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UP में 69000 प्राइमरी शिक्षक भर्ती में धांधली व ओबीसी, एससी वर्ग के साथ किया गया अन्याय : रवीश कुमार

रवीश कुमार

विषय:- *उत्तर प्रदेश में 69000 प्राइमरी शिक्षक भर्ती में धांधली व ओबीसी,एससी वर्ग के साथ किया गया अन्याय।

मेरा नोट: आगे पत्र पढ़ने से पहले मेरी बात सुनें। ऐसे मैसेज मुझे क्यों भेजे जाते हैं? मेरे दिखाने या यहाँ लिखने आज तक कुछ नहीं हुआ तो इस बारे में क्यों हो जाएगा? मैसेज भेजने वाले भी कम परेशान नहीं है। जुझारू तो हैं इसलिए कभी ट्विटर पर ट्रेंड कराते हैं कभी प्रियंका गांधी को ट्विट करने के लिए मजबूर करते हैं। दिन भर कुछ न कुछ करते रहते हैं। अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करते हैं। कई महीने बीत गए मगर कुछ नहीं हुआ। तो इन्हें अब मैसेज नहीं करना चाहिए। नहीं होगा। सरकार अगर अन्याय कर लेगी तो इस सामाजिक तबके के  सांसदों और विधायकों की संख्या कम तो नहीं है। उसका अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा। ये नेता भी चुप नहीं रहेंगे। त सरकार क्यों आफ़त मोल लेगी? पूरी राजनीति बदल जाएगी। इसलिए हमें न भेजें। हमारे लिखने बोलने से कुछ होता नहीं है। उल्टा गाली पड़ती है। फिर भी लिख दे रहा हूँ आप कमेंट बाक्स में देख लें कि कितने लोग आपकी परेशानी को समझना भी चाहते हैं।

अब यहाँ से पत्र है –

“एमआरसी में बदलाव से आरक्षित वर्ग का अनारक्षित में चयन न कर आरक्षित में किया गया समायोजन,आरक्षित वर्ग की हुई है हकमारी”

बेसिक शिक्षा परिषद की ऒर से जिला आवंटन में 67,867 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।चयनित सूची में यह उल्लेख नहीं किया गया कि अभ्यर्थी का गुणांक क्या है और अभ्यर्थी किस वर्ग का है?और किस वर्ग में उसे सीट दी गयी।जबकी अभी तक बेसिक की हर भर्ती में इसका जिक्र होता रहा है।ताकि पारदर्शिता बने रहे।पर 69000 परिषदीय शिक्षक भर्ती में जमकर धांधली व हेरफेर कर आरक्षित वर्ग की हकमारी की गई है।यही नहीं सामान्य वर्ग के कुछ लोगो को ओबीसी बना दिया गया।और उन्हे मेरिट में जिला भी अलॉट किया गया है।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती में ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय किया गया है।एमआरसी सिस्टम(मेरिटोरियल रिजर्व कंडीडेट) में बदलाव से 15 हजार से अधिक ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है और जो सीटें कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर ओबीसी,एससी को मिलनी चाहिए थी,उसे सामान्य वर्ग को दे दिया गया। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती में ओबीसी,एससी की तमाम जातियों के साथ सरकार ने अन्याय किया है।13 मई,2020 के उच्च न्यायालय के निर्णय की आड़ में एमआरसी में बदलाव से 15 हजार से अधिक आरक्षित वर्ग की हकमारी हुई है।कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर आरक्षित वर्ग के जिन अभ्यर्थियों का समायोजन व चयन अनारक्षित में होना चाहिए था,उन्हें उनके कोटे में सीमित कर सामान्य वर्ग को कब्जा दिला दिया गया है।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा पिछड़ी जातियों, तथा अनुसूचित जाति के साथ चुपचाप बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से घपलेबाजी का खेल खेला गया है। पिछडे वर्ग कि यादव, निषाद, मौर्य, कुशवाहा, जाट, गूजर, सैनी, बिन्द, प्रजापति, विश्वकर्मा, कश्यप, साहू, सबिता, लोधी, जोगी, राजभर, जाति के युवाओं के साथ साज़िश कर घोर सामाजिक अन्याय किया गया।सफल घोषित अभ्यर्थियों की सूची में भी बड़ा खेल किया गया,सवर्णों को पिछड़ी जाति घोषित कर दिया गया।

सामान्य वर्ग के 36,614 अभ्यर्थियों के लिए 34,500 पद, ओबीसी के 84,868 अभ्यर्थियों के लिए 18,630 पद, एससी के 24,908 अभ्यर्थियों के लिए 14,490 पद व एसटी के 270 अभ्यर्थियों के लिए 1,380 पद निर्धारित किया गया।नियमानुसार उच्च मेरिट के सफल अभ्यर्थियों का चयन अनारक्षित सीटों पर करना चाहिए।फिर आरक्षित श्रेणी के पदों को उनकी मेरिट से भरा जाना चाहिये,परन्तु ऐसा न कर उच्च मेरिटधारी अभ्यर्थियों को उनके लिए आरक्षित खांचे में सीमित कर अन्याय किया गया है।वर्तमान  सरकार के कुछ मंत्री और कुछ अधिकारियो की पिछड़ा-दलित विरोधी नीतियों से, उच्च मेरिट होते हुए भी ओबीसी,एससी की सामान्य वर्ग  से उच्च मेरिट होने के बाद भी उनका हक छीनने का षड्यंत्र किया गया।जिससे ओबीसी के 15 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से बड़ी चालाकी से रोक दिया गया।

 हरदोई में 2450 सीट में अनारक्षित 1225 सीट के सापेक्ष 1525 सामान्य वर्ग का चयन कर दिया गया,सीधे सीधे एक ही जिले में ओबीसी,एससी की 300 सीट का घोटाला किया गया है।शाहजहाँपुर में 1450 सीट में 725 के 880 सामान्य वर्ग का चयन हुआ है,यहां भी ओबीसी,एससी की 155 सीट की धाँधली की गई है।* ओवरलैपिंग भी नहीं हुई है।ओबीसी,एससी के जो अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेरिट के बराबर या अधिक कट ऑफ पाए हैं,उन्हें भी अनारक्षित में समायोजित न कर उनके निर्धारित कोटे में कर दिया गया,जो आरक्षण नियमावली व मा.उच्चतम न्यायालय के निर्णय का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। सामान्य वर्ग व अन्य पिछड़ावर्ग के गुणांक में मात्र 0.4 % का अंतर है।सामान्य वर्ग का गुणांक 67.1 व ओबीसी का 66.7 तथा एससी का 61.5  है।नियमतः सामान्य वर्ग के 31 हजार तक कि रैंक का चयन होना चाहिए लेकिन लगभग 50 हजार रैंक तक को चयनित कर दिया गया है।

 MRC ऑर्डर में साफ साफ लिखा है कि पहले सभी सीटो को आरक्षण के नियम से भरा जाये ।बाद में उनको मेरिट के हिसाब से जिला आवंटन हो। पर यहां तो ये दोनो काम साथ साथ किये गये।जिससे ओबीसी और अनुसूचित के 15000 से आधिक लोग भर्ती में चयन से बाहर हो गये और उनकी जगह सामान्य श्रेणी के लोग आ गये। हमने आज सचिव जी से बात की उन्हे कहा की शासन का आदेश है।वो सुनने को तैयार नही है ना अपनी गलती मानने को।हम लोगो के अधिकारो का हनन हुआ है। हम सिर्फ ये चाहते है कि पहले 69000 सीटो पर आरक्षण के नियम अनुसार कैंडिडेट को चयन मिले,MRC नियम बाद में उन चयनित लोगो को जिला आवंटन की वरीयता में लागू किया जाये। जैसा की कोर्ट के ऑर्डर में साफ साफ लिखा है। कृपया हम पिछडी और अनुसूचित जाति की मदद करे। हमारे साथ अन्याय ना करे.       धन्यवाद.

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