दिल्ली का ठग मेरठ से गिरफ़्तार,फर्जी डॉ. बनकर कर रहा था इलाज

मेरठ
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से मुंबई से फ़रार हुए दिल्ली के ठग को दिल्ली पुलिस ने मेरठ से गिरफ़्तार किया है। ठग फर्जी डॉ. बनकर दो साल से इलाज के बहाने लोगों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ कर रहा था।
पकड़ा गया अभियुक्त 2019 में मुंबई से दिल्ली पुलिस की हिरासत से भागा था। वह अपना नाम बदलकर मेरठ में रह रहा था। तेजगढ़ी चौराहा और हापुड़ रोड पर क्लीनिक चलाने के साथ शुभकामना अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में मरीजों को परामर्श और इलाज दे रहा था।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और द्वारिकापुरी थाने की पुलिस सुबह हापुड़ रोड स्थित शुभकामना हॉस्पिटल पहुंची। वहां मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. विक्रांत भगत को पकड़ लिया। इस बीच डॉक्टर के अपहरण की अफवाह उड़ गई। जिसके बाद वहां पर हंगामा होना शुरू होने लगा था,तभी दिल्ली पुलिस उसे लेकर रवाना हो गई। डॉक्टर के अपहरण की सूचना पर नौचंदी थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। जानकारी करने पर पता चला कि दिल्ली पुलिस उसे ले गई है। इंस्पेक्टर प्रेमचंद्र शर्मा के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बताया कि विक्रांत का असली नाम मनीष कौल उर्फ असमर्थ है। वह द्वारिकापुरी दिल्ली का निवासी है। डॉ. विक्रांत के नाम से शास्त्रीनगर के एल ब्लाक में रहा रहा था।
पिछले दो साल में फर्जी डॉक्टर डॉ. विक्रांत भगत के गलत इलाज से न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवा दी होगी। पुलिस अब इसकी पूरी कुंडली खंगालने में जुटी है। वह शुभकामना हॉस्पिटल समेत निजी अस्पतालों में कितने मरीजों का इलाज कर रहा था, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस फर्जी डॉक्टर की किसी ने शिकायत की थी या नहीं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मनीष कौल एक हॉस्पिटल में काम करता था। तभी उसने मुंबई के एक युवक से एमडी मेडिसन की फर्जी डिग्री बनवाई और लोगों का इलाज शुरू कर दिया। उसके खिलाफ दिल्ली में दो दर्जन से अधिक ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। वह जेल में बंद था। दिल्ली पुलिस 2019 में मनीष को मुंबई लेकर गई थी। जहां से वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था।
फर्जी डॉक्टर डॉ. विक्रांत भगत ने तेजगढ़ी चौराहा स्थित त्यागी कांप्लेक्स और हापुड़ रोड स्थित सिटी हॉस्पिटल के पास क्लीनिक खोला था। जहां वह सुबह और शाम मरीजों को देखता था। शुभकामना, लाइफ लाइन हॉस्पिटल समेत गढ़ रोड के एक निजी अस्पताल में भी अपनी सेवाएं देता था। डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार उसे शुभकामना हॉस्पिटल में नफीस व डॉक्टर महताब ने बुलाया था। कोरोना काल में भी इसने कई लोगों का इलाज किया था। दिल्ली पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद नौचंदी पुलिस ने उसका रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। पुलिस उसके क्लीनिक पर भी गई। जहां पर पता चला कि दो साल से वह क्लीनिक चला रहा था। पुलिस ने सीएमओ को भी मामले की जानकारी दे दी है।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड था या नहीं, इसकी जानकारी की जाएगी। फिलहाल दिल्ली पुलिस और मेरठ पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं किया है। इसके बारे में जानकारी की जा रही है।
मेरठ के प्रसिद्ध आनन्द अस्पताल के मैनेजर मुनीष पंडित ने बताया की यह व्यक्ति एमडी फिजिशियन बताता था। 20 मई के आसपास वह हॉस्पिटल में आया था। उसने विजिट की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमने मना कर दिया। हमारे पास पहले से काफी डॉक्टर हैं।
शुभकामना अस्पताल के डायरेक्टर मोहम्मद अख़्तर ने बताया कि डॉक्टर विक्रांत भगत को फोन करके हॉस्पिटल में बुलाया जाता था। वह शहर में दूसरे हॉस्पिटल में भी जाते थे। सीएमओ कार्यालय में वह रजिस्टर्ड हैं फिलहाल हमारे यहां पर उनका कोई मरीज नहीं है।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनिल कपूर ने बताया कि विक्रांत भगत आईएमए में रजिस्टर्ड नहीं है और न ही आईएमए ऐसे लोगों का साथ देता है। उसके पास कौन सी डिग्री थी या उसने फर्जी डिग्री बनाई हुई थी। पुलिस जांच कर कार्रवाई करे।
मेरठ एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि दिल्ली पुलिस का दावा है कि मनीष कौल के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। वह फर्जी डॉक्टर है और मेरठ में नाम बदलकर रह रहा था। दो साल पहले दिल्ली पुलिस की हिरासत से भाग गया था। नौचंदी पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

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