नई दिल्ली : अमेरिका की संसद में मलाला युसुफजई स्कॉलरशिप एक्ट को पारित कर दिया गया है, इस अधिनियम के तहत छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाई जाएगी.
पाकिस्तानी महिलाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में इससे मदद मिलेगी, मार्च 2020 में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स द्वारा यह अधिनियम पारित किया गया था.
1 जनवरी को अमेरिकी सीनेट ने इसे ध्वनि मत से पारित किया, अब इस विधेयक को राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा गया है, इसके बाद यह कानून बन जाएगा.
इस बिल को दी यूएस एजेंन्सी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट की जरूरत पड़ेगी जो 2020 से 2022 तक पाकिस्तानी महिलाओं को पाक स्थित उच्चतर शिक्षा छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत कम से कम 50% छात्रवृत्ति प्रदान करेगी.
इस बिल में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तानी निजी क्षेत्र और पाकिस्तानी प्रवासी द्वारा निवेश का लाभ उठाने के लिए दी यूएस एजेंन्सी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के साथ परामर्श करने की जरूरत पड़ेगी.
2010 से अब तक USAID की ओर से हायर एजुकेशन के लिए पाक में महिलाओं व लड़कियों के लिए 6000 से अधिक स्कॉलरशिप दी जा चुकी है.
महिलाओं की शिक्षा का प्रसार करने के कारण अक्टूबर 2012 में स्कूल से घर जाते समय तालिबान आतंकियों ने मलाला को सिर में गोली मार दी थी.
10 अक्टूबर 2014 को मलाला ने “बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ संघर्ष और सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष के लिए भारतीय बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्षरत कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार साझा किया.
जून 2020 में शिक्षा कार्यकर्ता और नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन भी पूरा किया था, मलाला स्त्री शिक्षा का प्रतीक बन चुकी हैं.