नई दिल्ली : दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित नाॅर्थ MCD ने मिलीभगत करके साउथ MCD पर बकाया 2457 करोड़ रुपए माफ कर दिया है, उन्होंने कहा कि साउथ MCD का कार्यालय किराए पर है और इसी की एवज में नाॅर्थ MCD को साउथ MCD से 2457 करोड़ रुपए लेने है.
लेकिन नाॅर्थ MCD ने कल जारी अपने बजट में साउथ MCD पर कोई बकाया नहीं होने का दावा किया है, जबकि नाॅर्थ MCD ने पिछले वर्ष के बजट में भी 2457 करोड़ रुपए साउथ MCD पर बकाया होने का उल्लेख किया था और नाॅर्थ MCD के कमिश्नर कई बार बकाया पैसे मांग भी चुके हैं.
उन्होंने कहा कि एक तरफ कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है और दूसरी तरफ नाॅर्थ MCD 2457 करोड़ रुपए माफ कर रही है, यह आपराधिक कार्य है, दोनों MCD में BJP की सरकार है, इसलिए लीपापोती कर 2457 करोड़ रुपए को जीरो कर दिया गया है.
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि MCD में आप सरकार बनने पर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषी अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा,
साउथ MCD पर किराए के रूप में बकाया 2457 करोड़ रुपए को नॉर्थ MCD ने माफ कर दिया है, इसको लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले कई महीनों से MCD के सभी कर्मचारी अपने वेतन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे, वेतन न मिलने की वजह से उन कर्मचारियों के घर चूल्हा तक नहीं जल पा रहा था, डॉक्टरों, शिक्षकों, सफाई कर्मियों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा था.
जब भी यह कर्मचारी BJP शासित MCD से अपना वेतन मांगते थे, तो वह अपनी जिम्मेदारी से भागने के लिए आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति शुरू कर देते देते थे.
उन्होंने आगे कहा कि MCD में BJP नेताओं के भ्रष्टाचार के चलते बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है, हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि जब तीनों MCD का बंटवारा हुआ था, तो साउथ MCD के पास अपना कोई ऑफिस नहीं था.
सिविक सेंटर नॉर्थ MCD का है, लेकिन साउथ MCD का काम अभी भी सिविक सेंटर से ही होता है, नॉर्थ MCD ने साउथ MCD को अपना ऑफिस एक तरीके से किराए पर दे रखा है, जब तीनों MCD का बंटवारा हुआ था.
तो कागजों पर लिखा गया था कि साउथ MCD हर साल नॉर्थ MCD को कितने रुपये किराए के रूप में देगा, अब तक यह कुल रुपए 2457 करोड़ बनते हैं, यह 2457 करोड़ रुपए साउथ MCD को नॉर्थ MCD को किराए के रूप में देने थे.
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