नई दिल्ली : राघव चड्ढ़ा ने मोदी सरकार और दक्षिणी दिल्ली से भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी पर किसानों के खिलाफ अश्लील भाषा और गाली का प्रयोग करने के लिए निशाना साधा। राघव चड्ढ़ा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत संत कबीर के एक दोहे के साथ की.
“तिनका कबहूं ना निन्दिये, जो पांवन तर होय.
कबहुं उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।”
इस दोहे का मतलब और इसका किसान आंदोलन से संबंध बताते हुए राघव चड्ढ़ा ने कहा कि, “इस दोहे में संत कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके का भी कभी अपमान नहीं करना चाहिए, अगर ये तिनका भी आंखों में पड़ गया तो बहुत पीड़ा देता है।
भाजपा हमेशा से हमारे देश के किसानों और उनके आंदोलन को तिनका ही मानती रही है। किसानों के आंदोलन को बीजेपी की सरकार ने तिनके की तरह रौंदने की कोशिश भी की। अब ये तिनका इस सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री जी के आंखों में पड़ चुका है और इसकी परेशानी उनकी पार्टी में दिख रही है।”
राघव चड्ढ़ा ने कहा कि, “हमारे देश के किसान का जितना अपमान बीते कुछ हफ्तों में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किया गया है वो वास्तव में ये दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता है।
पहले उन्होंने हमारे देश के किसानों पर आंसु गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछारें चलाई, सड़कें खुदवाई और लाठी तक चलवा दिया। इन सब मुसीबतों को झेलते हुए जब हमारे देश का किसान बॉर्डर पर आकर बैठ गया तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनका अपमान शुरू कर दिया।”
राघव चड्ढ़ा ने बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी का वो वीडियो भी दिखाया जिसमें उन्होंने देश के किसानों के लिए ‘भड़वा’ शब्द का प्रयोग किया है।
राघव चड्ढ़ा ने कहा कि, “इस अपमान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा के दक्षिणी दिल्ली से दूसरी बार के सांसद रमेश बिधूड़ी ने किसानों के भद्दी गाली तक का प्रयोग कर दिया।
इतनी कोशिशें भाजपा ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की है कि अब उनके पाप का घड़ा भर गया है। मैं स्पष्ट शब्दों में प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या ये मानसिकता उनकी भी है जो उनके ही प्रिय सांसद ने दिखाई है।
क्या रमेश बिधूड़ी जी जो कह रहे हैं वो पूरी भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता है? अगर माननीय प्रधानमंत्री जी किसानों के लिए ऐसी सोच नहीं रखते हैं तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वो आज सूरज ढलने से पहले किसानों के प्रति सम्मान दिखाते हुए दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी जी को पार्टी से निष्कासित करें।
अगर प्रधानमंत्री जी ऐसा नहीं करते हैं तो इसका एक ही मतलब निकलेगा कि ये मानसिकता सिर्फ रमेश बिधूड़ी जी की ही नहीं बल्कि पूरी भारतीय जनता पार्टी की है और आपके कहने पर रमेश बिधूड़ी ने इस शब्द का प्रयोग किसानों के लिए किया।”
राघव चड्ढ़ा ने कहा कि, “भाजपा के नेताओं का कहना है कि इन किसानों के पास पाकिस्तान और कनाडा से पैसा आ रहा है, उन्हें इन देशों से फंडिंग हो रही है। मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि ED आपकी है, CBI आपकी है, रॉ आपका है, NSA आपका है, आयकर विभाग आपका है, दिल्ली पुलिस और कई अन्य विभाग आपके हैं तो आप इसकी जांच क्यों नहीं करा लेते?
कृप्या कर के हमारे देश के किसानों के इस आंदोलन को कलंकित मत कीजिए। ये देश का वो किसान है जिसका बेटा देश की फौज में है, बॉर्डर पर देश की रक्षा कर रहा है और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान तक देने में नहीं हिचकता है, ऐसे किसान को आज आप गालियां दे रहे हैं?”
राघव चड्ढ़ा ने आगे कहा कि, “मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि कभी हकीकत में सच्चे किसान के चेहरे को गौर से देखें। उसके चेहरे की झुर्रियां आपको बताएंगी कि कैसे वो खून-पसीने की मेहनत से फसल बोता है, उसके झुके हुए कंधे बताएंगे हल जोतकर कितनी मेहनत करता है।
आज इन चेहरों के झुर्रियों पर मरहम लगाने का वक्त है गाली देने का नहीं। एक तरफ देश के कृषि मंत्री किसान से बात करना चाहते हैं, किसानों की मांग स्वीकार करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ आपकी पार्टी के चुने हुए सांसद देश के किसान को गाली देते हैं। आप ऐसे कैसे देश के किसानों से बातचीत करेंगे मैं ये जानना चाहता हूं।”
राघव चड्ढ़ा ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा से सवाल पूछा कि, “जब आपके अपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का किसान मोर्चा भारतीय किसान संघ और आपका ही स्वदेशी जागरण मंच इन तीनों काले कृषि कानूनों के खिलाफ है तो ऐसी क्या मित्रता प्रधानमंत्री जी की उद्योगपतियों से निभाना चाहते हैं कि वो अपने ही संगठनों से नाराजगी मोल रहे हैं?
प्रधानमंत्री आपने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं लेकिन आय दोगुना करना तो छोड़िए आज आप किसानों को इन 4 उद्योगपतियों का गुलाम बना देना चाहते हैं।”