लखनऊ (यूपी) : मोहसिन रजा ने पीएफआई पर बैन लगाने की मांग की है, उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई की हिंदुओं को हिंदुओं से लड़ाने की साजिश को नाकाम कर दिया है, मोहसिन रजा ने कहा कि हाथरस प्रकरण में पीएफआई की भूमिका निकल कर आई है, वो इलाके में जातिगत दंगे करवाने की कोशिश में था, मंत्री ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल पीएफआई को समर्थन दे रहे हैं वो देश में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए मैं मोदी सरकार से मांग करता हूं कि SIMI की तरह ही जांच कर पीएफआई को भी आतंकी संगठन घोषित कर बैन लगाया जाए, इसके आलावा जांच के बाद संगठन से जुड़े सभी दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
दरअसल, हाथरस गैंगरेप मामले में योगी सरकार ने सोमवार को साजिश का दावा किया था, जिसके बाद से एजेंसिया चौकन्नी हो गई हैं और हाथरस आने-जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, इस बीच मथुरा में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, यह चारों हाथरस जा रहे थे, इन चारों का संबंध पीएफआई से बताया जा रहा है, इनमें एक मल्लापुरम का रहने वाला है, जबकि तीन अन्य मुजफ्फरनगर, बहराईच और रामपुर के रहने वाले हैं, पुलिस ने इन चारों के पास से मोबाइल, लैपटॉप और संदिग्ध साहित्य बरामद किया है.
गिरफ्तार किए गए चारों लोगों का संबंध पीएफआई और सीएफआई से बताया जा रहा है, फिलहाल, पुलिस पूछताछ कर रही है, इसके साथ ही हाथरस के बहाने माहौल खराब करने वालों पर पुलिस की खास नजर है, यूपी सरकार ने खुलासा किया है कि शहर दर शहर हिंसा की आग भड़काने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था, खुद मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को दंगों की आग में झुलसाने की साजिश का दावा किया है, योगी सरकार का दावा है कि अगर यह साजिश कामयाब होती तो यूपी जल उठता.
ब्यूरो रिपोर्ट, लखनऊ
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