नई दिल्ली: कर्नाटक के आईएएस अफ़सर मोहम्मद मोहसिन को तब्लीग़ी जमात से जुड़े लोगों की तारीफ़ करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, मोहसिन ने कहा था कि जमात से जुड़े वे लोग जो कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं और प्लाज़्मा दे रहे हैं, ऐसे लोग हीरो हैं, मोहसिन ने यह भी लिखा था कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में ऐसे लोगों के योगदान को नज़रअंदाज किया जा रहा है, मोहसिन ने 27 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘300 से ज़्यादा तब्लीग़ी हीरोज देश के लिए प्लाज़्मा दे रहे हैं, लेकिन मीडिया क्या कर रहा है? वह इन हीरो के द्वारा किए जा रहे इस मानवता के काम को नहीं दिखाएगा,’
लेकिन कर्नाटक सरकार को मोहसिन का यह ट्वीट पसंद नहीं आया और उसने 30 अप्रैल को उन्हें नोटिस जारी कर दिया। मोहसिन को नोटिस का जवाब देने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है। एनडीटीवी के मुताबिक़, मोहसिन का कहना है कि उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय के संदेशों वाली 40 से 50 पोस्ट्स शेयर की थीं और इनमें मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान देने वाली पोस्ट भी शामिल थीं। लेकिन कर्नाटक सरकार को मोहसिन का यह ट्वीट पसंद नहीं आया और उसने 30 अप्रैल को उन्हें नोटिस जारी कर दिया, मोहसिन को नोटिस का जवाब देने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है,
एनडीटीवी के मुताबिक़, मोहसिन का कहना है कि उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय के संदेशों वाली 40 से 50 पोस्ट्स शेयर की थीं और इनमें मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान देने वाली पोस्ट भी शामिल थीं, मार्च में दिल्ली में हुए तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोग अपने-अपने राज्यों में गए तो वहां कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और कई लोगों की मौत भी हुई, लेकिन कोरोना संक्रमण से उबरे जमात के कई लोग प्लाज़्मा देने के लिए आगे आए, दिल्ली सरकार का दावा है कि इस थेरेपी के बेहतर परिणाम सामने आए हैं,
मोहसिन 1996 बैच के अफ़सर हैं और अभी कर्नाटक में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में सचिव के पद पर हैं, मोहसिन पिछले साल तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने उड़ीसा में हुई एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के विमान की तलाशी लेने का आदेश दिया था, इस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया था
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