Header advertisement

तालाबों के मिटते अस्तित्व ग्रामीणों के लिये घातक बनते नजर आ रहे हैं, बरसात से पहले ही गांव में बने बाढ़ जैसे हालात

तालाबों के मिटते अस्तित्व ग्रामीणों के लिये घातक बनते नजर आ रहे हैं, बरसात से पहले ही गांव में बने बाढ़ जैसे हालात

मेरठ/ ललियाना। जनपद मेरठ के परीक्षितगढ़ ब्लॉक के गांव ललियाना में स्थित तालाब के पानी की निकासी न होने से रास्ता जलमग्न। आप को बता दें कि देश के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर लोगों का ध्यान मिटते तालाबों के अस्तित्व तथा भूजल की ओर आकर्षित करते हुए कहा है कि हम सबको तालाबों के मिटते अस्तित्व को लेकर चिंता करनी चाहिए। उन्होंने सरकारों को इस तरफ ध्यान देकर तालाबों को पुनर्जीवित करने की बात कही है। वही जनपद मेरठ के गांव ललियाना निवासी अमीर अकबर, मुन्ने आश मोहम्मद चंदरु पारचा हाफ़िज़ जफीर, तस्लीम सुल्तान इकबाल रजिया मेहराज  ममनून आसिफ़ रहिस अब्बास तथा कैई दर्जन लोगों ने गांव में मौजूद सैकड़ों बीघा के 4 तालाबों के अस्तित्व लगभग खत्म हो चुके अस्तित्व को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि गांव ललियाना में करीब 300 बीघा में फैले मोहल्ला मंजिवाला में स्थित गुइली तालाब धुँआ जो होड़ तथा मोहल्ला निचोड़ा में भस्सड़ो वाले तालाबों का अस्तित्व अब खत्म होने की तरफ है। जहां कुछ भू माफियाओं ने तालाब पर कब्जा करने की मंशा को लेकर वर्षों पहले तालाब में जलकुंभी नामक जलीय पौधा डालकर तालाबों को नष्ट करने की ओर कदम बढ़ाया था। वहीं अब तालाबों पर ज्यादातर लोगों ने कब्जा कर लिया है।

वहीं गांव में भी जलस्तर काफी गहराई पर पहुंच गया है। तथा ग्रामीणों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा है कि गांव में स्थित तालाब का दोबारा से पुनर्जीवित होना ग्रामीणों के भविष्य के लिए जरूरी है। सरकार को भी इस ओर कड़े कदम उठाने चाहिए। तथा ग्रामीणों ने आला अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायत दी लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई गांव ललियाना के मोहल्ला मंजिवाला में स्थित तालाब पर चारों तरफ से हों रहें अवैध कब्जे के कारण तालाब के गंदे पानी का मैन रास्ते पर जलभराव बढ़ता जा रहा है। और बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *