Header advertisement

दिल्ली में उर्दू शिक्षकों की भर्ती निकालने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री का आभार : हाजी ताज मुहम्मद

दिल्ली में उर्दू शिक्षकों की भर्ती निकालने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री का आभार : हाजी ताज मुहम्मद

नई दिल्ली
दिल्ली सरकार द्वारा उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा से पूरे उर्दू समुदाय में खुशी की लहर फैल गई है। उर्दू अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष हाजी ताज मुहम्मद ने इस घोषणा के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। दिल्ली सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करके बहुत बड़ा काम किया है। जिसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। अंग्रेजी, पंजाबी और संस्कृत शिक्षकों के लिए भी नियुक्तियां निकली हैं, जो एक स्वागत योग्य कदम है। दिल्ली सरकार द्वारा किये गये कार्यों से पता चलता है कि दिल्ली सरकार नागरिकों के हित के साथ-साथ सभी भाषाओं का विकास चाहती है।
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मंजूरी के बाद दिल्ली सरकार ने 27 मई को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा लगभग 6,000 ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती की ख़बर अखबारों में प्रकाशित की है। इसके लिए 4 जून 2021 से ऑनलाइन आवेदन पत्र भर सकेंगे और फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 3 जुलाई है। नियुक्ति के 917 उर्दू पदों में से 246 पद पुरुष वर्ग के लिए आरक्षित हैं और 571 पद महिला शिक्षकों के लिए हैं।
आरक्षित 874 पदों में से पंजाबी में, 382 पुरुषों के लिए और 492 महिलाओं के लिए हैं, संस्कृत में 2025 पदों में से 866 पुरुषों के लिए और 1159 महिलाओं के लिए हैं और अंग्रेजी में 1990 के पदों में से 1029 पुरुषों के लिए और 961 महिलाओं के लिए हैं और एक बंगाली के लिए है।
अकादमी के उपाध्यक्ष ने कहा कि हालांकि कुछ अन्य कार्यों के कारण उर्दू वालों की मांग को लागू करने में विलंब हुआ, लेकिन दिल्ली सरकार का यह कदम सराहनीय है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह इसे जारी रखेंगे। उर्दू भाषा के प्रचार और विकास के लिए कार्य करना अकादमी के बुनियादी कार्यों में से है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि विज्ञापन अनुसार अतिथि शिक्षकों की आयु सीमा को कम कर दिया गया है, लेकिन दिल्ली सरकार से उम्मीद है कि वह इस पर पुनर्विचार करेगी और उर्दू वालों की जायज मांग को पूरा करेगी। इस अवसर पर अकेडमी के उपाध्यक्ष ने तमाम उर्दू की सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं से गुजारिश की है कि वह कोचिंग का बंदोबस्त करें। जिससे फॉर्म भरने वालों की विशेष तैयारी हो जाएगी। कोचिंग के इंतजाम में दिल्ली उर्दू अकेडमी तो विशेष तौर से अपना योगदान प्रदान करेगी ही लेकिन उर्दू के महत्वपूर्ण संस्थाएं जैसे अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद, ग़ालिब इंस्टीट्यूट, ग़ालिब एकेडमी, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज मिल जुल कर ख़ुद भी कोचिंग का बंदोबस्त करे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उर्दू मीडियम के स्कूलों से भी गुज़ारिश करेंगे कि वह सब भी अपने अपने स्कूलों में कोचिंग दिलाने के व्यवस्था करें।
मीटिंग में उर्दू अकादमी, दिल्ली की गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों, विशेष रूप से अब्दुल मजीद निजामी, जावेद रहमानी, मुहम्मद मुस्तकीम खान और गर्वार्निंग बॉडी के सभी सदस्यों ने भी घोषणा का स्वागत किया और दिल्ली सरकार का धन्यवाद किया।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *