बाराबंकी (यूपी) : रविवार को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित अगस्त क्रान्ति की 78वीं वर्षगांठ पर देवा रोड स्थित गांधी भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण, डा. लोहिया, अरुणा आसफ अली, अचुत्य पटवर्धन सहित महान क्रांति के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गांधी जयन्ती समरोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि जब भारत छोड़ो आन्दोलन के 25वीं वर्षगांठ मुम्बई के प्रसिद्ध समाजवादी नेता 95 वर्षीय जी.जी.पारिख का पत्र स्व. डा. राम मनोहर लोहिया को मिला। चूंकि डा. लोहिया पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के सम्बन्ध में 9 अगस्त को उसमें भाग नही ले सकें लेकिन उन्होने कहा कि 9 अगस्त जन्म दिवस है.
कोई दिन ऐसा आयेगा जब 9 के सामने 15 अगस्त फीका पड़ेगा। हिन्दुस्तानी अमरीका और फ्रासं के 4 और 14 जुलाई जो जन दिवस हैं की तरह 9 अगस्त को मनायेगा। यह भी हो सकता है कि हिन्दुस्तानी कभी अपना बंटवारा खत्म करें और उसी के साथ-साथ यह उससे पहले 15 अगस्त को भूल जाने की कोशिश करें। इस पत्र के उत्तर की प्रति उन्होने नाथ पाई को भी भेजी.
गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि पूरे वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित कर 9 अगस्त को जन क्रांति दिवस के रुप में मनाने की मांग रखेगी। शर्मा ने कहा कि भारतीय समाज में गांधी के उजात गांधी वादी (समाजवादी) शिष्यों ने 9 अगस्त की क्रांति को अपने बलबूते पर युवा नेताओं ने कांग्रेस के पुराने नेतृत्व के इच्छा के विरुद्ध भारत छोड़ो आन्दोलन को पूरी शक्ति के साथ मनाया और उसके चलते यूपी का बलिया जिला कुछ समय के लिये स्वतंत्र हुआ। जिसके कलेक्टर को गिरफ्तार किया गया। सैकड़ो पुलिस स्वतंत्र हुए लेकिन यह इच्छा थोड़े समय तक ही रही.
प्रसिद्ध समाजवादी नेता रिजवान रजा ने बताया कि आज 9 अगस्त बलिया से लेकर बदायूं सैसवान में सै. सगीर अहमद तथा बांदा में जमुना प्रसाद बोस तथा कई समाचार पत्रों के सम्पादक रहे धीरेन्द्र श्रीवास्तव तथा प्रो. राजकुमार जैन और एसएस नेहरा सुप्रीम कोर्ट ने इन महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा व विनय कुमार सिंह गुड्डू ने कहा कि पूरे वर्ष 42 की क्रांति के शहीदों को नई पीढ़ी के त्याग अवगत कराया जायेगा.
उपरोक्त गोष्ठी में नीरज दूबे, मनीष सिंह, पी.के. सिंह, शिवा शर्मा, रवि प्रताप सिंह, तौफीक अहमद, मो. एख्लाक, मो. रईस इत्यादि ने भाग लिया और लाॅक डाउन का पालन करते हुए सभी लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम 9 से 15 अगस्त तक डा. लोहिया की सत्य क्रांतियों के रुप में सात दिनों तक व्यक्ति रुप से लोग अपने अपने स्थानों पर सत्य क्रांति के रुप मनायेगी.
ब्यूरो रिपोर्ट, बाराबंकी
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