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राहुल गांधी ने पूछा- ‘ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र जमीन को चीन ने छीन लिया?’

नई दिल्ली: राहुल गाँधी ने चीन मुद्दे पर अब फिर से सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा है, उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र ज़मीन को चीन ने छीन लिया? उन्होंने यह सवाल तब किया है जब दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की ख़बरें हैं, फिर भी इन मामलों के जानकार कह रहे हैं कि चीन अभी भी भारत की ज़मीन पर क़ब्ज़ा जमाए बैठा है, चीन द्वारा लद्दाख क्षेत्र में पीछे हटने की ख़बरों के बीच ही जानकार आशंका जता रहे हैं कि चीन यह दिखावा कर रहा है और उसका मक़सद भारतीय ज़मीन को छोड़ना नहीं है,

राहुल ने ट्वीट में यह सवाल जिस ख़बर को शेयर करते हुए पूछा है उसमें पूर्व में सेना में रहे और रणनीतिक मामलों के जानकार कर्नल अजय शुक्ला ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने लद्दाख में चीनी सेना के पीछे हटने के बारे में सही जानकारी नहीं दी है, शनिवार को ‘द वायर’ को दिए एक इंटरव्यू में कर्नल अजय शुक्ला कहते हैं: ‘चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में और गोगरा हाइट्स पर पीछे हटने से इनकार कर दिया है… क़रीब 1,500 सैनिक दोनों ओर से टकराव की स्थिति में हैं,’

रिपोर्ट के अनुसार अजय शुक्ला का कहना है कि वह हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में अपने दावे के प्रति बहुत आश्वस्त हैं, उनका कहना है कि कई स्रोतों ने उन्हें यह जानकारी दी है और वे दूसरों से बात करने और यह पता लगाने के लिए सेना के स्रोतों से आगे निकलकर जानकारी जुटाई है, इसे वह पूरी तरह सच बताते हैं, राहुल गाँधी चीन के मंसूबे और भारत चीन सीमा पर वास्तविक स्थिति के बारे में देश को जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते रहे हैं, 15 जून को जब सीमा पर चीन के साथ झड़प हुई थी और 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे तब से ही सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि भारत को चीन से इसका बदला लेना चाहिए, उस झड़प के बाद से ही राहुल गाँधी कहते रहे हैं कि चीन ने हमारी ज़मीन पर क़ब्ज़ा किया है और चीन को अपनी ज़मीन सो पीछे धकेलना चाहिए,

इससे पहले शनिवार को भी राहुल ने पीएम पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि ‘वह चीन के मुद्दे पर अभी भी झूठ बोल रहे हैं और देश को धोखा दे रहे हैं,’ उन्होंने इसके आगे कहा था,  ‘हमें अपने स्टैंड पर अडिग रहना होगा, राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सीमाएँ कमज़ोर न हों

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