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भाजपा राज में समाज में असुरक्षा की भावना क्यों है ? : अखिलेश यादव

नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सन् 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव चुनौती और सम्भावना दोनों हैं। यह सामान्य चुनाव नहीं है, भविष्य का भी चुनाव है।

भाजपा की भय और भ्रम की राजनीति से लोकतंत्र की सुरक्षा करनी होगी। इसमें समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। समाजवादी विचारधारा को सशक्त बनाकर ही सामाजिक न्याय और सम्मान को खतरा उत्पन्न करने की भाजपा की साजिशों से मुकाबला किया जा सकता है।

अखिलेश यादव आज समाजवादी पार्टी कार्यालय, लखनऊ में समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से मिल रहे थे। इनमें शिक्षाविद, कलाकार तथा विश्वविद्यालयों के अध्यापकगण शामिल थे। यादव ने चेताया कि भाजपा समाज के लिए खतरनाक है।

वह सामंतवादी व्यवस्था की पुनरावृत्ति कर रही है। नफरत फैलाकर समाज के बीच विद्वेष पैदा करने में भाजपा लगी है। धनबल से सत्ता का दुरूपयोग हो रहा है। भाजपा राज में समाज में असुरक्षा की भावना क्यों है?

यादव ने कहा कि आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार में बोलने की आजादी छीनी जा रही है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। सत्ता चंद हाथों में केन्द्रित की जा रही है।

किसान को उसके खेतों के स्वामित्व से वंचित कर चंद पूंजीघरानों के हाथों में लीज पर सौंपने का षडयंत्र चल रहा है। किसान को न तो फसल का लाभप्रद मूल्य मिल रहा है नहीं गन्ना किसानों का बकाया भुगतान हो रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा मुख्य मुद्दों से भटकाना जानती है। गरीबों के हितों का उसे ख्याल नहीं। गांवों की उपेक्षा हो रही है। बुनकरों पर मंहगी बिजली की मार पड़ रही है। नोटबंदी-जीएसटी ने व्यापार धंधा चौपट कर दिया है।

भाषा स्तर पर भी भाजपा का रवैया विभेदकारी है। श्रमिकों के अधिकारों में कटौती की जा रही है। नौजवान बेकारी में जिंदगी काटने को मजबूर है। नौकरी हैं नहीं, कोरोना संकट के बहाने जो हैं वे भी छीनी जा रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा विकास में दिलचस्पी नहीं रखती है। समाजवादी सरकार में ही सबके विकास के काम हुए हैं। भाजपा राज में शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदहाली है। वस्तुतः भाजपा नेतृत्व के पास कोई विजन नहीं है।

भाजपा की राज्य सरकार में तो घोटाले ही घोटाले हैं। मुख्यमंत्री जी के बड़बोलेपन के बावजूद अपराधी बेखटके अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। महिलाएं एवं बच्चियों का मानसम्मान हर क्षण खतरे में है। कानून व्यवस्था महज मजाक बनकर रह गई है।

समाज का एक वर्ग आज भी उपेक्षित है। वह विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की जद्दोजहद में है। अन्य बुद्धिजीवियों का यह भी कहना था कि अखिलेश जी का बेदाग चरित्र है। उन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। वे समग्र समाज के विकास के बारे में सोचते हैं।

अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने किसानों, गरीबों तथा अल्पसंख्यकों के लिए बहुत कुछ किया है। उपस्थित सभी जनों ने भरोसा दिलाया कि वे सन् 2022 के चुनाव में पूर्ण बहुमत की समाजवादी सरकार बनाएंगे और अखिलेश यादव जी को मुख्यमंत्री बनाकर जनाकांक्षाओं को पूरा किया जायेगा।

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