श्रीनगरः जम्मू -कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वर्ष 2019 में बालाकोट हमलों के बारे में रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी और बार्क के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पार्थो दासगुप्ता के बीच लीक हुई बातचीत पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अति महत्व के मुद्दों को कम तर आंककर टीआरपी तमाशे में बदल दिया गया है और गलत बयानबाजी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचा है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस किसी ने भी वर्ष 2019 में बालाकोट हमलों की समय-समय पर आलोचना की उसे राष्ट्र विरोधी करार दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा “आज हम इस बात पर अडिग हैं कि चुनावों में यह किसी एक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था और इसे पुलवामा हमले के शहीदों का बदला लेने के लिए नहीं किया गया था।”

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जब जुलाई 2019 में केन्द्र सरकार ने पाकिस्तान के संभावित आतंकवादी हमले का हवाला देते हुए कश्मीर में लाखों सैनिकों की तैनाती की और पर्यटकों को यहां से निकाला गया। यह सब दुनिया के सामने झूठ बोला गया।” उन्होंने कहा कि इस सच्चाई को केवल भाजपा के पालतू एंकर ने ही साझा किया।

उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अति महत्व के मुद्दों को कम तर आंक कर टीआरपी तमाशे और निरर्थक बयानबाजी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचा है। लोगों को झूठे समाचारों के जरिए विश्वास में लिया जाता है, देश के भीतर और बाहर दुश्मनों होने की बातें कही जाती हैं। देश जानना चाहता है कि इसके लिए और कौन कितनी कीमत अदा करेगा।”

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