नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रहे मशहूर वकील जफरयाब जिलानी की कुछ तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। इन तस्वीरों में जफरयाब जिलानी भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित करते नज़र आ रहे हैं। राम मन्दिर के शिलान्यास के फौरन बाद वायरल हुई इन तस्वीरों के कारण लोगों ने जफरयाब जिलानी के चरित्र पर ऊँगली उठाना शुरू कर दिया है।सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें बाबरी मस्जिद का सौदागर तक बता दिया है। मुस्लिमों में बड़ा नाम होने तथा बाबरी मस्जिद के वकील होने के कारण उनके द्वारा इस तरह भारत माता की मूर्ती के सामने दीप प्रज्वलित करने से इस तरह की बातों का सामने आना स्वभाविक भी है। हालाँकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उनके दीप प्रज्वलित करने को बाबरी मस्जिद से जोड़ कर नही देख रहे। उनका कहना है कि बड़ा नाम होने के कारण किसी भी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने पर यह सब करना पड़ जाता है। इससे किसी के चरित्र का फैसला नही कर सकते।

भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित करना कैसे प्रचलन में आया

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बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से संघ परिवार द्वारा किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत से पहले भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित करने का सिलसिला शुरू किया गया था। जिसके बाद अब अक्सर धार्मिक, सांस्कृतिक या ‘राष्ट्र’ के नाम पर होने वाले किसी भी कार्यक्रम में भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित किया जाने लगा। हिंदू समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम में गणेश की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित किया जाता था, लेकिन अब उसकी जगह आरएसएस द्वारा शुरु की गई ‘परंपरा’ ने ले ली है।

हिन्द न्यूज़ से बोले जफरयाब जिलानी

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर और उस पर हो रहे बवाल को लेकर हिन्द न्यूज़ ने जफरयाब जिलानी का पक्ष जानने के लिए उनसे बात की तो उन्होंने वायरल तस्वीर की पुष्टि करते हुये बताया कि शमा (दीप) का कोई धर्म नहीं होता इसलिए मुझे इसमें कोई भी आपत्ति जनक बात नहीं लगती।

जब हिन्द न्यूज़ ने उनसे तस्वीर के सामने दीप जलाने की  बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि तस्वीर पर माल्यार्पण तो पहले ही हो चुका था, मैंने तो सिर्फ उसके सामने रखी मोमबत्ती (दीप)को रौशन किया, इससे मुझे कोई आपत्ति नहीं, क्योंकि मैंने सिर्फ शमा रौशन की है, वो भी काफी फासले से।

जफरयाब जिलानी के अनुसार हम एक बहुसांस्कृतिक देश में रहते हैं और भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित करना उसी का हिस्सा है। उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में मैंने पहले उलेमा (मुस्लिम धर्मगुरुओं) से मालूम भी किया था उन्होंने कहा था कि इस में कोई बुराई नहीं है

सोशल मीडिया पर दो खेमे में बंटे लोग

जफरयाब जिलानी द्वारा दीप प्रज्वलित करते हुये वायरल हुई तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कोई उनका चरित्र हनन कर रहा है तो कोई उनके दीप प्रज्वलित करने को सामान्य क्रिया बता रहा है।

फेसबुक की पोस्ट पर कमेंट करते हुये एक यूज़र ने कहा कि “बाबरी मस्जिद प्रकरण ने जफरयाब जिलानी को देश भर में पहचान दिलाई, देश भर के मुसलमान जफरयाब जिलानी को बाबरी मस्जिद के कारण जानते हैं। जफरयाब जिलानी जिस तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर आए, वह तस्वीर भी आरएसएस द्वारा थोपी हुई तस्वीर ही है, उसके हाथ में भी तिरंगा नहीं बल्कि भगवा ही है। फिर भी जफरयाब जिलानी को इसमें कुछ गलत नहीं लगता?”

एक अन्य फेसबुक यूज़र लिखते हैं कि “बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनने से पहले बाबरी मस्जिद कमेटी के दो सदस्यों ने इस्तीफा दिया था जब उनसे पूछा गया कि इस्तीफा क्यों दिया? तो उन्होंने जवाब दिया अब बाबरी मस्जिद को बेचने वाले आ गए है अब मस्जिद नहीं बचेगी।” जफरयाब जिलानी के समर्थन में एक फेसबुक यूज़र ने लिखा “जफरयाब जिलानी एक बड़ा नाम हैं। उनका इस तरह के कार्यक्रमों में जाना और मुख्य अतिथि होने के नाते दीप प्रज्वलित करना कोई ग़लत बात नही है।”

एक अन्य फेसबुक यूज़र लिखते हैं कि “इस तरह दीप जलाने से किसी के चरित्र पर प्रश्न चिन्ह नही लगा सकते। यदि जफरयाब जिलानी बाबरी मस्जिद को बेचने वाले होते तो वो इस तरह दीप प्रज्वलित करते हुये फोटो क्यों लेने देते? यदि उन्होंने मस्जिद का सौदा किया होता तो वह संघ को लताड़ते रहते और मुस्लिमों के हीरो बने रहते, जफरयाब जिलानी मस्जिद की क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे थे वह कोई नेता नही थे जो इस तरह के कार्यक्रमों से परहेज़ करते।”

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