नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान अपने आंदोलन के क्रम में दिल्ली की सीमाओं तक आ पहुंचे हैं, किसानों के दिल्ली-मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार को एक पत्र लिखा है.
पुलिस ने सरकार से मांग की है कि आंदोलन को देखते हुए उन्हें दिल्ली के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने की सुविधा दी जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार किए गए किसानों को वहां रखा जा सके.
गौरतलब है कि दिल्ली से सटे कई बॉर्डर पर किसान पहुंच गए हैं, लेकिन सरकार ने पुलिस की इस मांग को ठुकरा दिया है, स्पोर्टस स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाए जाने से इनकार कर दिया है.
पुलिस के आग्रह के जवाब में दिल्ली सरकार ने स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने की मांग से साफ इनकार कर दिया, सत्येंद्र जैन ने किसानों की मांग का समर्थन किया.
उन्होंने कहा, मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए, किसानों की मांग जायज है,’ उन्होंने कहा कि किसानों को जेल में नहीं डाला जा सकता, इसलिए स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की अर्जी को दिल्ली सरकार नामंजूर करती है.
इससे पहले किसानों को दिल्ली के बाहर ही रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने तमाम तरह के उपाय अपनाए, पुलिस के जवानों ने किसानों को सिंधु बार्डर पर कुछ पीछे धकेल दिया है, लेकिन हजारों की संख्या में पहुंचे किसान लगातार राजधानी में आने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
किसानों का जत्था हरियाणा के पानीपत से आगे बढ़ा, इन्हें रोकने के लिए सोनीपत के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है.
लेकिन किसानों को रोकने में सुरक्षाबल नाकाम दिखाई दे रहे हैं, सभी किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ लगातार दिल्ली की ओर बढ़ते रहे, आंदोलनकारी किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
दिल्ली बॉर्डर पर ही किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कंटीले तारों के बंडल मंगवाए हैं, जिन्हें बेरिकेड्स के आगे बांधा गया है.
इसके अलावा पुलिस ने वॉटर कैनन मंगवाए हैं, साथ ही सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर रखकर रास्ता भी जाम कर दिया है, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
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