नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के दबाव में दिल्ली पुलिस राहुल राजपूत हत्याकांड मामले में चश्मदीद गवाहों को प्रताड़ित कर रही है। राहुल की महिला मित्र ने आरोप लगाया है कि रात में सादी वार्दी में पुलिसवाले उससे मिलने आए और एक महिला पुलिस ने सबूत मिटाने के लिए सिमकार्ड निकाल कर उसके मोबाइल को तोड़ दिया। राहुल हत्याकांड मामले में नए खुलासे के बाद भाजपा नेताओं में सन्नाटा पसरा हुआ है और इस मुद्दे पर वे सोशल मीडिया से भी गायब हो गए हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के अधीन दिल्ली पुलिस के सामने राहुल राजपूत की हत्या हुई, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे मरने के लिए छोड़ दिया। एक तरफ भाजपा कहती है कि हिन्दू खतरे में है और दूसरी तरफ भाजपा शासित दिल्ली पुलिस के सामने एक हिंदू लड़के को दूसरे सम्प्रदाय के लोगों ने पीट-पीट कर मार दिया, पुलिस ने उसे क्यों नहीं बचाया?
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जब से राहुल राजपूत की हत्या के बारे में नई जानकारियां सामने आ रही हैं, तब से भाजपा के नेता बिल्कुल चुप हो गए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी टाइमलाइन से राहुल राजपूत गायब हो गया है। उन्होंने इसके बारे में बातचीत करना बंद कर दिया है। क्या राहुल राजपूत हिंदू नहीं है या वो देश का युवा नहीं है? इसका कारण यह है कि भाजपा के अधीन दिल्ली पुलिस के सामने राहुल की हत्या हुई है। यदि दिल्ली पुलिस चाहती तो राहुल राजपूत को मरने से बचा सकती थी, मगर उन्होंने उसे मरने के लिए छोड़ दिया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं पूरे दावे से कह रहा हूं कि दिल्ली पुलिस, भाजपा के दबाव में अपराधियों के साथ मिली-भगत कर चश्मदीद गवाहों को प्रताड़ित कर रही है। महिला मित्र के भाइयों और रिश्तेदारों को लड़की से दोस्ती पसंद नहीं होने पर राहुल की पीट-पीट कर हत्या कर दी। वह महिला मित्र चश्मदीद गवाह के रूप में आज भी राहुल के साथ खड़ी है। लड़की ने बताया था कि वह खुद सामने पुलिस चैकी गई और पुलिस वालों को कहा कि आप राहुल को बचा लो, लेकिन पुलिस वालों ने उसकी कोई मदद नहीं की और वो चाय पीते रहे।
उन्होंने कहा कि जब से यह बात मीडिया के कुछ अखबारों में छपी है तब से पुलिस वाले और ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली पुलिस वालों ने काफी घटिया हरकत की है। इस संबंध में एक मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक मीडिया कर्मी से वीडियो कॉल करके चश्मदीद गवाह लड़की ने दिल्ली पुलिस की पोल खोली है। महिला सुधार गृह में रह रही लड़की से मिलने रात के लिए रात 8.00 बजे तीन पुलिसवाले सादी वर्दी में गए। उनमें से दो पुलिस वाले उसे बातचीत में उलझा लिए और एक महिला पुलिस ने यह कहते हुए उसका फोन लेती है कि मुझे इसमें कुछ देखना है। महिला पुलिस कर्मी उसके फोन से सिम निकालकर तोड़ कर देती है। कितनी घटिया बात है कि दिल्ली पुलिस की अधिकारी ने चश्मदीद गवाह के साथ ऐसा की है, क्योंकि वह चश्मदीद गवाह दिल्ली पुलिस को यह कह रही है कि आप राहुल को बचा सकते थे, आपने उसको मरने दिया। मैं राहुल के मां-बाप से मिलना चाहती हूं। आप मुझे किसी से नहीं मिलने दे रहे हैं और आप मुझे नहीं मिलने देंगे, तो मैं मीडिया के पास जाऊंगी। दिल्ली पुलिस ने सिम कार्ड खराब कर उसके सारे फोन कनेक्शन खत्म कर दिए।
सौरभ भारद्वाज ने सवाल करते हुए कहा कि भाजपा के लोग कहते हैं कि हिंदू खतरे में है। 2014 में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से यह सुन रहे हैं। मैं बता सकता हूं कि इन भाजपाइयों से हिंदू खतरे में है। भाजपा की दिल्ली पुलिस के सामने एक हिंदू लड़के को दूसरे संप्रदाय के लोगों ने पीट-पीटकर मार दिया। दिल्ली पुलिस ने उसको क्यों नहीं बचाया, हिन्दू तो सामने खतरे में था। क्योंकि राजनीति तभी होगी जब यह लड़का मर जाए, ताकि उस पर राजनीतिक रोटियां सिकेंगी। अगर बच जाएगा, तो मामूली सा झगड़ा है। यह अखबार में भी नहीं छपेगा। इसके ऊपर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली पुलिस का काम करने का तरीका है कि एक संप्रदाय का आदमी दूसरे संप्रदाय के साथ मारपीट कर रहा है तो उसको मरने दो, उसकी हत्या हो जाने दो। बलात्कार हो सकता है तो हो जाने दो, मामला छेड़छाड़ पर न रुके, ताकि इसके ऊपर राजनीतिक रोटियां सेकी जा सकें, ताकि कहा जा सके कि हिंदू खतरे में है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब से यह बात सामने आई है कि हिंदू खतरे में नहीं था, मगर दिल्ली पुलिस ने उसको मरने के लिए छोड़ दिया, तब से भाजपा वाले मीडिया से भाग रहे हैं। मैं जानना चाहता हूं कि धर्म के ठेकेदार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, अनुराग ठाकुर, मनोज तिवारी, आदेश गुप्ता कहां हैं? धर्म के ठेकेदार जो मॉडल टाउन से हारे हुए विधायक हैं, वो कहां हैं। अब हिंदू खतरे में नहीं है, अब गायब हो गए। अब ध्यान नहीं आ रहा, जब से पीड़ित परिवार हम मिल कर आए हैं। उन्होंने लड़की का एक वीडियो मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि चश्मदीद गवाह जो दूसरे संप्रदाय से आती है, वह आज भी उस लड़के के साथ खड़ी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सबसे ज्यादा शर्म की बात यह है कि एक सरकारी गवाह जो अपने सगे भाइयों के खिलाफ गवाही दे रही है और पुलिस की सुरक्षा में नारी निकेतन के अंदर है, उसका सिम दिल्ली पुलिस की महिला ऑफिसर फोन में से निकाल लेती है। दिल्ली पुलिस कह रही है कि हमें मालूम नहीं है। उस लड़की की गलती क्या है? भाजपा शासित दिल्ली पुलिस जो आरोपियों के साथ मिली हुई थी। वह बच्ची जब बचाने गई और उसने कहा कि राहुल राजपूत को बचाओ, तो दिल्ली पुलिस ने नहीं बचाया। दिल्ली पुलिस ने अपनी और भाजपा की पोल खुलने के डर से बच्ची का सिम तक उसके फोन से निकाल लिया। अब वह किसी से संपर्क नहीं कर सकती है। हमें नहीं मालूम कि उसकी क्या हालत होगी।
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