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बसपा सांसद दानिश अली ने नेल्सन मंडेला के कथन के साथ दी नए साल की मुबारकबाद कहा ‘आत्म-कारावास सजा ए क़ैद…’

नई दिल्लीः साल 2020 का आज आख़िरी दिन है। यह साल कोरोना की भेंट चढ़ गया, अब इस साल के खत्म होने में कुछ ही घंटे बाक़ी हैं। ऐसे में लोगों ने एक दूसरे को नए साल की मुबारकबाद देना शुरु कर दिया है। इसी क्रम में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने अनोखे अंदाज़ में नए साल की मुबारकबाद दी है। उन्होंने 2021 से उम्मीदें जताते हुए नेल्सन मंडेला को याद किया है।

अमरोहा से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि नेल्सन मंडेला ने जेल से अपनी रिहाई से ठीक पहले कहा था “जैसा कि मैं अपनी आज़ादी के लिए दरवाजे के सामने खड़ा हूं, मैं समझता हूँ कि अगर मैं अपना दर्द, गुस्सा और कड़वाहट अपने पीछे नहीं छोड़ता हूं, तो भी मैं क़ैद में ही रहूंगा।”

दानिश अली ने कहा कि आत्म-कारावास सजा ए क़ैद से भी बदतर होती है। मुझे उम्मीद है कि हम मिलजुल कर इस महामारी से और मज़बूती के साथ लड़ेंगे। शिकवे-शिकायतें दिलों की कड़वाहट को और बढ़ाते हैं। क्षमा हमें कमजोर नहीं मज़बूत बनाती है। यह हमें स्वतंत्र करती है। मैं उन सभी दोस्तों से माफ़ी चाहता हूं जिन्हें जाने-अनजाने मेरी तरफ़ से कोई तकलीफ़ पहुँची हो। आइए, हम सब नए जोश, नई उमंगों और नई आशाओं के साथ नये साल 2021 का स्वागत करें। सभी को मेरा प्यार भरा सलाम।

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