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अनलॉक 3.0 : 1 सितंबर से खुल सकते हैं स्कूल , शुरुआत 10वीं, 12वीं से, टीचर्स का क्या होगा? क्या स्कूल प्रबंधन उन्हें निकाल देगा या रोटेशन पर ड्यूटी लगाएगा

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए अनलॉक के रूप में यथासंभव राहत भी दी जा रही है। हालांकि एक सवाल पूरे देश में बना हुआ है कि स्कूल कब खुलेंगे? इस बारे में केंद्र सरकार फैसला लेगी या राज्य ही तय करेंगे? बहरहाल, केंद्र सरकार के मिले ताजा संकेत इशारा कर रहे हैं कि 1 सितंबर 2020 से चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने तय किया है कि 1 सितंबर 2020 से 14 नवंबर तक चरणबद्ध तरीके में स्कूल कॉलेज खोल दिए जाएं.

केंद्र सरकार 31 अगस्त कर इस संबंध में अपनी गाइडलाइन जारी कर देगी। हालांकि इस बारे में आखिरी फैसला राज्य सरकारों का होगा। मीडिया रिपोट्स के अनुसार, शुरुआत 10वीं और 12वीं की कक्षाओं से हो सकती है। पहले 15 दिन इन बच्चों को तय व्यवस्था के तहत स्कूल बुलाया जाएगा। व्यवस्था यह है कि यदि कक्षा 10 में चार सेक्शन हैं तो सेक्शन ए और सेक्शन सी के आधे बच्चे निर्धारित दिनों में आएंगे और बचे हुए दिनों में बचे हुए सेक्शन के आधे बच्चे आएंगे। स्कूल केवल 5 से 6 घंटे लगेंगे। इनमें से 2 या 3 घंटे तक ही बच्चों को क्लास में बैठना अनिवार्य किया जाएगा.

शिफ्ट में लगेंगे स्कूल

केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए मसौदे के मुताबिक, स्कूल शिफ्ट में लगेंगे। पहली शिफ्ट सुबह 8 से 11 और दूसरी 12 से 3 बजे तक रहेगी। बीच में सेनिटाइजेशन के लिए 1 घंटे का ब्रेक रहेगा। स्कूलों से कहा जाएगा कि वे 33 फीसदी टीचिंग स्टाफ के साथ काम करें। इस बारे में सबसे पहले असम सरकार की ओर से बयान आया था। असम सरकार ने कहा था कि वे 1 सितंबर से स्कूल खोलने को तैयार है, लेकिन पहले केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार करेंगे। माना जा रहा है कि अन्य सरकारें भी राज्य सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रही हैं.

केंद्र सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण कम है, वहां स्कूल जल्दी खुल सकते हैं। हालांकि यहां भी केंद्र द्वारा जारी होने वाली गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा। हालांकि इस बारे में पूरी तरह से फैसला राज्यों का होगा, लेकिन माना जा रहा है कि जहां कम केस हैं, वहां 1 से 5 अगस्त के बीच स्कूल खोले जा सकते हैं। पूरी व्यवस्था में टीचर्स के लिए संकट गहर रहा है। गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलो को महज 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम चलाना होगा, तो सवाल है कि बाकी टीचर्स का क्या होगा? क्या स्कूल प्रबंधन उन्हें निकाल देगा या रोटेशन पर ड्यूटी लगाएगा। गाइडलाइन सामने आने के बाद इस पर टीचर्स एसोसिएशन की प्रतिक्रिया अहम होगी.

रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई

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