नई दिल्ली : कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और नलिन यादव की जमानत अर्जी पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आज सुनवाई होनी थी.

लेकिन कोर्ट में तुकोगंज थाना पुलिस द्वारा केस डायरी पेश नही किए जाने के चलते जमानत याचिका एक सप्ताह तक टाल दी गई है, अब 25 जनवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई की संभावना है.

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मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी को लेकर इंदौर पुलिस ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर गिरफ्तारी के बाद फारुकी के साथ छह अन्य युवा पखवाड़े भर से यहां न्यायिक हिरासत के तहत केंद्रीय जेल में कैद हैं, उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर पुलिस को अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर पांचों लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य).

 धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर कहे गए शब्द) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था.

याचिका की सुनवाई के दौरान मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमन श्रीवास्तव ने कहा कि प्राथमिकी में उनके दोनों मुवक्किलों के खिलाफ लगाए गए आरोप स्पष्ट हैं.

साथ ही मामला राजनीतिक दबाव में दर्ज कराया गया है, वकील ने कहा कि मुनव्वर फारूकी एक हास्य कलाकार हैं और उन्होंने कार्यक्रम के दौरान ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी, जिससे किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत हों.

श्रीवास्तव ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “उच्च न्यायालय परिसर से तुकोगंज पुलिस थाना चंद कदमों की दूरी पर है.

ऐसे में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि फारुकी की जमानत याचिका पर सुनवाई के वक्त पुलिस की ओर से केस डायरी तुरंत उपलब्ध नहीं कराई गई.

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