नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में जहां किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है, वहीं भाजपा द्वारा इन कानूनों के समर्थन में सभाएं की जा रहीं हैं। हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री एम.एल खट्टर के कार्यक्रम में तोड़फोड़ हो गई थी। खट्टर की सभा में हुई इस तोड़फोड़ के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा सरकार को सलाह दी है कि वह कृषि कानूनों के समर्थन में कार्यक्रम करने से बचे।
यह जानकारी हरियाणा के शिक्षा मंत्री, कंवर पाल गुर्जर ने दी है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गृह मंत्री ने कहा है कि अगली सूचना तक कार्यक्रम को रोक दिया जाए। कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि अमित शाह कि तरफ से यह सलाह करनाल के नजदीक एक गांव में हुए घटना के बाद सामने आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करनाल के क़रीब एक गांव में एक बैठक रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। वहां मुख्यमंत्री का हेलिपैड खोद दिए गए थे और मंच पर तोड़फोड़ की गई थी। इसी वजह से सीएम खट्टर को अपना करनाल दौरा रद्द करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि करनाल में जो कुछ हुआ, उसके बाद गृह मंत्री ने सरकार को सलाह दी है कि वे किसानों के साथ टकराव ना बढ़ाए। कंवर पाल गुर्जर ने कहा,’किसानों का व्यवहार सही नहीं है। मोबाइल फोन फुटेज में किसानों को मंच पर उत्पात मचाते हुए देखा जा सकता है। किसानों ने पोस्टर और बैनर फाड़ दिए और मंच की कुर्सियों को भी फेंक दिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बिना उतरे वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बता दें केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध के बीच हरियाणा की जजपा और भाजपा की गठबंधन सरकार में दरार की अटकलें हैं। यह अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 विधायक आंदोलनकरी किसानों के समर्थन में खड़े हो गए हैं। क़यास लगाए जाने लगे कि जजपा नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला शायद कोई फैसला ले सकते हैं।
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