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जानिये दो सौ रूपये नही थे तो युवकों ने ऑटो चालक के साथ क्या किया !

शमशाद रज़ा अंसारी

अपराधों की बाढ़ के बीच में जनपद ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने एक बेहद सराहनीय कार्य को अंजाम दिया है। जनपद पुलिस ने लोनी में डेढ़ महीने पहले मिले शव की हत्या का खुलासा करते हुये खन्नानगर जाने वाले रास्ते के कट से शुक्रवार रात्रि दो अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया है। ऑटो चालक की हत्या केवल दो सौ रूपये के लिए की गयी थी। ज्ञात हो कि 17 जून की रात्रि में ऑटो चालक मोईद्दीन पुत्र अब्बास निवासी पुस्ता नंबर-3 उस्मानपुर थाना उस्मानपुर दिल्ली की थाना लोनी के अशोक विहार क्षेत्र में हाजी बाबू की बन्द पड़ी मीट फैक्ट्री के पीछे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चाकू मारकर हत्या कर दी गयी थी। जिसके सम्बन्ध में थाना लोनी में 18 जून को मुकदमा पंजीकृत किया गया था.

वारदात के खुलासे के लिए टीम गठित की गयी थी। टीम द्वारा आस-पास के लगभग 50 संदिग्ध व्यक्तियों एवं पूर्व में लूट, हत्या जैसी जघन्य घटनाओं में संलिप्त व्यक्तियों से काफी पूछताछ तथा मुखबिरों से इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर तथा घटना के समय की आस-पास की मोबाईल फोनों की लोकेशन तथा अन्य तकनीकि सहायता जैसे सर्विलांस आदि की मदद ली गयी थी। चूंकि ऐसी घटनाओं के खुलासे में सर्विलांस का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन मृतक तथा गिरफ्तार शुदा दोनों अभियुक्तगण मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करने के कारण सर्विलांस का प्रयोग निरर्थक साबित हुआ जिससे घटना के सफल अनावरण में काफी कठिनाई सामने आयी परन्तु कुशल निर्देशन मुखबिरों का उचित तरह से इस्तेमाल एवं अन्य सुरागरसी पतारसी आदि से घटना का सफल अनावरण किया गया। घटना का सफल अनावरण करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस टीम को 15 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

पूछताछ करने पर पकड़े गये अभियुक्तगणों ने बताया कि हम दोनों अशोक विहार लोनी में रहते हैं। 17 जून को आफताब अपने दोस्त मोनू उर्फ शेर खान के साथ अपनी माँ से मिलने तथा पैसे लेने उस्मानपुर दिल्ली गया था। परन्तु वहाँ माँ के न मिलने के कारण पैसे नहीं मिले। हमारे पास जो कुछ पैसे बचे थे, वह हमने वहीं खर्च कर दिये थे। रात्रि में वापस आते समय हम दोनों ने 17 जून की रात्रि पुश्ता नं0 3 उस्मानपुर दिल्ली ऑटो स्टैण्ड से एक ऑटो वाले को अशोक विहार लोनी के लिए 200 रुपये में बुक किया था। हम दोनों ऑटो वाले को हाजी बाबू की बन्द पड़ी फैक्ट्री के पीछे ले गये थे। वहीं ऑटो रुकवाकर पैसे न होने के कारण हम दोनों उतरकर भागने लगे। ऑटो वाले ने हम दोनों को पकड़ लिया तथा अपने किराये के 200 रुपये मांगने लगा।

इससे हम लोगों को गुस्सा आ गया तब मोनू उर्फ शेर खान ने ऑटो वाले को पीछे से पकड़ लिया तथा आफताब के पास छुरा था। आफताब ने छुरा निकालकर ऑटो चालक के पेट में कई बार घोंप दिया। जिससे उसकी मृत्यु मौके पर ही हो गयी। हम दोनों डर कर मौके से फरार हो गये। हमने रास्ते में भागते समय छुरा झाडियों में फेंक दिया। घटना के बाद आफताब बिजनौर चला गया तथा मोनू उर्फ शेरखान गोहाना हरियाणा में फैक्ट्री में काम करने के लिए चला गया। हत्या में प्रयुक्त छुरा अभियुक्त आफताब की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है।पकड़े गये अभियुक्तों आफताब पुत्र रमजानी तथा मोनू उर्फ शेरखान पुत्र मौ0 शमशाद निवासीगण अशोक विहार पीर के सामने वाली गली में तीसरी गली लोनी को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।

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