नई दिल्ली : सीएम केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर दिल्ली की तरह ही हम पंजाब में भी 24 घंटे और मुफ्त बिजली देंगे। अगर दिल्ली में बिजली का बिल जीरो हो सकता है, तो पंजाब में क्यों नहीं? आम आदमी पार्टी की सरकार यह करके दिखाएगी।
जब हमने दिल्ली के स्टेडियम को किसानों के लिए जेल नहीं बनने दिया, तो मोदी सरकार संसद में बिल लाकर मुख्यमंत्री की पावर छीन रही है। मैंने किसान आंदोलन का केवल समर्थन ही नहीं किया, बल्कि उसका हिस्सा बन कर काम किया, जिसकी वजह से मोदी सरकार हमें परेशान कर रही है।
उन्होंने कहा कि इनसे मैं पिछले छह साल से लड़ रहा हूं। आप चिंता मत करना। जब तक मैं दिल्ली में हूं, किसी भी हालत में किसानों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने दूंगा।
तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा यह आंदोलन केवल किसानों का नहीं, बल्कि हर भारतवासी का आंदोलन है। केंद्र सरकार जितना भी अत्याचार कर ले। किसानों की मांगे जायज हैं और आखिर में जीत किसानों की ही होगी।
भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ यह महापंचायत मोंगा के बाघा पुराना स्थित दाना मंडी में आयोजित हुई। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महापंचायत में पंजाब के कोने-कोने से बड़ी संख्या में आए लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज मैं पंजाब के किसानों को सलाम करने के लिए दिल्ली से आया हूं।
जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार ने तीन काले कानून पास किए। सबसे पहले, उसके विरोध में पंजाब से आवाज निकली। सबसे पहले पंजाब के किसानों ने उन तीनों कानूनों की खिलाफत चालू की। पंजाब के अंदर सबसे पहले आंदोलन उठा और वह आंदोलन दिल्ली पहुंचा। जो आग पंजाब के अंदर आप लोगों ने लगाई, आज पूरे देश के अंदर वह आग लग रही है और आज पूरे देश के किसान आप लोगों के साथ खड़े हो गए हैं।
पंजाब वीरों की धरती है। आज नहीं, सदियों से जब-जब देश या पंजाब के ऊपर अन्याय हुआ, पंजाब के लोगों ने उसका नेतृत्व किया है। इस बार भी पंजाब के किसानों ने तीनों काले कानूनों के उपर नेतृत्व किया है।
अब यह केवल पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है, बल्कि अब यह देश के हर आदमी, हर औरत और हर बच्चे का आंदोलन बन गया है। यह केवल पंजाब में ही नहीं, बल्कि दिल्ली के घर-घर के अंदर यह आंदोलन पहुंच गया है।
केजरीवाल ने कहा कि मैं अभी सूरत गया था। सूरत में आम आदमी पार्टी बीजेपी से 27 सीट जीत गई है। गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता है। सूरत में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव लड़ी और पहली बार में सूरत के अंदर कांग्रेस की जीरो और आम आदमी पार्टी की 27 सीटें आई हैं।
सूरत के लोगों ने मुझे कहा कि अगर आप पंजाब जाएं, तो पंजाब के लोगों को बोल देना कि पूरे गुजरात के किसान उनके साथ हैं। दिल्ली आपके साथ है, गुजरात आपके साथ है। कुछ दिन पहले मेरी ममता बनर्जी से बात हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि पश्चिमी बंगाल के सारे किसान भी आंदोलन के साथ हैं।
यह लोग जो बोलते हैं कि आंदोलन केवल एक 1-2 राज्यों का आंदोलन है। यह 1-2 राज्यों का आंदोलन नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों का आंदोलन है। यह केवल देश के किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि हर एक भारतवासी का आंदोलन है। हर देशभक्त का आंदोलन है। इस देश में रहने वाले बच्चे-बच्चे का आंदोलन है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शुरू से ही मैंने इस आंदोलन का सिर्फ समर्थन नहीं किया, बल्कि इस इसका हिस्सा बन कर भाग लिया। आज उसकी वजह से हमें मोदी सरकार परेशान कर रही है। अभी हमारी सारी शक्तियां छीनने का कानून संसद के अंदर लेकर आए हैं।
नवंबर के महीने में जब पंजाब से किसान दिल्ली की तरफ चलें, तो हरियाणा में हर शहर में इनको रोका गया, इन पर पानी की बौछारें छोड़ी गई, बैरिकेड लगाए गए, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हर जगह इनको रोकने की कोशिश की गई, लेकिन पंजाब के किसान चलते गए और सारी अड़चनों को पार करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए।
तब मोदी सरकार ने एक बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा। मोदी सरकार ने प्लानिंग की कि इन किसानों को दिल्ली आने देते हैं, जब ये दिल्ली आ जाएंगे, तो इन्हें दिल्ली के 9 स्टेडियमों को जेल बना कर उसमें डाल देंगे। इन जेलों में किसान कई महीनों तक पड़े रहेंगे और इनका आंदोलन खत्म हो जाएगा।
उन स्टेडियम को जेल बनाने की शक्ति मोदी सरकार के पास नहीं थी, बल्कि यह शक्ति हमारी सरकार के पास थी। यह भी ऊपर वाले की कृपा है कि स्टेडियम को जेल बनाने की शक्ति मोदी सरकार के पास नहीं थी। इसलिए मोदी सरकार ने मेरे पास फाइल भेजी कि इन 9 स्टेडियम को जेल बनाने हैं। मैंने उनसे पूछा क्यों बनाने हैं?
उन्होंने कहा कि जो किसान आ रहे हैं, उनको इन जेलों में डालना है। हमने कहा कि स्टेडियम को जेल नहीं बनने देंगे। इन्होंने मुझे खूब फोन किया और मेरे ऊपर खूबर दबाव डाला, लेकिन हम झुके नहीं।
मैंने फाइल पर लिख दिया कि किसानों का आंदोलन अहिंसक है, इनकी मांगे जायज है, मोदी सरकार तुरंत इनकी मांगे मान ले, हम स्टेडियम को जेल नहीं बनने देंगे और हम लोगों ने दिल्ली पुलिस की अर्जी को खारिज कर दी।
केजरीवाल ने कहा कि जब हमने स्टेडिय को जेल नहीं बनने दिया, तो मोदी सरकार हमसे खूब नाराज हो गई। उसी का नतीजा है कि पिछले हफ्ते संसद के अंदर मोदी सरकार कानून लेकर आई है कि दिल्ली के अंदर अब से सारी पावर केजरीवाल की नहीं होगी, दिल्ली के अंदर अब से सारी पावर मुख्यमंत्री की नहीं होगी,
बल्कि सारी पावर एलजी की होगी और सारे निर्णय एलजी लेंगे। वो हमारी सारी पावर छीनना चाहते हैं। उनको लगता है कि अगली बार जब जेल बनानी पड़ेगी, तो फाइल मुख्यमंत्री के पास नहीं, एलजी के पास फाइल जाएगी। लेकिन आप लोग चिंता मत मरना।
आपका भाई, आपका बेटा, मैं वहां पर इन लोगों से पिछले 6 साल से लड़ रहा हूं। मुझसे पता मुझे पता है कि इनसे कैसे लड़ना है? इनको कभी किसी भी हालत में किसानों खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने देंगे, जब तक दिल्ली में मैं हूं, तब तक आप किसी बात की चिंता मत करना।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब किसान बॉर्डर पर आकर रुक गए, तब उनकी सेवा करने के लिए पंजाब के सारे विधायक, सांसद और दिल्ली के हमारे सारे विधायक और सांसद, सबने वहां जाकर सेवादार बनकर सेवा की।
मैंने सबको बोला कि वहां पार्टी का झंडा लेकर और टोपी पहन कर मत जाना, पार्टी का नाम और केजरीवाल का भी नाम मत लेना, सेवादर बन कर किसानों के बीच में जाकर सेवा करना। सबने जाकर के रोज सेवा की। वहां पर सिर्फ हमने ही नहीं, बल्कि और भी बहुत से लोगों ने सेवा की। वहां पर और भी जत्थेबंदियां है, सबने लंगर लगा रखा है। हमने दिल्ली सरकार की तरफ से वहां पानी और टॉयलेट का इंतजाम किया।
हमने लंगर का इंतजाम किया। कुछ बच्चे मेरे पास आकर बोले कि उन्हें अपने पिंड में बात करने दिक्कत होती है, सिग्नल कमजोर है। फिर हमने दिल्ली सरकार की तरफ से वहां पर फ्री वाईफाई का इंतजाम किया। हम जो भी कर सकते थे, हमने किया। मैंने सोचा मैं सिंघु बॉर्डर पर जाकर के किसानों से मिल लूं।
जब मैं घर से निकला तो दिल्ली पुलिस ने मुझे रास्ते में रोक लिया। दिल्ली पुलिस मेरे अधीन नहीं आती है। मुझको मेरे घर के अंदर ही नजरबंद कर दिया। मुझे 24 घंटे घर से निकलने नहीं दिया गया, ताकि मैं सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों से न मिल सकूं, लेकिन मुझे कोई परवाह नहीं है।
ये जो मर्जी अत्याचार करें, आप लोगों की लड़ाई जायज है, आपकी मांगे जायज है, आप सच्चाई के रास्ते पर चल रहे हैं और आखिर में जीत अपनी ही होगी।
केजरीवाल ने कहा कि इन्होंने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की। कभी खालिस्तानी और कभी आतंकवादी कहते हैं। किस्म-किस्म के आरोप आंदोलन पर लगाए, लेकिन देश की जनता देख रही हैं। इनकी एक भी नहीं चली।
आम आदमी पार्टी ने जितने भी बीजेपी के नेताओं और अगुओं ने हमारे किसानों को गालियां दी हैं, उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने 70 केस कर रखे हैं। आम आदमी पार्टी ने इनके सारे बड़े-बड़े नेताओं के उपर केस कर रखे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जितने लोगों ने गालियां दी हैं, जब आदेश पारित होगा, तो एक दिन ये सभी लोग जेल जाएंगे।
पिछले 70 साल से इस देश के अंदर किसानों के साथ अन्याय और ज्यादती हो रही है। 70 साल से इतनी पार्टियां सत्ता में आई, लेकिन किसानों को धोखे के अलावा कुछ नहीं मिला। कभी कोई पार्टी नौकरी देने का वादा करती है, लेकिन नौकरी नहीं देती है।
कभी कोई पार्टी कर्जा माफ करने का वादा करती है, लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ। लेकिन ये तीनों कानून ऐसे हैं कि अगर ये लागू हो गए, तो किसानों का कुछ नहीं बचेगा। किसानों की न जमीन बचेगी और न उनकी खेती बचेगी। ये खेती उठा कर अपने बड़े-बड़े तीन-चार पूंजीपति दोस्त हैं, उनको उठा कर देने की इन्होंने पूरी तैयारी कर रखी है।