नई दिल्ली
सीएम अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस माॅडल को फाॅलो कर भाजपा और कांग्रेस दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने लगे हैं। इसपर ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल के गवर्नेंस माॅडल की तर्ज पर अब भाजपा और कांग्रेस के लोग भी दूसरे राज्यों में फ्री बिजली और महिलाओं को बस में फ्री सफर का चुनावी वादे कर रहे हैं। केजरीवाल एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके पास देश को लेकर विजन है। इसलिए आज दिल्ली देश भर में विकास के नए-नए प्रयोगों की एक प्रयोगशाला बन गई है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री भी अब मान रहे कि केजरीवाल माॅडल ही देश के विकास का असली माॅडल है। प्रधानमंत्री स्वयं केजरीवाल सरकार के प्रयोगों को स्वीकार कर देश भर के मुख्यमंत्रियों को कोरोना से निपटने के लिए मिनी कंटेनमेंट जोन और होम आइसोलेशन की सलाह दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि देश के विकास का जो केजरीवाल खाका रख रहे हैं, उसमें भाजपा के लोग और केंद्र सरकार अड़चनें नहीं डालेंगे। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे हर 15 दिन में अरविंद केजरीवाल के साथ देश के विकास के माॅडल पर सलाह मशविरा करें।
देश में जहां भी चुनाव हो रहे हैं, वहां भाजपा और कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल को फाॅलो कर चुनाव लड़ रहे हैं- मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में लोगों से चुनावी वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए, तो वहां पर 200 यूनिट तक बिजली फ्री देंगे। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह वहां पर सत्ता में आई, तो महिलाओं के लिए निःशुल्क परिवहन सुविधा मुहैया कराएगी। भाजपा ने जो दिल्ली में विकास के काम हो रहे हैं, उसी तरह के चुनावी वादे तमिलनाडु में किए हैं। परसों प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना की समीक्षा बैठक की थी। वहां उन्होंने होम आइसोलेशन को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार बताया। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन ही कोरोना से लड़ने और प्रबंधन में अभी तक सबसे कारगर हथियार साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में माइक्रो कंटेनमेंट जोन्स बनाए जाने की जरूरत है। पिछले दिनों मैं देख रहा था कि असम में प्रचार करते हुए कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने भी वहां मुफ्त बिजली का वादा किया है। पंजाब में वहां के कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ऐलान कर दिया है कि महिलाओं के लिए सरकारी बसें दिल्ली की तर्ज पर फ्री होंगी। यह अलग बात है कि वहां की सड़कों पर सरकारी बसे हैं नहीं, लेकिन फिर भी उन्होंने इसका ऐलान कर दिया है। कुल मिलाकर मैं देख रहा हूँ कि खासतौर से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस देश में जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं, वो अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल देश के लिए सोचते हैं और जो कहतें हैं, वो करते हैं- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, जहां भी चुनाव लड़ रहे हैं, केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल को फाॅलो करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। यह हमारे लिए और देश के लिए अच्छी बात है। हम इसे देश की राजनीति और देश के विकास के लिए एक अच्छा संकेत मानते हैं। यह इस बात को भी साबित करता है कि अरविंद केजरीवाल ही एकमात्र एक ऐसे नेता हैं, जिनके पास देश को लेकर विजन है। आज अरविंद केजरीवाल ही ऐसे नेता हैं, जिनके पास देश के आम आदमी की जरूरतों की समझ है, उसको क्या चाहिए, उसके जीवन में क्या तकलीफ है, उसका विकास कैसे हो सकता है, देश के आम आदमी का और देश का विकास कैसे हो सकता है? इसकी सबसे कारगर और सबसे सटीक योजनाएं देश में केवल और केवल अरविंद केजरीवाल के पास में है। देश को सही दिशा में ले जाने के लिए आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार जो काम कर रही है, वही लीडरशिप है। डेवलपमेंट लीडरशिप का जो मॉडल केजरीवाल मॉडल से निकल कर आया है, आज यह देख कर खुशी हो रही है कि बाकी पार्टियां उसको फॉलो करती हुई दिख रही हैं। खासकर भारतीय जनता पार्टी जहां भी सत्ता में आने का सपना देख रही है, उसी मॉडल को जनता के सामने रख रही है और उसी मॉडल के नाम पर जनता से वोट मांग रही है। अरविंद केजरीवाल देश के लिए सोचते हैं। देश के लोगों के भले के लिए सोचते हैं और उनकी एक खास बात है कि जो वह कहते हैं, वो करते हैं। आज दिल्ली जो भी काम गवर्नेंस को लेकर, दिल्ली के आम आदमी को लेकर और दिल्ली के विकास को लेकर हो रहे हैं, उसके आधार पर कह सकते हैं कि आज दिल्ली देश भर में विकास के नए-नए प्रयोगों की एक प्रयोगशाला बन गई है। यहां से विकास के नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। वह चाहे अर्थ व्यवस्था को लेकर प्रयोग हो रहे हों, लोगों के घर चलाने को लेकर प्रयोग हो रहे हों, स्कूल-अस्पताल चलाने को लेकर प्रयोग हो रहे हों, दिल्ली, देश के लिए नए-नए प्रयोगों की प्रयोगशाला बन चुकी है।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अब बीजेपी वाले दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने जाते हैं, तो वहां पर तो केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल को फॉलो करते हैं, लेकिन जब दिल्ली में वही काम अरविंद केजरीवाल करते हैं, तो उसको रोकते हैं। प्रधानमंत्री भी होम आइसोलेशन की बात तो करते हैं कि होम आइसोलेशन ही कोरोना से लड़ने में कारगर है। उन्होंने सारे मुख्यमंत्रियों को सलाह दी कि होम आइसोलेशन को बढ़ावा दीजिए। आप होम आइसोलेशन से ही कोरोना के बढ़ते केस से लड़ सकते हैं, वहीं, आपको याद होगा कि जब दिल्ली में पहली बार होम आइसोलेशन की शुरुआत की गई थी। जिसमें सरकार सरकार ने आधिकारिक तौर पर घोषणा करते हुए दिल्ली के लोगों से कहा था कि अगर आप कोरोना पाॅजिटिव आए हैं, लेकिन कोई लक्षण नहीं है, तो आप आराम से घर में रहिए, सरकार की ओर से डाॅक्टर आपसे रोजाना दो-तीन बार बात कर आपका हालचाल पूछेंगे और कोई भी दिक्कत होगी, तो आपको तुरंत अस्पताल जाने के लिए रेफर करेंगे। यह होम आइसोलेशन का कंसेप्ट अरविंद केजरीवाल ही लेकर आए थे, लेकिन जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने इसको दिल्ली में लागू किया, तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लगातार इसका विरोध किया और केंद्र सरकार से आदेश दिए कि होम आइसोलेशन नहीं चलेगा। कोरोना कोई भी पॉजिटिव आदमी होगा, तो पहले उसे क्वारंटीन सेंटर भेज कर 5 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। हम लोगों ने बहुत लड़-लड़ कर केंद्र सरकार से यह आदेश वापस कराया कि क्वारंटीन सेंटर होम आइसोलेशन से बढ़िया नहीं है। किसी भी कोरोना पाॅजिटव व्यक्ति को उठा कर आप क्वारंटीन सेंटर भेज दो, यह अच्छा तरीका नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज हमें खुशी है कि दिल्ली के इस प्रयोग को प्रधानमंत्री भी मान रहे हैं कि यही एक तरीका है, जिससे कि हम कोरोना के बढ़ते केस से लड़ सकते हैं। ज्ञात है कि पिछले साल जब कोरोना को लेकर लॉकडाउन हुआ था, तब पूरी दिल्ली में कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे। उस दौरान भाजपा की केंद्र सरकार जिद पर अड़ी थी कि जहां भी कोरोना के केस पाए जाएं, पूरे शहर और कस्बों को बंद कर दो। एक बार उन्होंने कहा कि दिल्ली में पूरे इलाके को बंद कर दो। 8 से 10 कालोनियों और 3-4 किलोमीटर का एरिया बंद कर दो। तब भी सीएम अरविंद केजरीवाल इसका विरोध करते हुए कहा था कि इतने बड़े पैमाने पर इलाके को अगर आप सील करोगे, तो उसके अंदर रहने वाले लोगों को आपस में एक दूसरे से कोरोना होने का खतरा है। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने मिनी कंटेनमेंट जोन बनाने का फार्मूला दिया। आज अगर दो-तीन घरों को भी कोरोना है, तो उन दो-तीन घरों को भी आप सील कर दें और उसको कंटेन करें। पूरी दिल्ली को कंटेन करने की जरूरत नहीं है। यह फार्मूला दिल्ली से निकल कर आया है और आज प्रधानमंत्री देश के सारे मुख्यमंत्रियों को सलाह दे रहे हैं कि मिनी कंटेनमेंट जोन बनाइए और होम आइसोलेशन की तरफ बढ़िए।
‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब हमने दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को महिलाओं के लिए फ्री किया था, तब भाजपा ने खूब शोर मचाया था और बीजेपी वालों ने इसका खूब मजाक बनाते हुए तोहमतें भी दी। साथ ही, केंद्र सरकार ने इसको रोकने की पूरी कोशिश की थी कि किस तरह से इसको रोका जाए, लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने लड़-लड़ कर इस योजना को पास कराया और इसको लागू किया। आज दिल्ली की महिलाओं को इसका फायदा मिलना है और अच्छी बात यह है कि देशभर की महिलाओं को इसका फायदा कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप मिलने जा रहा है, क्योंकि जहां भी कांग्रेस और बीजेपी के लोग चुनाव लड़ रहे हैं, वहां पर मान रहे हैं कि महिलाओं के लिए फ्री ट्रांसपोर्ट की जरूरत है।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि यही हाल बिजली का भी है। जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने बिजली फ्री करने की बात कही थी और कहा था कि 200 यूनिट बिजली फ्री करेंगे, तो भाजपा के नेताओं ने बहुत ड्रामे किए थे और धरने दिए। भाजपा के लोगों ने कहा कि केजरीवाल फ्री में बांट रहे हैं और केंद्र सरकार की तरफ से भी इसको रोकने की पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन इस योजना को भी पूरी तरीके से लागू किया गया और आज दिल्ली में जब 70 फीसद आबादी को दिल्ली फ्री मिल रही है, तो यह बात समझ में आ रही है कि यही विकास का मॉडल है, यही देश के विकास का तरीका है और इसी से देश की अर्थ व्यवस्था का विकास होगा। आज कहीं न कहीं केंद्रीय गृहमंत्री भी पश्चिम बंगाल में जाकर यही बात कह रहे हैं कि केजरीवाल का मॉडल ही देश के विकास का असली मॉडल है। हमें उम्मीद है कि दिल्ली में जो विकास के नए-नए प्रयोग, देश के विकास का जो खाका अरविंद केजरीवाल रख रहे हैं, अब भाजपा के लोग और केंद्र सरकार उसमें अड़चनें नहीं डालेंगे। बल्कि मैं उम्मीद करूंगा और सलाह भी दूंगा कि प्रधानमंत्री भी इस बात को स्वीकार करें और इस बात को मानें। प्रधानमंत्री देश के नेता हैं, वह किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री, भले ही वह किसी दूसरी पार्टी का है, उसके साथ सलाह मशविरा करें, इससे वह छोटे नहीं हो जाएंगे। प्रधानमंत्री हर 15 दिन में अरविंद केजरीवाल को चाय पीने के लिए बुलाएं और बात करें कि देश के विकास के लिए क्या मॉडल हो सकता है? देश के विकास के लिए जो मॉडल्स सोचे जा रहे हैं, उनमें से किस योजना को कैसे अच्छे से लागू कर सकते हैं, कैसे आम आदमी का भला हो सकता है? मुझे लगता है कि ऐसा करने से नए तरीके के गवर्नेंस का फायदा देश की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा और देश के आदमी को भी मिलेगा। साथ ही, उम्मीद है कि अब दिल्ली सरकार के काम में अड़चनें नहीं लगाएंगे, बल्कि हमारे काम में सहयोग करेंगे, क्योंकि अब उनको भी समझ में आ रहा है कि कि देश के विकास का मॉडल केजरीवाल का गवर्नेंस माॅडल ही है।
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