लखनऊ (यूपी) : पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और BSP विधायक विनय शंकर तिवारी ने CBI की छापेमारी पर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा है कि उनपर सीबीआई की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है, उन्होंने कहा है कि सिर्फ ब्राह्मण होने की सजा मिल रही है, विनय शंकर तिवारी ने आगे लिखा कि इससे पहले भी प्रदेश में सरकार बनते ही उनके आवास ‘तिवारी हाता’ पर छापा मरवा के सरकार ने अपना घिनौना चेहरा दिखा दिया था.
विनय शंकर तिवारी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर उन पर करीब 600 करोड़ रुपये की देनदारी है तो मेरी भी सरकार पर 700 से 800 करोड़ रुपया बकाया है, मामला बैंक का है और सरकार सीबीआई के माध्यम से उत्पीड़न कर रही है, सामान्य तौर पर देखा जाए तो विरोध की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी की मदद ली जा रही है.
दरअसल, बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कई फर्मों पर सोमवार को एक साथ सीबीआई ने छापेमारी की थी, चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी से जुड़ी फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज, मैसर्स रॉयल एंपायर मार्केटिंग लिमिटेड, मैसर्स कंदर्प होटल प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर छापेमारी की गई, हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी के कई फर्मों पर कई बैंकों के करीब 1500 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है, बता दें कि इस मामले में आईटी डिपार्टमेंट ने भी कुछ समय पहले समन दिया था.
सीबीआई की टीम ने सोमवार को 1500 करोड़ के बैंक लोन घोटाले के मामले में लखनऊ, गोरखपुर और नोएडा में स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज समेत अन्य फर्मों के ठिकानों पर छापेमारी की, कंपनी के ऑफिस पहुंची सीबीआई टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की, बताया जा रहा है कि हरिशंकर तिवारी की कई कंपनियों ने राष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया था, इसके बाद गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया, बैंकों का आरोप है कि लोन की रकम को दूसरी जगह निवेश किया गया, जिसके बाद बैंक ने इसकी शिकायत की, इस पर सीबीआई ने सोमवार को कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की,
ब्यूरो रिपोर्ट, लखनऊ
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