रामपुर(मो. शाह नबी)
सीतापुर जेल में सज़ा काट रहे सपा सांसद आज़म ख़ान का इस समय लखनऊ के मेदांता में इलाज चल रहा है। वह कोरोना संक्रमित हैं। आज़म खान के स्वास्थ्य को लेकर उनके प्रशंसक दुआयें कर रहे हैं। उनके साथ बिताए अपने लम्हों को याद कर रहे हैं। आज़म ख़ान के प्रशंसक मोईन हसन खान पठान के जीवन पर आज़म ख़ान का बहुत प्रभाव है। मोईन पठान ने आज़म खान के साथ गुज़रे लम्हों को हिंद न्यूज़ के साथ साझा किया है।
मोईन खान ने बताया कि मुझे आज़म ख़ान के जज़्बे और क़द का उस दिन पता चला जब मैं छात्र नेता था। मैं सुंदर लाल इंटर कॉलेज में छात्रों का जुलूस लेकर गया था। कॉलेज का घंटा बजा रहा था। मैं और मेरे साथी बोल रहे थे हड़ताल-हड़ताल,उसी दिन एक टीचर ने मुझसे मुझसे कहा “मुझे आज़म खां याद आ गए, उन्होंने इसी घंटे को बजाकर छात्रों की हड़ताल कराई थी। कारण यह था कि जुमे की नमाज़ की अदायगी के लिये जुमे को दूसरे कॉलेजों की तरह सुंदर लाल इंटर कॉलेज में भी हाफ डे हो।”
तब मुझे उस टीचर के अल्फ़ाज़ सुनकर अफसोस हुआ कि जब आज़म ख़ान 9वीं कक्षा में थे तब भी उनको जुमे की नमाज़ की अहमियत का अहसास था और उन्होंने अपनी इसी माँग को लेकर पहली हड़ताल कराई थी। उस वक़्त छात्रों ने आज़म ख़ान ज़िन्दाबाद की शुरुआत कर दी थी।
हालाँकि 1992 के दौर में हमारी ख़ुद की पूरे उत्तर प्रदेश में पहचान थी और हम (कांग्रेस) एन.एस.ओ के प्रदेश महासचिव थे। लेकिन हमारी बस एक चाहत थी कि आज़म खां के साथ जुड़ जाएँ। मुझे आज भी याद है वो 9 अप्रैल 1992 जुमेरात का दिन था जब पूरे लाव-लश्कर के साथ हम सब आज़म ख़ान की दर्सगाह में दाखिल हो गए।
मैंने इतने लंबे समय उनके साथ रहकर बहुत कुछ महसूस किया। क्योंकि मैं उनके बेहद करीबी रहा, इसलिये मैंने उनके किरदार, उनकी सोच, उनकी राजनीति, उनके समर्पण का बहुत बारीकी से अध्ययन किया है। आज मैं गर्व से कहता हूँ कि आज़म खान मात्र एक सांसद, मंत्री ,नेता विपक्ष नही बल्कि आज़म खान एक ऐसे लीडर हैं, जो करोड़ो लोंगो में से एक पैदा होता है। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि उन्होंने तमाम उम्र ज़ुल्म के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कभी भी ज़ालिम से हाथ नही मिलाया। आज़म ख़ान वह खुशनसीब लीडर हैं जिनको अल्लाह ने चाहने वालो की भी फ़ौज दी है।
मोईन पठान कहते हैं लिखने को तो मेरे पास इतना कुछ है कि पूरी एक किताब लिख जाये। लेकिन एक लाइन में ही सब कुछ समझ लीजिए कि आज़म ख़ान जैसा लीडर सदियों में पैदा होता है। अल्लाह आज़म खां को सलामत रखे।
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