नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सीएम उद्धव ने सहयोगी पार्टियों की बैठक बुलाई है, दरअसल, राहुल गांधी ने कल कहा था कि हम महाराष्ट्र में डिसिजन मेकर नहीं हैं, इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया, अब सीएम की ओर से आनन-फानन में सहयोगियों की बैठक बुलाई गई है,

हालांकि, शिवसेना के मुखपत्र सामना ने बुधवार को अपने संपादकीय में लिखा कि महाराष्ट्र में सरकार स्थिर है, शिवसेना का बयान उस समय आया है, जब एनसीपी चीफ शरद पवार ने पहले राज्यपाल बीएस कोश्यारी और फिर सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, इसके बाद उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडराने के कयास लगाए जा रहे थे,

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संपादकीय में कहा गया है कि शरद पवार और संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी, शरद पवार कई मौकों पर ठाकरे से मातोश्री में मिल चुके हैं, संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में ये बैठकें नियमित और स्थिर हैं,

बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग करने वालों को गुजरात में ऐसी मांग करनी चाहिए, अगर उनमें हिम्मत है, राज्यपाल को ऐसी विपक्षी पार्टी की खिंचाई करनी चाहिए जो कोरोना पर राजनीति कर रही है, उद्धव सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं, ये लोग कह रहे थे कि सरकार 11 दिनों तक नहीं चलेगी, सामना के संपादकीय में लिखा गया कि हमारे पास 170 विधायकों के साथ एक मजबूत सरकार है, अगर यह आंकड़ा 200 हो जाता है तो विपक्ष को हमें भविष्य में दोष नहीं देना चाहिए

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