नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी छह राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव लड़ेगी।
देश भर के लोग आम आदमी पार्टी से प्यार करते हैं और उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। दिल्ली की तरह ही सभी राज्य की जनता को 24 घंटे फ्री बिजली व पानी, अच्छे स्कूल और अस्पताल चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है।
आम आदमी पार्टी सिर्फ एक जरिया है और इसके जरिए हमें देश को बदलना है। आम आदमी पार्टी जानती है कि 21वीं व 22वीं सदी का भारत कैसा होगा? हमारे पास इसका विजन है, बाकी पार्टियों के पास कोई विजन नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था और इसके लिए असल में जो जिम्मेदार हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। किसानों के मुद्दे आज भी बरकरार हैं, ‘आप’ कार्यकर्ताओं को बिना झंडा, डंडा और टोपी के गैर राजनीतिक तरीके से किसानों का साथ देना है।
अरविंद केजरीवाल ने आज एनएच-48 से सटे कापसहेरा स्थित कैलिस्टा रिजाॅर्ट में आम आदमी पार्टी की 9वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक की। इस बैठक में देश भर से राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
अरविंद केजरीवाल ने बैठक में देश के कोने-कोने से आए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सभी सदस्यों का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चुनाव के बाद पहली बार हम लोगों को मिलने का मौका मिल रहा है।
सबसे पहले मैं आप सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि आपकी पार्टी ने दिल्ली के चुनाव में शानदार जीत हासिल की। अभी तक दिल्ली में हम विधानसभा स्तर पर तीन चुनाव लड़े हैं और हर चुनाव एक तरह से ऐतिहासिक हुआ।
पहला चुनाव तब हम लड़े थे, जब हमारी नई नई पार्टी बनी थी। 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था और एक साल बाद संभवतः 8 दिसंबर 2013 को चुनाव था। एक साल बाद एक नई पार्टी चुनाव लड़े और पहली बार में ही उस राज्य के अंदर सत्ता में आ जाए, ऐसा भारत के इतिहास में कभी देखा नहीं गया।
उस मायने में पहला चुनाव हमारा ऐतिहासिक था कि दिल्ली की जनता ने अपार विश्वास, अपार प्रेम आम आदमी पार्टी को दिया और हमें पहली बार सरकार चलाने का मौका दिया। आपकी पार्टी ने मात्र 49 दिनों में एक ऐसी सरकार चलाई कि अगली बार लोगों ने 70 में से 67 सीटें ‘आप’ को दे दी।
इस तरह दूसरा चुनाव अपने आप में ऐतिहासिक था कि 70 में से 67 सीटें आई जो कि आज तक किसी भी पार्टी को इतना जबरदस्त बहुमत अपने देश में नहीं मिला है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोग कहते हैं कि 5 साल सरकार चला लो तो लोग नाराज हो जाते हैं, लोगों की अलग-अलग शिकायतें होती हैं, लेकिन तीसरा चुनाव हमने अपने काम के बल पर लड़ा। हमने ऐलान किया कि अगर हमने काम किया है, तो वोट देना और अगर काम नहीं किया हो, तो वोट नहीं देना और तीसरा चुना उस तरह से ऐतिहासिक था।
जब पार्टी तीसरी बार चुनाव लड़ी, तो एक बार फिर आम आदमी पार्टी को इतना जबरदस्त बहुमत मिलना, यह अपने आप में एक ऐतिहासिक था। इस चुनाव में हम लोगों ने काम की राजनीति को और विकास की राजनीति को, इस देश में पहली बार स्थापित किया।
आज तक इस देश में कोई ऐसी पार्टी नहीं आई, जिसने खुलकर, सीना चैड़ा करके कहा हो कि स्कूल बनवाएं हैं, इसलिए वोट देना, अस्पताल बनवाएं हैं, इसलिए वोट देना, बिजली ठीक की है, इसलिए वोट देना।
अभी तक इस देश के अंदर अभी वे लोग आकर कहते थे कि तुम हिंदू हो, हम हिंदू हैं, तो हिंदू, हिंदू को वोट देना, तुम मुसलमान हो हम मुसलमान हैं, तो मुसलमान, मुसलमान को वोट देना, तुम ठाकुर हो, बनिए हो, पंडित हो आदि बातों पर ही तो वोट मांगते हैं। लोगों को एक-दूसरे को लड़ा कर ही तो वोट मांगते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि आज तक किसी भी पार्टी में इतनी हिम्मत नहीं थी, जो खड़े होकर कह दे कि हमने काम किया है, काम के नाम पर वोट देना, स्कूल के नाम पर वोट देना, अस्पताल के नाम पर वोट देना। इन लोगों की हिम्मत नहीं है कि उसका काउंटर कर सकें। अभी जोश-जोश में आकर उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने चुनौती दे दिया कि मनीष सिसोदिया जी आएं और हमारे साथ डिबेट करें।
उन्होंने सोचा कि हमने ऐसे ही बोल दिया, वो आएगा नहीं, लेकिन मनीष जी पहुंच गए। मनीष जी ने पहुंच कर कहा, मैं आ गया, कहां चलना है, कहां डिबेट करना है, तो वो मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए। यह लोग ऐसे ही हैं, ये लोग कायर हैं।
इन्होंने काम किया ही नहीं है। ऐसे ही चुनौती देते हैं। एक बार इनकी आंख में आंख डाल कर बात करो, तो ये मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। योगी जी के एक नहीं, बल्कि दो-तीन मंत्रियों ने चुनौती दी थी कि हमने स्कूल बड़े अच्छे कर दिए, आकर देखो और हमारे साथ डिबेट करो। जब मनीष जी वहां पहुंचे और उनके स्कूल देखने के लिए जब वे चले, तो योगी जी ने अपनी पुलिस भेज करके मनीष जी को रोक लिया, उन्हें आगे जाने नहीं दिया।
इतना डर, इसका मतलब स्कूल ज्यादा ही खराब है। वो नहीं चाहते थे, मनीष जी के साथ-सारा मीडिया जा रहा था। पूरा नेशनल टेलीविजन पर आ जाता है कि योगी जी के स्कूलों का क्या हाल है?
उन्होंने मनीष जी को रास्ते में ही रोक लिया और उन्हें स्कूल देखने नहीं दिया। मेरा यह कहना कि जो स्कूल तुमको दिखाने में इतना शर्म आ रही है, उस स्कूल में हमारे बच्चे करोड़ों बच्चे पढ़ रहे हैं। सोचा, उन बच्चों के साथ तुम क्या कर रहे हो? उन बच्चों का तुमने क्या हाल कर रखा है?
उन बच्चों का भविष्य अंधकार में है। इसके बाद उत्तराखंड के मंत्री मदन कौशिक ने चुनौती दी। उन्होंने चुनौती दी कि मैं 100 मिनट में 100 काम गिना दूंगा। मनीष जी बताएं कि कहां पर आना है? मनीष जी बताएं कितने बजे आना है? इस पर मनीष जी उत्तराखंड भी पहुंच गए और मदन कौशिक भी वहां से भाग खड़े हुए।
उत्तर प्रदेश में भाजपा गई, उसके बाद उत्तराखंड में भाजपा भाग गई। वहां पर भी उनकी हिम्मत नहीं हुई। उत्तराखंड में भी मनीष जी एक स्कूल देख कर आए, उस स्कूल का बहुत बुरा हाल था। 70 साल तक बीजेपी और कांग्रेस ने राज किया। इन्होंने सब चीजों का बुरा हाल कर दिया। इसीलिए देश को आम आदमी पार्टी की जरूरत पड़ी।
इसीलिए देश के लोग आम आदमी पार्टी को पसंद करते हैं, क्योंकि जो काम यह पार्टियां 70 साल में नहीं कर पाईं, वो काम आम आदमी पार्टी ने 5 साल के अंदर दिल्ली के अंदर करके दिखा दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल के अंदर काफी मुश्किल परिस्थितियों से पूरी मानव जाति गुजरी है। हमारे देश के अंदर हर शहर और गांव में कोरोना की वजह से बहुत कठिन परिस्थितियां थीं,
लेकिन दिल्ली में ‘आप’ की सरकार ने जिस तरह से शांत तरीके से, संयम से और सबको साथ लेकर, बिना राजनीति किए, सारी संस्थाओं को, सारे संगठनों को, सारे लोगों को, हर तबके को, सारी सरकारों को साथ लेकर दिल्ली के अंदर जिस तरह से कोरोना का प्रबंधन किया गया, उसकी प्रशंसा दुनिया भर में हो रही है।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में जो कोरोना की महामारी थी, वो दुनिया में सबसे ज्यादा कठिन था। दिल्ली में कोरोना की सबसे ज्यादा कठिन परिस्थिति थी। 11 नवंबर को दिल्ली में 8.5 हजार केस एक दिन में आए। पूरी दुनिया के अंदर किसी भी शहर में इतने ज्यादा केस कभी नहीं आए।
न्यूयॉर्क में अप्रैल के महीने में एक दिन में 6300 केस आए थे, जबकि दिल्ली में 8.5 हजार आए थे। लेकिन जब न्यूयार्क में 6300 केस आए, तो न्यूयार्क के सभी अस्पताल भर गए थे। सड़कों और अस्पताल के काॅरिडोर में मरीज पड़े हुए हैं।
लोगों को अस्पताल में एडमिशन नहीं मिल रहे थे, चारों तरफ बुरा हाल थे। वहीं, दिल्ली में जब 8.50 केस आए, उस दिन भी हमारे अस्पतालों के अंदर 7 हजार बेड खाली पड़े थे। दिल्ली में मरीज सड़कों पर और काॅरिडोर में नहीं थे। हमारे डाॅक्टर और अधिकारियों ने मिल कर इतना शानदार प्रबंधन किया।
हमने जो पिछले 5 साल के अंदर अस्पतालों के अंदर निवेश किए, यह उसका नतीजा था। हमने दिल्ली के अंदर इतने मोहल्ला क्लीनिक खोले, अस्पताल बनाए, सरकारी अस्पतालों को ठीक किया और सबको साथ लेकर चले, यह उसका नतीजा था।
हमारा इतना शानदार प्रबंधन था कि सबसे ज्यादा महामारी का प्रभाव दिल्ली के उपर हुआ, लेकिन उसका आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसको शानदार तरीके से प्रबंधन किया। हमने होम आइसोलेशन और प्लाज्मा थेरेपी की, इस तरह से कई नई-नई चीजें की।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं देख रहा था कि कैसे एक राज्य में एक हॉस्पिटल के अंदर एक ही आदमी 50 बार सैंपल दे रहा है। इसका मतलब है कि वे फर्जी टेस्ट कर रहे थे। फर्जी टेस्ट कर कर के अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे थे कि कोरोना नहीं है।
हमने दिल्ली के अंदर फर्जीवाड़ा नहीं होने दिया। हमने अपने सारे सभी अफसरों और डॉक्टरों से कहा कि जो सही स्थिति है, वही दिखाओ। अगर मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे ही सही स्थिति नहीं पता है और जनता को सही स्थिति नहीं दिखाऊंगा, तो अंदर ही अंदर बीमारी बढ़ती जाएगी, लोग मरते जाएंगे।
मेरे लिए लोग महत्वपूर्ण हैं, न कि यह आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। मेरे लिए लोगों की जान महत्वपूर्ण है, हमारे लिए एक-एक ही जान कीमती है। हमने आंकड़ों के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया, जो था, जनता के सामने रख दिया। जब दिल्ली में कोरोना बढ़ा, तो इन लोगों ने हमें खूब गालियां दी।
हमने संयम के साथ मुंह बंद रख कर सारा काम करते गए और कल 80 हजार के टेस्ट हुए थे। अब दिल्ली के अंदर 100 से भी कम केस आने शुरू हो गए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने कोरोना पर भी काफी अच्छा काम किया और इसके लिए आम आदमी पार्टी की सरकार की चारों तरफ तारीफ हो रही है।
मुझे सबसे अच्छा लगा कि 2 जुलाई को दिल्ली में दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक बना था और 27 अगस्त को अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा था कि हम भी अब प्लाज्मा थेरेपी इस्तेमाल करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश के अंदर हर जगह, गांव-गांव में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के कामों की चर्चा है। देश भर में लोग आम आदमी पार्टी की इज्जत करते हैं। देश भर में लोग आम आदमी पार्टी से प्यार करते हैं।
लेकिन जब उसने पूछा जाता कि आम आदमी पार्टी को वोट देंगे, तो वे कहते हैं कि अभी ‘आप’ का यहां संगठन नहीं है। यह जो छोटा सा फासला है, यही हमें तय करना है कि अभी कुछ तो है नहीं। मोटे तौर पर अगर हम कहें, तो लोग अब आम आदमी पार्टी को चाहते हैं। पूरे देश में सबको पता चल गया है कि दिल्ली में 24 घंटे बिजली मिलती है और फ्री बिजली मिलती है।
यह आठवें चमत्कार से कम नहीं है। देश भर में सभी को 24 घंटे और फ्री बिजली चाहिए। बाकी सरकारें कर नहीं पा रही हैं, उनसे हो नहीं पा रहा है। अगर उनसे होता, तो अब तक कर देतीं। यह जादू तो आम आदमी पार्टी के लोगों को ही आता है और किसी को आता नहीं है। ऐसा हम ही कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता है।
सारे लोग ‘आप’ को चाहते हैं, लेकिन हमें वह संगठन बनाना पड़ेगा। उसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी, आपको गली-गली में जाना पड़ेगा, लोगों से मिलना पड़ेगा और बहुत बड़े स्तर पर संगठन बनाना पड़ेगा। सबको जोड़ना पड़ेगा, सारा देश जुड़ेगा, सारा देश आम आदमी पार्टी का हिस्सा बनेगा, तभी देश का बदला होगा।
आम आदमी पार्टी क्या है? हम लोग आम आदमी पार्टी से नहीं चिपके हैं, बल्कि हम लोग देश से चिपके हैं। हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है। आम आदमी पार्टी तो सिर्फ एक जरिया है और इसके जरिए हमें देश को बदलना है।
राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि अगले दो साल के अंदर देश में जो भी चुनाव हो रहे हैं, आम आदमी पार्टी ने उन सभी चुनावों को लड़ने का निर्णय लिया है। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात, इन छह राज्यों में हम चुनाव लड़ेंगे। हम चुनाव क्यों लड़ेंगे? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पास लोग आते हैं।
दिल्ली तो पूरे देश का एक मिनी इंडिया है। दिल्ली में पूरे देश भर से लोग आकर रहते हैं। उत्तराखंड से भी आते हैं, उत्तर प्रदेश से भी आते हैं, जम्मू-कश्मीर से भी आते हैं, हिमाचल प्रदेश से भी आते हैं, साउथ भी आते हैं, ईस्ट भी आते हैं, वेस्ट से भी आकर लोग यहां रहते हैं।
उन लोगों से जब हम बात करते हैं, तब लोग कहते हैं कि हमारा क्या कसूर है? हमने उत्तर प्रदेश के अंदर भाजपा को 325 सीट दे दी, अब इससे ज्यादा हम इन्हें क्या देते, फिर भी काम नहीं करते हैं, तो जनता को क्यों त्रस्त हो।
वे कहते हैं कि हमें भी बिजली 24 घंटे और मुफ्त चाहिए, हमें भी अच्छे स्कूल, अस्पताल और फ्री दवाइयां चाहिए। हमें भी अच्छी सड़क और अच्छा पानी चाहिए। लोग कहते हैं कि इनके वश की बात नहीं है।
इनको 325 सीटें दे दी और इसके बाद भी इन्होंने कुछ नहीं किया, तो अब तो आप ही की जरूरत है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब आप लोगों को निकलकर जनता के बीच जाना पड़ेगा, जनता तैयार है। आपको बस यह दिखाना है कि आम आदमी पार्टी हर जगह पहुंच गई है। आपको उनके पास पहुंचने की जरूरत है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर 5 साल के अंदर हम लोग यह कर सकते थे, तो 70 साल में बीजेपी और कांग्रेस वाले भी कर सकते थे। इसका मतलब है कि जानबूझकर अपने देश को पिछड़ा रखा गया, जानबूझकर अपने देश को गरीब रखा गया, जानबूझकर को अपने देश को अनपढ़ रखा गया। देश में ज्यादातर भाजपा और कांग्रेस की ही सरकारें रही हैं।
आजकल एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है। वह पार्टी आपको दिलाती है कि सन् 1200 में यह हुआ था, सन् 1300, 1400 में यह हुआ था। वो पार्टी यह नहीं बताती है कि 21वीं सदी का भारत कैसा होगा? वो यह नहीं बताती है कि 22वीं सदी का भारत कैसा होगा? वह बताती है कि सन् 1200 में यह हुआ था, इसका हम बदला लेंगे।
अब देश को यह तय करना है कि हमें आगे बढ़ना है कि हमें पीछे जाना है। इन पार्टियों के पास कोई विजन नहीं है। इनको यह नहीं पता है कि इन्हें करना क्या है? इसलिए पीछे वाली चीजों में हमें उलझाए रहते हैं, इनकी नियत खराब है। अगर आप सब लोग देश से प्यार करते हैं, तो केवल आम आदमी पार्टी ही है, जिनके पास 21वीं और 22वीं सदी का विजन है।
हमें पता है कि हमें करना क्या है और हमें पता है कि वह करने के लिए वहां तक पहुंचना कैसे हैं? हमें पता है कि पूरे देश को शिक्षित कैसे करना है? हमें पता है कि इस देश के गरीब से गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे देनी है? हमने यह करके दिखाया है। हमें पता है कि गांव-गांव तक, घर-घर तक नल में पानी कैसे पहुंचाना हैं?
हम नारेबाजी नहीं करते, ये लोग नारेबाजी करते हैं। रोज एक नया स्लोगन लाते हैं। नारेबाजी करने से थोड़ी काम चलता है, 24 घंटे मेहनत करनी पड़ती है, साफ नियत रखनी पड़ती है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजकल हमारे देश का किसान बहुत दुखी है। 70 साल से सभी पार्टियों ने मिलकर किसानों को धोखा दिया। कभी कहते थे कि तुम्हारा लोन माफ करेंगे, किसी ने लोन माफ नहीं किया। कभी कहते थे, तुम्हारे बच्चों को नौकरी देंगे, किसी ने नौकरी नहीं दी।
बताया जा रहा है कि देश के अंदर पिछले 25 साल में 3.5 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसी ने किसानों की सुध नहीं ली। अभी जो ये तीनों बिल आए हैं, यह तीनों बिल एक तरह से किसानों से उनकी खेती छीनकर इन 2-4 पूंजीपतियों को सौंप देंगे। अब किसान के लिए अस्तित्व का सवाल हो गया है।
अब किसान सड़क पर नहीं उतरेगा, तो किसानी ही नहीं बचेगी और किसानी नहीं बचेगी, तो बेचारा किसान कहां जाएगा, वो अपने परिवार को कैसे पालेगा। मैं कई बार सोचता हूं कि इतनी ठंड के अंदर किसान कैसे बैठे हैं? वो इसीलिए बैठे हैं, क्योंकि अगर वे नहीं बैठेंगे, तो उनका कुछ बचेगा ही नहीं। 26 जनवरी को जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था।
जो हिंसा हुई थी, वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। इस मामले में जिस तरह से फर्जी केस पर केस लगा रहे हैं, उन्हें नहीं, बल्कि जो भी लोग उसके लिए असल में जिम्मेदार हैं, जो भी पार्टी उसके लिए असल में जिम्मेदार है, उसको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
लेकिन उस दिन हिंसा हुई, इस वजह से किसानों की मुद्दे नहीं खत्म हो गए, उनके मुद्दे आज भी बरकरार है, जिस मुद्दों की वजह से वे 60 दिन से बैठे हैं। वे कह रहे हैं कि आंदोलन खत्म हो गया, किसानों का आंदोलन कैस खत्म हो सकता है।
किसानों की जो दुखती समस्या है, वो आज भी हैं, तो आंदोलन खत्म नहीं हो सकता, उनके मुद्दे खत्म नहीं हो सकते। जिस देश का किसान दुखी हैं, वह देश कभी भी सुखी नहीं हो सकता। हम सब लोगों को मिलकर अपने-अपने इलाके में अहिंसक व शांतिपूर्वक किसानों का साथ देना है।
जब भी किसानों का साथ देने जाओ, अपना झंडा, डंडा और टोपी घर पर छोड़ कर जाना, वहां हमें पूरे गैर राजनीतिक तरीके से एक आम आदमी बन कर जाना है। इस देश का आम नागरिक बन करके जाना है, वहां पर कोई राजनीति नहीं करनी है।