(शमशाद रज़ा अंसारी)
रामपुर। जिस दौर से सपा नेता आज़म खान गुज़रे हैं, उसके अनुसार उनपर यह पंक्तियाँ सटीक लगती हैं-
कुछ लोग उठा रहे हैं मेरे साथ मुसीबतें,
कुछ लोग थे जो वक़्त के साथ बदल गए।
जेल जाने से लेकर जमानत पर बाहर आने तक सपा के कद्दावर नेता आज़म खान ने लोगों के बदलते चेहरे देखे हैं। आज़म खान ने अपने बयानों से जता भी दिया है कि न वो साथ छोड़ने वालों को भूले हैं और न साथ देने वालों को भूले हैं। रामपुर विधायक साथ छोड़ने वालों पर तंज़ भी कर रहे हैं और जिन्होंने साथ दिया,उन्हें तसल्ली भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में आज़म खान हर मुसीबत में उनके साथ खड़े रहने अपने मीडिया प्रभारी फ़साहत अली खान शानू के घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घर में मौजूद बच्चों को गले लगाया तथा परिजनों को तसल्ली दी।
शानू को प्रशासन की ओर से जिला बदर किया जा चुका है, इसलिए वह रामपुर से बाहर हैं। आजम खान ने वीडियो कॉल पर शानू से बात की। इस दौरान आजम खान भी भावुक हो गए। आजम ने शानू को ढांढस बंधाया। साथ ही उनकी मां की लंबी आयु की कामना की।
बता दें कि फसाहत अली खां शानू जब जेल में बंद थे, तब उनके पिता फिरासत अली खां का निधन हो गया था। साथ ही उनकी मां नसरीन की तबीयत खराब चल रही है। आजम खान ने उनकी मां का भी हालचाल जाना। शानू के भाई सबाहत अली खां ने भावुक होकर आजम खां को जेल जाने के बाद के हालात से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पुलिस दिन में कई-कई बार दबिश देती थी। हालात ऐसे बना दिए थे कि सभी लोग डिप्रेशन में चले गए थे। एक वक्त तो ऐसा आ गया था कि मन करता था कि कोर्ट की छत से ही कूद जाऊं। उन्होंने बताया कि डिप्रेशन की दवा आज भी चल रही है।
सबाहत की बात सुनकर भावुक हुए आजम खान ने शानू के परिजनों को समझाया और भरोसा दिया कि जब अच्छा वक्त नहीं रहा, तो फिर बुरा वक्त भी नहीं रहेगा। आप लोग चिंता मत कीजिए। हमारे अज़ीज़ लोगों ने हमारे लिए कितना कुछ सहा है, हमें सब पता है।
ज्ञात हो कि जेल से बाहर आने के बाद भी आज़म खान ने शानू को गले लगाया था। जिसके बाद दोनों कुछ देर तक रोते रहे।
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