Header advertisement

विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण कमेटी की मीटिंग में 5 FIR पर भी चर्चा : पुलिस ने एक जैसी कहानी बनाकर एक ही समुदाय के लोगों के खिलाफ केस बना दिया है, कहानी एक जैसी है बल्कि मज़मून भी एक जैसा है : अमानतुल्लाह खान

नई दिल्ली : एक बहार फिर उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों को लेकर दिल्ली विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें दंगों से संबंधित विभिन मुद्दों पर चर्चा हुई। मीटिंग में कमेटी के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के अलावा सीलमपुर से विधायक अब्दुर्रहमान ,मुस्तफाबाद से विधायक हाजी यूनुस, विधायक जरनैल सिंह विशेष तोर पर उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार आज की मीटिंग में उत्तर पूर्वी और शाहदरा ज़िले के जिला मजिस्ट्रेट, दोनों ज़िलों के सभी उप जिला अधिकारी, ग्रह सचिव और राज्सव विभाग के डिवीज़नल कमिश्नर को तलब किया गया था।

मीटिंग में सबसे मुख्य मुद्दा दिल्ली पुलिस द्वारा विधानसभा की कमेटी को दंगों से संबंधित एफआईआर की कॉपी उपलब्ध न कराय जाने का मुद्दा चर्चा का विषय रहा जिसपर कमेटी के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने ग्रह सचिव को निर्देश दिया की वो इस संबंध में पुलिस से स्पष्टीकरण मांगें की दिल्ली पुलिस दंगों से संबंधित एफ़आईआर उपलब्ध कराने से कि बच रही हे जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की एफ़आईआर पब्लिक डोमेन में होनी चाहियें।

मीटिंग के बीच ऐसी 5 एफ़आईआर पर भी चर्चा हुई जिनमें पुलिस ने एक जैसी कहानी बनाकर एक ही समुदाय के लोगों के खिलाफ केस बना दिया है। इन पाँचों एफ़आईआर की न सिर्फ कहानी एक जैसी है बल्कि मज़मून भी एक जैसा है। जबकि आज कई ऐसे वीडियो भी मीटिंग के बीच चलाए गए जिनमे दँगाईयों की साफ़ पहचान हो रही है मगर पुलिस ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की है विशेष तोर पर फैज़ान नामी वयक्ति का वीडिओ चलाया गया जिसमे कई पुलिस वाले एक वयक्ति को मार रहे है और नारे भी लगवा राह है जिसकी बाद में मोत हो जाती है, कमेटी ने ग्रह सचिव से पुछा की इन दंगाइयों के विरुद्ध किया कार्रवाई की गई ?

इसके अलावा आज मीटिंग में तीन ऐसे दंगा पीड़ितों को भी पेश किया गया जिनमें दो महिलाओं का घर लूट लिया गया था जबकि एक वयक्ति के भाई की दंगे में मृत्यु होगई थी मगर पुलिस ने आज तक ऍफ़ आई आर नहीं लिखी। इन पीड़ितों ने सभी अधिकारयों को कमेटी के सामने अपनी आप बीती सुनाई जिसपर कमेटी ने तरुंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मीटिंग के बीच सबसे ज़्यादा चर्चा मुआवज़े के ऐसे केसों पर रही जिनमे बहुत सारी कमियां पाई गई ,कई केस ऐसे कमेटी के पटल पर रक्खे

 गए जिनमे 8 /10  लाख का नुकसान हुआ है मगर मुआवज़ा  मात्र 20 /३० हज़ार दिया गया है जबकि एक केस ऐसा भी आया जिसमे नुकसान मात्र 90  हज़ार का है जबकि मुआवज़ा 8 लाख देदिया गया है। कमेटी के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने ऐसे सभी केसों पर पुनः विचार के आदेश दिए। तथा पिछली मीटिंग में दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड  को मुआवज़े रद्द होने वाले 748 केसों की जो सूचि दी गई थी उसपर भी चर्चा हुई। वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारी इमरान ने कमेटी के सामने ऐसे 160 केसों की सूचि रक्खी जिनपर पुनः विचार करने की आवश्कता है जबकि बाक़ी के वेरिफिकेशन का काम अभी भी जारी है। अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने ऐसे सभी रद्द हुवे केसों पर पुनः विचार के आदेश दिए हैं। अमानतुल्लाह खान ने कहा की हमारी कोशिश है की जो दंगाई थे उनके विरुद्ध कार्रवाई हो और जो पीड़ित हैं उन्हें न्याय मिले। उन्होंने आगे कहा की दिल्ली पुलिस को भेदभाव से काम न लेकर दंगा पीड़ितों के साथ न्याय करना चाहिए।

रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *