नई दिल्ली : आम आम आदमी पार्टी ने वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के बाद तीनों एमसीडी के कर्मचारियों को सैलरी देने पर भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी यह दावा कर रही थी कि उसके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं है, तो भाजपा ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को वेतन कहां से दिया? उन्होंने कहा कि भाजपा ने सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार को बदनाम करने के लिए फंड नहीं होने का झूठ बोला था, भाजपा को तत्काल माफी मांगनी चाहिए। भाजपा शासित एमसीडी ने दिल्ली सरकार को बदनाम करने में करोड़ों रुपए होर्डिंग्स आदि में खर्च किया और कर्मचारियों का वेतन रोक कर लाखों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया, यह एक घटिया राजनीति का उदाहरण है। भाजपा शासित एमसीडी जैसे बेशर्म और असंवेदनशील शासन मॉडल दुनिया में किसी ने भी नहीं देखा है। वहीं, एलओपी विकास गोयल ने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई अपनी हार का दिल्ली के निवासियों से बदला लेने की कोशिश कर रही है।
पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से आम आदमी पार्टी लगातार इस बात को कह रही थी कि भारतीय जनता पार्टी शासित दिल्ली नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा तो है, परंतु केवल और केवल दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल जी को बदनाम करने के मकसद से जानबूझकर भारतीय जनता पार्टी नगर निगम में काम करने वाले तमाम कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रही है और इस बात पर कल खुद ही भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से मोहर लगा दी।
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले भी हमने देखा था कि निगम के अधीन कार्यरत अस्पताल के डॉक्टर अपने वेतन के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे थे। कभी प्रधानमंत्री के आवास के चक्कर काट रहे थे, कभी गृह मंत्री के आवास के चक्कर काट रहे थे, कभी नगर निगम के दफ्तर के चक्कर काट रहे थे और भाजपा शासित नगर निगम बार-बार एक ही आरोप लगा रही थी कि हमारे पास वेतन देने के लिए पैसा नहीं है, दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया है। परंतु लगभग डेढ़ महीना डॉक्टरों तथा अन्य कर्मचारियों को परेशान करने के बाद भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम ने उनका वेतन उन्हें दे दिया। इसी प्रकार से 3 दिन पहले भाजपा शासित तीनों निगमों के अधीन काम करने वाले लाखों कर्मचारी पिछले कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर चले गए। पिछले 3 दिनों में लाखों रुपए का नुकसान हुआ, कोरोना महामारी जैसे इस काल में निगम के तमाम कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। मात्र 3 दिन हड़ताल को हुए थे कि भाजपा के मेयर साहब ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों से मुलाकात की और उन सभी का वेतन उनको देने का एलान कर दिया गया। मीडिया के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न पूछते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही तीनों निगमों के मेयर मुख्यमंत्री के आवास पर आकर बैठ गए थे और कह रहे थे कि कर्मचारियों का वेतन देने के लिए हमारे पास 1 रुपया भी नहीं है। मैं भाजपा के लोगों से और तीनों मेयरों से पूछना चाहता हूं कि अब उनके पास वेतन देने के लिए पैसा कहां से आया?
दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेयर साहब ने लिखित में इस बात को दिया है कि सभी कर्मचारियों का वेतन भी दिया जाएगा और उन्हें बोनस भी दिया जाएगा। तो प्रश्न यह उठता है कि यदि निगम के पास पैसा था, तो फिर यह सारा का सारा ड्रामा किस लिए किया जा रहा था? क्या यह सब ड्रामा दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को बदनाम करने के लिए किया जा रहा था? पिछले लगभग 6 महीने से आपने उन तमाम कर्मचारियों का वेतन रोक कर रखा, जिन्होंने कोरोना महामारी जैसे काल में अपनी जान की परवाह किए बिना जनता की सेवा की। आपने उन लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया, उनके घरों में चूल्हे जलना बंद हो गए, वह अपने बच्चों के स्कूल की फीस तक नहीं दे पा रहे थे, लोगों से कर्जा ले लेकर अपने घर का खर्च चला रहे थे और यह सब सिर्फ और सिर्फ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए किया जा रहा था, इससे घटिया स्तर की राजनीति और कोई हो ही नहीं सकती। दुर्गेश पाठक ने कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम कर रहा है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि शायद ही दुनिया के किसी कोने में इतनी अमानवीय सरकार कोई होगी। सिर्फ और सिर्फ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी को बदनाम करने के लिए भाजपा शासित नगर निगम ने अपने ही कर्मचारियों को लगभग पिछले 6 महीने से वेतन नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की गंदी राजनीति की वजह से निगम के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के घर के चूल्हे बुझ गए, ना जाने कितनी बहनों की शादियां पैसा ना होने की वजह से टूट गई, न जाने कितने बच्चों के नाम स्कूल से काट दिए गए क्योंकि उनके माता-पिता के पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे, न जाने कितने बुजुर्ग सेवानिवृत्त कर्मचारी बुढ़ापे में अपनी बीमारियों का इलाज कराने के लिए तड़पते रहे और यह सब भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ और सिर्फ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी को बदनाम करने के लिए किया। मीडिया के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के लोगों को दुर्गेश पाठक ने कहा कि इस अमानवीय कृत्य के लिए आपको मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से, दिल्ली की जनता से और निगम के तमाम कर्मचारियों और उनके परिवार के उन लोगों से माफी मांगनी चाहिए, जिनकी जिंदगी को आप लोगों ने सिर्फ और सिर्फ अपनी गंदी राजनीति के तहत नर्क बना दिया।
प्रेस वार्ता में मौजूद उत्तरी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जब कभी भी भारतीय जनता पार्टी के लोगों से प्रश्न पूछो तो उनका एक ही जवाब होता है कि क्योंकि आम आदमी पार्टी ने पैसा नहीं दिया इसलिए हम लोग कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे हैं। यह कर्मचारी पिछले 5 से 6 महीने से परेशान हो रहे हैं। कभी जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करते हैं, कभी सिविक सेंटर के बाहर धरना प्रदर्शन करते हैं और फिर अचानक से मेयर साहब का एक फरमान आता है कि सभी कर्मचारियों का वेतन कल उनको दे दिया जाएगा, तो प्रश्न यह उठता है कि यदि उनके पास पैसे थे तो पिछले 5 से 6 महीने से भारतीय जनता पार्टी पैसे ना होने का ड्रामा क्यों कर रही थी? उन्होंने कहा कि एक बात तो साफ जाहिर है कि नगर निगम के पास पैसा तो है पर नियत नहीं है। भाजपा शासित नगर निगम की इन हरकतों से ऐसा प्रतीत होता है, कि जैसे दिल्ली की जनता ने विधानसभा के चुनाव में जो भारतीय जनता पार्टी को बुरी तरह से हराकर दिल्ली में दोबारा से आम आदमी पार्टी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार को चूना, उस हार का बदला कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की जनता से ले रही है। विकास गोयल ने मीडिया के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी से अनुरोध करते हुए कहा कि पूरे देश में त्योहारों का माहौल है और निगम में कार्य करने वाले तमाम कर्मचारी हमारे और आपके परिवार का ही हिस्सा है, इन कर्मचारियों के साथ इस प्रकार की गंदी राजनीति ना करें, उनके हक का पैसा उनका वेतन जल्द से जल्द उन्हें दिया जाए, ताकि वह सब लोग भी पूरे देश के साथ मिलकर अपने घर में खुशियों के दीप जला सके, दिवाली मना सकें, त्योहार मना सकें।
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