Header advertisement

लॉकडाउन: गुजरात से घर वापस जा रहे प्रवासी मजदूरों ने 700 रुपये तक में ख़रीदा टिकट

नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के रेल भाड़े को लेकर चल रहे विवाद के बीच गुजरात से यूपी लौटने वाले मजदूरों ने दावा किया है कि उनसे टिकट के पैसे लिए गए, गुजरात के अहमदाबाद में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि उन्हें उत्तर प्रदेश जाने वाली श्रमिक एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए 600 से ज़्यादा रुपये देने पड़े, उन्हें नदियाड़ से गोरखपुर जाना था, एक प्रवासी मजदूर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘मैंने अपने पैसों से टिकट ख़रीदा, मैंने 690 रुपये दिए और उसमें ही मुझे ट्रेन के लिए खाना और पानी मिला, मैंने ये पैसे उस जगह दिए जहां अधिकारियों द्वारा हमारे बारे में जानकारी दर्ज की जा रही थी,’ 

यूपी के एक और मजदूर ने ऐसी ही कहानी बताई है, मजदूर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘जब अहमदाबाद में मेरा ट्रैवल पास बना तो मैंने अधिकारियों को 700 रुपये दिए, 635 रुपये का टिकट था और बाक़ी पैसे उन्होंने वापस कर दिए,’ ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, सूरत से झारखंड जाने वाले मजदूरों ने भी दावा किया है कि उन्होंने अपने पैसों से ट्रेन का टिकट ख़रीदा है, कई मजदूरों ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं और वे टिकट भी नहीं ख़रीद सकते, कुछ ने कहा कि उन्होंने अपने मालिकों से उधार लेकर टिकट के पैसे चुकाए हैं, इंडिया टुडे के मुताबिक़, इन लोगों ने टिकट के लिए अधिकतम 700 रुपये तक चुकाए हैं,

रेलवे की ओर से चलाई गई इन श्रमिक स्पेशल ट्रेन में भाड़े को लेकर ख़ासा विवाद हो चुका है, रेलवे के सर्कुलर में लिखा गया था कि राज्य सरकारों को मजदूरों को टिकट देना होगा और उनसे इसके पैसे लेकर रेलवे को देने होंगे, इस पर कांग्रेस की ओर से जब प्रवासी मजदूरों के ट्रेन भाड़े का ख़र्च उठाने की घोषणा की गई तो ख़ासा हंगामा मच गया, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रवासी मजदूरों से किराया वसूला जा रहा है, सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम भी मैदान में उतर गए,

बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि टिकट का 85 फ़ीसदी पैसा रेलवे देगी जबकि 15 फ़ीसदी राज्य सरकारों को देना होगा, बीजेपी का दावा है कि विपक्षी दलों वाली राज्य सरकारें मजदूरों से वापस आने के पैसे ले रही हैं

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *