नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल से दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने अपनी बीती सुनाई है। बता दें कि पुनिया को दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में जमानत दे दी थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मंदीप ने बताया कि उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर पथराव करने वालों के बारे में बताया था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
मंदीप ने बताया कि मैं बैरिकेड के पास खड़ा होकर रिपोर्ट कर रहा था। वहां कुछ प्रवासी मजदूर थे, जो निकलने की कोशिश कर रहे थे। पुलिसवाले उन्हें लगातार गालियां दे रहे थे। पुलिसकर्मियों ने पहले स्वतंत्र पत्रकार धर्मेंद्र को खींच लिया। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि ये रहा मनदीप इसे भी खींच लो। उन्होंने मुझे भी खींच लिया और ताबड़तोड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
पुलिसवालों ने की पिटाई
पुनिया ने अपनी आप बीती सुनाते हुए बताया कि पुलिसकर्मी कह रहे थे कि इसको तो हम रिपोर्ट करवाएंगे। कई दिनों से उछल रहा है। कूट कूटकर बड़ा रिपोर्टर बनाएंगे। फिर मुझे टैंट में ले गए वहां भी मारा। मेरा कैमरा और फोन तोड़ दिया। उसके बाद मुझे सफेद स्कॉर्पियो में डालकर अलग-अलग थानों में घुमाने लगे। फिर रात को दो बजे मेडिकल करवाने ले गए। वहां भी डॉक्टर से बार बार बोल रहे थे कि ये स्टाफ का मामला है आप देख लीजिए। मगर डॉक्टर ने शायद वीडियो देखा होगा। उन्होंने पुलिसवालों को कहा कि आप पीछे हट जाएं। मैं इसका पूरा मेडिकल करूंगा। मैं डॉक्टर को धन्यवाद देना चाहता हूं। सारे मेडिकल के बाद साढ़े 3 बजे मुझे समयपुर बादली हवालात में बंद कर दिया गया।