मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सटीक राजनीति ने कांग्रेस को मात दे दी। दरअसल कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बिगड़ गया । जिससे साफ समझ आने लगा था कि राज्यसभा की 3 में से दो सीटें बीजेपी को जाएंगी।
राज्य सभा चुुुनाव के लिए 206 विधायकों ने अपने मत का प्रयोग किया। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 52 वोट चाहिए थे। भजपा के पास अपने 107 विधायक हैं जिससे उनके दोनो उम्मीदवारों की जीत पहले से सुनिश्चित थी। नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहे।
भाजपा के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य को 56 वोट और सुमेर सिंह सोलंकी 55 वोट मिले, दोनो की जीत हुई। ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह दोनो ही पहली बार राज्यसभा जाएंगे। कांग्रेस छोड़ कर भजपा जॉइन करने के बाद भजपा ने उन्हें राज्यसभा के टिकट दिया था। वहीं सुमेर सिंह पेशे से प्रोफेसर व पूर्व सांसद मानक सिंग के भतीजे हैं। सोलंकी अनुसूचित जाति से आते हैं साथ ही वो संघ से जुड़े रहे हैं।
वहीं विधायकों की संख्या कम होने की वजह से कांग्रेस के सिर्फ एक ही उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को चुनाव में जीत मिल सकी। कांग्रेस ने भी राज्यसभा में अपने दो उम्मीदवार उतारे थे जिसमें दूसरा नाम फूल सिंह बरैया का था जिन्हें सिर्फ 36 वोट ही मिले। दिग्विजय सिंह को 57 वोट मिले अब वो दूसरी बार राज्य सभा जा रहे हैं।
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