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जामिया ने आज अपनी स्थापना के 100 साल पूरे किए, आज़ादी की लड़ाई से लेकर टॉप यूनिवर्सिटी के सफर का जश्न मना रहा है जामिया

नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया का शताब्दी स्थापना दिवस समारोह आज विश्वविद्यालय के डॉ एम ए अंसारी ऑडिटोरियम फोरकोर्ट में आयोजित किया गया। वहां जामिया के एनसीसी कैडेटों ने कुलपति प्रो नजमा अख्तर और समारोह के मुख्य अतिथि, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के चांसलर और सीईओ हमदर्द लेबरट्रीज को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बाद में दोनों ने जामिया का झंडा फहराया और उसके बाद जामिया स्कूल के छात्रों ने ‘ये जामिया का परचम ..’ मधुर गीत गाया। जामिया मिडिल स्कूल के प्रधानाचार्य मोहम्मद मुर्सलीन ने अंसारी सभागार में कुलपति, मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। जामिया का फाउंडेशन डे उद्घाटन समारोह पारंपरिक रूप से जामिया मिडिल स्कूल द्वारा आयोजित किया जाता है।

सभागार में स्कूल के वरिष्ठ छात्रों ने जामिया तराना (एंथम) गाया। इसके बाद जामिया पर बनी एक लघु फिल्म दिखाई गई, जिसमें पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, फिल्म निर्माता कबीर खान, कुंवर दानिश अली, सांसद, लोकसभा, जावेद अली, एमपी राज्यसभा, वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई और रवीश कुमार, अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमएसए सिद्दीकी, पूर्व जेएमआई वीसी शाहिद मेहदी और भारतीय हॉकी खिलाड़ी देवेश चैहान आदि सहित प्रसिद्ध हस्तियों ने जामिया को उसके शताब्दी वर्ष की बधाई दी। कोविड -19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए अंसारी सभागार के भीतर सोशल डिस्टेन्सिंग का पूरा ख्याल रखा गया। जामिया कुलाधिपति और मणिपुर की राज्यपाल डॉ नजमा हेपतुल्ला ने अपने रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश के ज़रिए दर्शकों को संबोधित किया और विश्वविद्यालय को अपने 100 साल पूरा करने की बधाई दी।

जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने इस मौके पर कहा, “जामिया मिल्लिया इस्लामिया एक अनूठी संस्था है। यह कर दिखाने के फलसफे में विश्वास करता है, यह आलस और आलस्य को एक तरफ रखता है। यही कारण है कि यह राष्ट्र और समुदाय द्वारा निर्धारित नवीनतम शैक्षिक उद्देश्यों और आदर्शों को पाने में बड़ी उड़ान भरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जामिया ने हमेशा अपनी मौजूदा क्षमता और संसाधनों के अनुरूप सर्वोत्त्म काम किया है। इसके समर्पित शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता लगातार बढ़ाने में हर मुमकिन कोशिश की है।

प्रो अख्तर ने कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही विश्वविद्यालय ने सह-शिक्षा और स्वस्थ संस्कृति के विकास के विचार को अपनाया है। “जामिया एक ऐसे समाज के बारे में सोचना पसंद करता है जहाँ महिलाओं को किसी भी तरह के भेदभाव के बिना, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके हितों को साधने के सभी अवसर मिलें। विश्वविद्यालय की अकादमिक और अनुसंधान उपलब्धियों के बारे में उन्होंने कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय को विदेशी भाषाओं, अस्पताल प्रबंधन और हास्पिस  स्टडीज, डिजाइन और नवाचार तथा पर्यावरण विज्ञान जैसे नए उभरते क्षेत्रों में चार विभाग खोलने की अनुमति दी है। 

प्रो अख्तर ने यह भी कहा कि कोविड -19 की वजह से  शताब्दी समारोह का आयोजन न्यूनतम उपस्थिति के साथ किया गया है, लेकिन यह पूरे एक वर्ष तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन कार्यक्रमों को शामिल नहीं किया गया है, उन्हें कोविड हालात को नियंत्रित कर लेने के बाद आयोजित किया जाएगा। 

शताब्दी दिवस के लिए जामिया को बधाई देते हुए, समारोह के मुख्य अतिथि श्री हामिद अहमद ने कहा कि दोनों संस्थान मेडिकल और यूनानी कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने जामिया के स्कूलों और हमीद नेशनल फाउंडेशन के माध्यम से जामिया में हकीम अब्दुल हमीद चेयर स्थापित करने में मदद करने की पेशकश की।

उद्घाटन समारोह का समापन, शताब्दी समारोह के मुख्य समन्वयक प्रोफेसर जुबैर मीनाई द्वारा पेश धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। इस समारोह के तहत ’मेकिंग ऑफ द यूनिवर्सिटी’ शीर्षक से दुर्लभ पांडुलिपियों, तस्वीरों, दस्तावेजों, पुस्तकों और पत्रों को प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय के महान इतिहास को दर्शाया गया। इस मौके पर एक मुशायरा और कवि सम्मेलन भी हुआ।

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