहीं है और विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है, इसकी वजह से इसको काम नहीं दिया जा सकता है।
सौरभ भारद्वाज ने खुलासा करते हुए कहा कि उसी नगर निगम ने मार्च में इसी कंपनी को करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इनको 28279 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से ठेका दिया है। इस कंपनी से 240 सिक्योरिटी गार्ड लिए जाएंगे। इसके अलावा 19 सिक्योरिटी सुपरवाइजर के लिए 30874 रुपये प्रति व्यक्ति, प्रतिमाह के हिसाब से दिए जाएंगे। कंपनी का एक माह के लिए करीब 75 लाख और एक साल के लिए करोड़ों रुपये दिए जाएंगे। हमारा दिल्ली नगर निगम के भाजपा नेताओं और दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सीधा सवाल है कि जिस कंपनी को एमसीडी ने ब्लैक लिस्ट किया उसी कंपनी को फिर से आपकी एमसीडी से ठेका कैसे मिल सकता है। ऐसा कैसे संभव है कि आपके नगर निगम के अधिकारी भूल गए कि इस कंपनी ने आपके नगर निगम के खिलाफ हाइकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में केस किया और शिकायत करके झूठे स्टिंग से आपके अफसर को निलंबित कराया था। इस कंपनी को आपके आयुक्त ने ब्लैक लिस्ट किया था। यह कैसे संभव है कि दिल्ली नगर निगम ने ऐसी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को करोड़ों रुपए के ठेके दे दिए। हमारा सीधा सवाल दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता से है कि आपने संजय ठाकुर को पार्टी से क्यों नहीं निकाला है और इस ब्लैक लिस्ट कंपनी को कैसे ठेका मिल गया?
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