नई दिल्ली : ‘क्या हमें प्रशांत किशोर से राजनीति सीखने की जरूरत है? यदि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को झटका लगता है तो इसके लिए सिर्फ प्रशांत किशोर ही जिम्मेदार होंगे…’, जब पब्लिक मीटिंग में TMC के विधायक नियामत शेख खुलेआम ये बातें कहते हैं तो पूरी तस्वीर सामने आ जाती है, इससे पता चलता है कि किस तरह TMC के अंदर प्रशांत किशोर को लेकर नाराजगी है.
कूचबिहार के विधायक मिहिर गोस्वामी भी अपना गुस्सा खुलकर दिखा चुके हैं, गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पूछा, ‘क्या TMC सचमुच ममता की पार्टी है, ऐसा लग रहा है कि इस पार्टी को किसी कॉन्ट्रैक्टर के हाथ में सौंप दिया गया है…’, बंगाल चुनाव से पहले TMC में यह खटपट ममता के लिए बहुत बड़ा झटका है, कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी पहले ही अपने बगावती तेवर दिखा चुके हैं.
अपनी सभी सांगठनिक जिम्मेदारियों को पिछले महीने ही छोड़ चुके गोस्वामी ने कहा, ‘1989 से ही तमाम विपरित परिस्थितियों और तकलीफों का सामना करने के बावजूद TMC को कभी नहीं छोड़ा, ऐसा केवल दीदी की वजह से किया, लेकिन अब पार्टी बदल गई है, आप जी-हुजूरी करिये या फिर पार्टी छोड़ दीजिए,’ एक अन्य जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया ने गोस्वामी की बातों का समर्थन किया.
इसी तरह मुर्शिदाबाद के हरिहरपारा से TMC विधायक नियामत शेख ने रविवार को एक रैली में सीधे किशोर को टार्गेट किया, शेख ने कहा, ‘सभी परेशानियों की वजह किशोर हैं, शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद में पार्टी को मजबूत किया.
अब उनसे बात करने वाले नेताओं पर ऐक्शन लिया जा रहा है,’ इन नेताओं का आरोप है कि पुराने चेहरों को दरकिनार कर नए लोगों को जगह दी जा रही है, जिनमें से कई ने पिछले चुनाव में BJP को सपॉर्ट किया था.
दरअसल, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 18 सीटें BJP ने जीती थी, इसके बाद ममता ने प्रशांत का सहयोग लिया, प्रशांत, ममता के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, इतना ही नहीं पार्टी में प्रशांत का कद बढ़ गया है, सांगठनिक फैसले भी उनकी अनुशंसा पर हो रहे हैं.