नई दिल्लीः राम मंदिर निर्माण के लिये भाजपा और हिंदुवादी संगठनों के कार्यकर्ता देश भर में चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। इसी क्रम में देश के राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद ने राम मंदिर निर्माण के लेय पांच लाख रुपये का चंदा दिया है। मंदिर निर्माण के लिये चंदा देने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अकेले नहीं हैं बल्कि यूपी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी मंदिर निर्माण के लिये चंदा दे चुके हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा मंदिर निर्माण के लिये चंदा देने पर पीस पार्टी ने सवाल उठाए हैं। पीस पार्टी प्रवक्ता इंजीनियर शादाब चौहान ने इसे धर्मनिर्पेक्षता पर हमला बताया है।

पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार भारत एक सेक्यूलर देश है, क्या सेक्यूलर देश के राष्ट्रपति को यह शोभा देता है कि वे किसी एक धर्म विशेष के धर्मस्थलों के लिये चंदा दें। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि इस देश में सभी धर्मों के मानने वाले आए दिन कहीं न कहीं अपने अपने धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिये नींव रखते हैं. क्या डॉक्टर रामनाथ कोविंद उन सभी को भी चंदा देंगे।

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शादाब चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा एक धर्म विशेष के धार्मिक स्थल के निर्माण के लिये चंदा देना देश के संविधान की आत्मा पर प्रहार करने जैसा है। उन्होंने कहा कि देश का संविधान धर्मनिर्पेक्षता, पंथनिर्पेक्षता, समाजवाद पर आधारित है। इसके मुताबिक़ देश का कोई धर्म नहीं है हां वह सभी धर्मों को सेलिब्रेट जरूर करता है। लेकिन जब देश के प्रथम नागरिक द्वारा किसी एक धर्मविशेष को प्रोत्साहन दिया जाएगा तो इसे संविधान में लिखे धर्मनिर्पेक्षता के ख़िलाफ ही माना जाएगा।

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