नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल माॅडल की देश भर में बढ़ती स्वीकार्यता से भाजपा घबराई गई है और इसीलिए दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीनना चाहती है।
भाजपा ने संसद में गैर संवैधानिक बिल लाकर दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों के अधिकारों का गला घोंटना चाहती है। इस बिल के मुताबिक, सरकार का मतलब एलजी होंगे और चुनी हुई सरकार का कोई मतलब नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर के प्रदेश के सभी जिलों में इस बिल का विरोध कर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ योगी सरकार की पुलिस ने बर्बरता से मारपीट की। योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नारे लगाना जुर्म हो गया है, लेकिन जनता समय आने पर अपने वोट की ताकत से इसका जवाब देगी।
इस बिल को लेकर दूसरे दलों से भी बातचीत हुई है। लोकसभा और राज्यसभा के साथ सड़क पर भी इसका विरोध किया जाएगा।
संजय सिंह ने दिल्ली सरकार को कमजोर करने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए संशोधित बिल के संबंध में पार्टी मुख्यालय में आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। संजय सिंह ने कहा कि देश के सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने स्पष्ट तौर पर 2018 में फैसला दिया कि दिल्ली में सरकार का मतलब लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई, जनता के वोट से चुनी हुई एक सरकार होगी,
जिसका अगुआ दिल्ली का मुख्यमंत्री होगा, एलजी नहीं होगा। उस आदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और जमीन, इन तीन विषयों को छोड़कर सारे अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास यानी केजरीवाल सरकार के पास होंगे।
इस फैसले से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को मोहल्ला क्लीनिक पास कराने के लिए अपनी कैबिनेट के साथ एलजी के घर पर 9 दिन धरने पर बैठना पड़ा। लेकिन जब से यह फैसला आया है, दिल्ली सरकार को काम करने में सुविधा हुई, विकास के तमाम कार्यों को गति मिली। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और महिला सुरक्षा के क्षेत्रों में अनुकरणीय काम हुए।
ऐसा काम हुआ कि केजरीवाल सरकार की तारीफ अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स में होने लगी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने तारीफ की, तमाम देशों के प्रख्यात लोगों ने दिल्ली मॉडल तारीफ की, हमारे मोहल्ला क्लीनिक, 200 यूनिट बिजली फ्री और पानी फ्री मॉडल की तारीफ की। कौन सी ऐसी सरकार है, जो महिलाओं को बस की यात्रा फ्री देती है।
संजय सिंह ने कहा कि जब केजरीवाल मॉडल की पूरे देश में चर्चा होने लगी, हमारी स्वीकार्यता पूरे देश में बढ़ने लगी। गुजरात जैसे राज्य में जब हम 27 सीटें जीतकर आए, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने चोर दरवाजे से गैर संवैधानिक ढंग से और लोकतांत्रिक तरीके से देश के संविधान और लोकतंत्र की हत्या करते हुए एक गैर संवैधानिक बिल देश की लोकसभा में पेश किया। उस बिल में कहा जा रहा है कि सब कुछ एलजी होंगे।
कहा जा रहा है कि सरकार का मतलब एलजी हैं। कहा जा रहा है कि चुनी हुई सरकार का मतलब नहीं, चुनाव का मतलब नहीं, जनता के वोट का मतलब नहीं, अगर इस तरीके से आप लोकतंत्र को चलाना चाहेंगे और इस तरीके से आप देश के संविधान को चलाना चाहेंगे, तो हमारा संघीय ढांचा कहां बचेगा?
चुनाव का क्या मतलब रह जाएगा, क्या मतलब रह जाएगा कि कोई एक सरकार दिन रात मेहनत कर जनता के हित में काम करती है। केंद्र की सरकार का मकसद होना चाहिए कि ऐसे सरकारों को प्रोत्साहन दे,
लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों के अधिकारियों का गला घोंटने पर लगी हुई है, ऐसी सरकार के अधिकारों को खत्म करने पर लगी हुई है। केंद्र सरकार डंडे से दिल्ली को चलाना चाहती है। आम आदमी पार्टी सड़क से संसद तक इस बिल का विरोध करेगी।
संजय सिंह ने कहा कि कल जब हमारे साथी इस बिल का विरोध कर रहे थे, आदित्यनाथ के राज में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा-पीटा गया। एक हमारे सिख प्रीत पाल सिंह सरोजा कार्यकर्ता हैं, वह माइनॉरिटी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
उनकी पगड़ी पर लात मार कर उनको गिरा दिया गया। उन्हें लाठियों से बर्बरता पूर्वक पीटा गया। महिला की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव को भी बर्बरता पूर्वक पीटा गया। छोटे बच्चों के लेकर हमारे प्रदर्शन में जो महिला कार्यर्का शामिल थीं, उनको मारा- पीटा गया और गिरफ्तार किया गया।
हमारे युवा प्रदेश उपाध्यक्ष शाहबाज का गला दबाने की कोशिश की गई, वह बेहोश होकर अस्पताल में भर्ती रहा। आज इसकी अखबारों के मुखपृष्ठ पर खबर और फोटो भी छपी है। नीलम यादव का बाल खींचते हुए पुलिस अधिकारी की फोटो आई है। उत्तर प्रदेश में यह हो रहा है।
हम लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन, आंदोलन और नारे नहीं लगा सकते। अगर विरोध प्रदर्शन करेंगे, तो आप मारेंगे-पीटेंगे और महिलाओं के साथ अभद्रता करेंगे। हमारे कार्यकर्ता नोमान का पैर तोड़ दिया गया। कल इसके विरोध में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया गया था, उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हिस्सा लिया था। साथ ही, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में आंदोलन हुआ।
कार्यकर्ताओं को लाठियों का सामना करना पड़ा, मुकदमों का सामना करना पड़ा। प्रयागराज में हमारे 25 कार्यकर्ताओं का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस तरीके से यूपी में योगी जी का राज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि कोई योगी जी के सामने आवाज नहीं उठा सकता है। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नारे लगाना जुर्म हो गया है, लेकिन मैं आदित्यनाथ को बताना चाहता हूं कि यह पुलिसिया आतंक की तस्वीरें, यह जुल्म-ज्यादती, ये लाठियां, ये मुकदमे, यह सब याद रखिएगा।
उत्तर प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर आपको अपने वोट की ताकत से जवाब देगी, क्योंकि लोकतंत्र की मालिक जानता है, लोकतंत्र लाठीशाही नहीं चलता, उसको लाठीशाही से चलाने की कोशिश मत कीजिए।
लोकशाही जनता से चलती है, लाठीशाही से नहीं चलती है। एक कहावत है कि जब नाश मनुज का का छाता है, तो पहले विवेक मर जाता है। आपकी बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है, आपको यह समझ में नहीं आ रहा है कि आंदोलन का क्या मतलब होता है?
किसान आंदोलन को कुचलो, छात्रा आंदोलन को कुचलो, नौजवानों के आंदोलन को कुचलो, पार्टियों के आंदोलन को कुचलो और उन पर मुकदमे लिखो। ऐसे अगर आप उत्तर प्रदेश को चलाना चाहते हैं, तो इंतजार कीजिए, जनता वक्त आने पर आपको जवाब देगी।
जहां तक इस बिल का प्रश्न है, इस बिल पर दूसरे दलों के नेताओं से भी हम लोगों ने बातचीत की है और इसका विरोध राज्यसभा में भी होगा और लोकसभा में भी होगा।
No Comments: