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आ’तंकी विकास दुबे के नाटकीय सरेंडर पर नेहा भारती का योगी सरकार पर हम’ला, विकास की जगह वकास होता तो….

शमशाद रज़ा अंसारी

तीन जुलाई को पुलिसकर्मियों की ह’त्या से शुरू हुआ मौ’त का खेल दस जुलाई को विकास दुबे की ह’त्या पर जाकर रुका है। तीन जुलाई की रात को पुलिस ने कानपुर के बिकरू में विकास दुबे के घर में द’बिश दी। दबिश के दौरान विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर फा’यरिंग कर दी। जिसमें सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गये। इस दौरान विकास दुबे फ़रार हो गया। इस घटना के बाद देश प्रदेश में उबाल आ गया हर कोई इसे उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामी बताते हुये सरकार की आलोचना करने लगा।

लगभग एक हफ्ते की लुकाछुपी के बाद आख़िरकार विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर मन्दिर से नाटकीय अंदाज़ में गिरफ़्तार कर लिया। मन्दिर में विकास दुबे ने 251 रूपये की रसीद कटवाने के बाद वहाँ उपस्थित गार्ड से कहा कि मैं विकास दुबे हूँ कानपुर वाला।

सूचना देने पर मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ कर उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हवाले कर दिया।  पुलिस के अनुसार एसटीएफ द्वारा कानपुर ले जाते समय कानपुर लगभग 25 किमी दूर भौंती में कार के सामने भैंसों का झुण्ड आ गया। झुण्ड से बचने के प्रयास में जिस गाड़ी में विकास जा रहा था वो पलट गयी। विकास गाड़ी में मौज़ूद पुलिसकर्मियों के ह’थियार लेकर भाग गया। जिसे थोड़ी देर बाद पुलिस ने मुठभेड़ में मा’र गया।विकास के सरेंडर करने तथा पुलिस की कहानी में कई झोल होने के कारण प्रदेश सरकार तथा यूपी पुलिस पर विपक्ष तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ह’मला बोल दिया।

उत्तर प्रदेश प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि SC की निगरानी में एन’काउंटर की जांच होगी, तभी खुलेंगे पुलिस-अपराधियों में गठजोड़ के राज़। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि अपराधी का अंत हो गया,

मगर उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा?दिल्ली की मशहूर सोशल ऐक्टिविस्ट नेहा भारती (Neha Bharti) ने भी एक ट्वीट कर यूपी की योगी सरकार पर हम’ला बोला है। नेहा भारती ने ट्वीट किया कि ‘’ख़बर-उज्जैन के मं’दिर में महाकाल के दर्शन करके आ’तंकी विकास दूबे ने किया स’रेंडर।सवाल-अगर आ’तंकी का नाम विकास नही ‘वकास’ होता और वो मं’दिर में नही म’स्जिद में मिला होता तो। वैसे मं’दिर में छुपा था या फँसा था’’

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