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BJP शासित एमसीडी डेंगू-मलेरिया योद्धाओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला : दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अभी तक दिल्ली के 3500 डेंगू-मलेरिया योद्धाओं को वेतन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने दिसंबर 2019 में दिए अपने आदेश में इन कर्मचारियों को 14 हजार रुपए की बजाय 32 हजार रुपए वेतन देने और 31 मार्च 2020 तक 2012 से बोनस और एरियर्स देने का आदेश दिया था। भाजपा शासित एमसीडी डेंगू-मलेरिया योद्धाओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। ‘आप’ की मांग है कि एमसीडी कोर्ट के आदेश का अक्षरसः पालन करे और कर्मचारियों का वेतन तत्काल जारी किया जाए। दुर्गेश पाठक ने कहा कि नार्थ एमसीडी में आम आदमी पार्टी के पार्षदों के निलंबन को लेकर हम हाईकोट गए थे। कोर्ट ने बीते 15 दिनों के अंदर बुलाए गए नार्थ एमसीडी के दोनों सत्रों को खारिज करते हुए दोनों पक्षों को नोटिस दिया। हमें उम्मीद है कि कोर्ट से आम आदमी पार्टी को न्याय मिलेगा और भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगेगा।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया पिछले कई महीनों से कोरोना महामारी का सामना कर रही है। वहीं दूसरी तरफ, यह समय प्रति वर्ष की तरह डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होने का भी समय है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली ने डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर लगाम लगाई है। इस रोकथाम में एक बहुत बड़ा योगदान दिल्ली के उन डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स का है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना घर-घर जाकर जांच करते हैं और इस बात की पुष्टि करते हैं कि कहीं पर किसी की लापरवाही के कारण डेंगू या मलेरिया के मच्छर पैदा तो नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लगभग 3500 ऐसे कर्मचारी हैं, जो डेंगू और मलेरिया को रोकने के लिए घर-घर जाकर जांच करने का काम कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा शासित नगर निगम इन डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने बताया कि यह सभी कर्मचारी भाजपा शासित नगर निगम के अधीन आते हैं और वर्ष 2002 से इन सभी को ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के तौर पर काम करवाया जा रहा है। दुर्गेश पाठक ने बताया कि इस ठेका प्रथा के विरुद्ध इन कर्मचारियों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए, आंदोलन किए, भूख हड़ताल पर भी बैठे, सिर्फ यही नहीं, बल्कि भाजपा के नेताओं ने कई बार इन लोगों को आश्वासन भी दिया कि आप लोगों के साथ न्याय किया जाएगा, लेकिन भाजपा के लोगों का यह आश्वासन केवल झूठी तसल्ली मात्र निकला। भाजपा की ओर से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिलते देख सभी कर्मचारी कोर्ट की शरण में गए। न्यायिक व्यवस्था जिस पर देश के हर नागरिक को पूरा विश्वास है, वहां से इन कर्मचारियों को उम्मीद की एक किरण नजर आई। कोर्ट ने इन कर्मचारियों के हक में एक बड़ा फैसला सुनाया। दुर्गेश पाठक ने बताया कि दिसंबर 2019 को कोर्ट ने एक फैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि इन कर्मचारियों को जो 14000 रुपए मासिक वेतन मिलता है, वह बढ़ाकर 32000 रुपए प्रतिमाह किया जाए। साथ ही वर्ष 2012 से लेकर आज तक का इन सभी कर्मचारियों को पूरा बोनस और सभी प्रकार के एरियर्स भी दिए जाएं। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने इस बाबत भाजपा शासित नगर निगम को आदेश दिया था कि 31 मार्च 2020 तक यह दोनों कार्य संपन्न हो जाने चाहिए।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि बेहद ही अफसोस की बात है कि अब अक्टूबर 2020 चल रहा है, लेकिन अभी तक भाजपा शासित नगर निगम ने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि भारतीय जनता पार्टी न तो इन कर्मचारियों की बात सुन रही है और न ही विपक्ष की बात सुन रही है, अब तो भाजपा इतनी बेशर्म हो गई है कि कोर्ट के आदेश का भी उस पर कोई असर नहीं हो रहा है। एक बेहद ही चैंकाने वाला खुलासा करते हुए दुर्गेश पाठक ने बताया कि इन कर्मचारियों ने जब आम आदमी पार्टी से संपर्क कर अपनी समस्या मीडिया और जनता के समक्ष रखने की अपील की, तो भाजपा के नेताओं ने इन कर्मचारियों को धमकाया और उनसे कहा कि यदि आप लोग आम आदमी पार्टी के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से भाजपा के लोगों से यह अपील करते हैं कि जो कोर्ट ने आदेश दिया है, तत्काल प्रभाव से उसे अक्षरसः लागू किया जाए और इन डेंगू-मलेरिया योद्धाओं के साथ भारतीय जनता पार्टी जो अन्याय कर रही है, उस अन्याय को तुरंत बंद किया जाए।

आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि जैसा कि सभी को ज्ञात है, कुछ दिन पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जब हमारे निगम पार्षदों ने निगम के कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा उठाया, दिल्ली में फैली गंदगी का मुद्दा उठाया, तो भाजपा के मेयर साहब ने हमारे सभी निगम पार्षदों को जबरन निलंबित कर दिया था। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने बेहद ही चालाकी का काम किया था। पहले तो भाजपा ने हमारे सभी निगम पार्षदों को 15 दिन के लिए निलंबित किया, फिर 15 दिन के भीतर चोरी छिपे दो बार सदन की बैठक बुलाई गई। भाजपा की साजिश थी कि सदन में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद मौजूद नहीं हों और उनकी गैर मौजूदगी में चुपके से अपने मनमाने प्रस्तावों को जबरदस्ती पास कर दिल्ली की जनता पर थोप दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस जबरन निलंबन के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। इस पर आज ही दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश आया है। जिसमें हाईकोर्ट ने भाजपा द्वारा सदन में बुलाई गई दोनों बेठकों को खारिज कर दिया और दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर निलंबन के मामले पर पुनः चर्चा करने का आदेश जारी किया है। दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट के इस हस्तक्षेप के बाद जल्द ही हमें न्याय मिलेगा।

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