अमरीक सिंह 

कोरोना को लेकर केंद्र सरकार की राज्यों को जारी एडवाइजरी के बाद पंजाब में कोरोना अब पहले से ज्यादा कहर ढा रहा है। संक्रमितों की तादाद में इजाफा हो रहा है और हर दूसरे दिन एक मौत। पंजाब में कुछ सामान्य नहीं है। 5 जून, शुक्रवार को जिला तरनतारन के कस्बे पट्टी में रहने वाले 45 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत हो गई। अमृतसर के श्री गुरु नानक देव अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। पंजाब में वायरस से मरने वालों की संख्या 49 हो गई है और 2447 लोग संक्रमित हैं। शुक्रवार को ही महानगर जालंधर में दोपहर तक 9 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है। 

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जालंधर में लगातार मरीज बढ़ रहे हैं और इसके चलते दहशत का आलम है। 5 जून को ही लुधियाना, होशियारपुर और अमृतसर में 10 लोग इन पंक्तियों को लिखने तक संक्रमित पाए गए। साफ है कि प्रतिदिन वायरस पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यानी केंद्र और राज्य सरकार के दावे दिन-प्रतिदिन हांफ रहे हैं कि कोरोना वायरस काबू में है। शीशे की मानिंद साफ है कि ऊपर से लेकर नीचे तक की सरकारी नीतियों और विसंगतियों के चलते पंजाब में कोरोना बदस्तूर बेकाबू हो रहा है।           

आलम यह है कि सूबे के सिर्फ फिरोजपुर और मानसा जिले ही फिलवक्त कोरोना मुक्त हैं। कुछ दिन पहले तक आधे जिले कोरोना मुक्त थे। अब औसतन विभिन्न जिलों में (फिरोजपुर और मानसा को छोड़कर) 24 घंटों में 60 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। 5 जून तक 1,06,989 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग से हासिल जानकारी के मुताबिक इनमें से 10 की हालत गंभीर है। बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि अभी कोरोना नहीं जाएगा और लोगों को इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। उन्होंने वही कहा, जो कई राज्यों के मुख्यमंत्री कह रहे हैं!               

पंजाब में कोरोना का संकट किस हद तक संगीन हो चला है, इसे इसी से समझा जा सकता है कि 4 जून को जिला बरनाला की एसएसपी, एसपी और एएसपी सहित 40 पुलिस मुलाजिम क्वारंटीन कर दिए गए। बरनाला पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिया गया एक नशा तस्कर कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो जिले का समूचा पुलिस महकमा संदिग्ध हो गया। उक्त तस्कर से एसएसपी संदीप गोयल, एसपी सुखदेव सिंह, एएसपी प्रज्ञा जैन और सीआईए स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर बलजीत सिंह ने पूछताछ की थी। 40 अन्य पुलिस मुलाजिम पूछताछ में शामिल थे या फिर इन पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा में तैनात थे। जैसे ही कथित नशा तस्कर के संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो हड़कंप मच गया और अधिकारियों सहित मुलाजिमों को क्वारंटीन कर दिया गया। गौरतलब है कि पुलिस विभाग अपराध रोकने के साथ-साथ ‘कोरोना आतंक’ से निपटने की ड्यूटी पर भी है। बरनाला का यह मंजर बहुत कुछ कहता-बताता है। पंजाब में कोरोना संक्रमितों की बाबत एक चिंताजनक पहलू यह है कि अब उनके ‘सोर्स’ का पता नहीं चल रहा। यानी स्वास्थ्य विभाग इसकी तह में नहीं जा पा रहा कि इन्हें कहां और किस व्यक्ति से संक्रमण हुआ। अकेले जालंधर में ही चार ऐसे मरीज हैं, जिनके सोर्स का पता नहीं चल पा रहा।            

स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव ईशा कालिया के निर्देश पर अब जालंधर में प्रतिदिन 700 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं जबकि पहले यह गिनती 300 ही थी। लुधियाना में डेढ़ हफ्ता पहले तक 500 लोगों के सैंपल लिए जा रहे थे और अब 1200 के। अमृतसर में यह आंकड़ा 400 से सीधे 850 को छू रहा है। जबकि पटियाला में 275 से 700 तक। यानी हालात बेहद गंभीर हैं। जालंधर में 4 जून को मिले संक्रमितों में से एक गर्भवती महिला भी है। लुधियाना में दो साल की बच्ची पॉजिटिव पाई गई और एक डॉक्टर दंपति। अमृतसर में भी एक डॉक्टर और एक चार साल का बच्चा पॉजिटिव हैं। खाड़ी और अन्य बाहर के देशों से आए लोग भी अपने साथ कोरोना लाए हैं। इसके ढेरों प्रमाण पंजाब में मिल रहे हैं।

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