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उबैदुल्लाह नासिर का लेख: राहुल कांग्रेस को नेहरु मॉडल पर ले जा रहे हैं

उबैदुल्लाह नासिर का लेख: राहुल कांग्रेस को नेहरु मॉडल पर ले जा रहे हैं

लेफ्ट और कांग्रेस कुदरती सहयोगी है

नर्म हिंदुत्व से कांग्रेस को बहुत नुकसान हो चुका है

सेकुलरिज्म और सोशलिज्म कांग्रेस की पहचान है

संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा हर भारतीय की ज़िम्मेदारी

संवैधानिक संस्थाओं को बचा कर ही लोकतंत्र की रक्षा हो सकती है

विगत दिनों देश के एक बुद्धजीवी सुधीन्द्र कुलकर्णी का एक सम्मानित अंग्रेजी अख़बार में लेख छपा था जिसका लब्बो लुआब यह था कि राहुल गांधी की भारत जोड़ी यात्रा का स्वागत है  इस पर प्रसन्नता भी  ज़ाहिर की थी की राहुल गांधी की यह यात्रा समय की आवश्यकता है और इस यात्रा को सभी समाजी संगठनों और NGOs का समर्थन हासिल है और यह की  राहुल गांधी सब से मिल रहे हैं सबको साथ ले कर चल रहे हैं जिससे एक अच्छा सन्देश जा रहा है इसके साथ ही उन्हों ने यह मशविरा भी दिया था की राहुल किसी को अछूत न समझें और आरएसएस को भी इस में शामिल कर लें I कुलकर्णी जी के इस लेख के बाद कांग्रेस के अंदर बैठे संघियों  और नर्म हिंदुत्व के झंडाबरदारों को जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गयी और  उन्हों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया I राहुल गांधी की यह यात्रा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही पार्टी के कुछ जोशीले नवजवान कार्यर्ताओं ने एक विडियो वायरल किया जिसमे आरएसएस की पहचान खाकी नेकर को जलते हुए दिखाया गया था I यह विडियो बनाने वालों ने यह सन्देश देने की कोशिश की थी की इस भारत जोड़ो यात्रा की सफलता और इसे जनता की मिल रही हिमायत से आरएसएस अंदर ही अंदर जल भुन रही है I दक्षिण पंथी और कथित वरिष्ट कांग्रेसी इससे नाराज़ हुए इस विडियो को गैर जिम्मेदाराना बताया और भविष्य में ऐसा न करने की सलाह दी जबकि नवजवान कार्यकर्ता इस मुंह तोड़ जवाब से खुश है और उन्होंने इसके कुछ दिनों बाद ही एक और विडियो वायरल कर दिया जिसमें बीजेपी के मुंह फट प्रवक्ता की खाकी नेकर में पीछे से आग निकलते दिखाया गया यह संबित पात्र के उस इलज़ाम का जवाब था जिसमे उन्हों ने कहा था कि खाकी नेकर सुलगते हुए दिखा कर दर सल कांग्रेस ने केराला में जहा लेफ्ट और संघी कार्यकर्ताओं के बीच अक्सर झड़पें होती रहती है और दोनों ओर के कई कायकर्ता मारे जा चुकें हैं वहां संघ के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का सन्देश दिया है और यह कि अब अगर केरला में कोई हिंसा होती है और संघ के कार्यकर्ताओं को कोई जिस्मानी नुकसान पहुँचता है तो उसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस होगी Iउधर कांग्रेस में बैठे आरएसएस के हमदर्दों ने राहुल गांधी को यह राय भी दे डाली की केराला में संघ के जो कार्यकर्त्ता मारे गए हैं वह उनके घर जा कर संवेदना प्रकट करें I किसी की मौत पर उसके घर जा कर उसके परिवार वालों  से संवेदना प्रकट करना अच्छी बात है मगर केवल संघ के ही कार्यकर्ताओं के यहा ही क्यों लेफ्ट के भी बहुत से कार्यकर्त्ता इस हिंसा में मारे गए थे इस कांग्रेसियों ने राहुल गाँधी को उनके घर जाने का मशविरा क्यों नहीं दिया ? वैसे भी भारत जोड़ो यात्रा का सब से अधिक समय केरला में दिए जाने से लेफ्ट राहुल की इस यात्रा अपर सवाल उठा रहा है और अगर कहीं राहुल इन संघी कार्यकर्ताओं के घर चले जाते तो लेफ्ट और भी आक्रामक हो जाता I कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए की लेफ्ट उसका कुदरती और सब से विश्वासनीय सहयोगी है और आगे भी होगा I कोई भी क्षेत्रीय दल कभी भी बीजेपी की गोद में बैठ सकता है जिसका इशारा आज ममता बनर्जी ने दे भी दिया लेकिन लेफ्ट कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जायेगा सेकुलरिज्म और सोशलिज्म को ले कर दोनों पार्टियों की विचारधारा में कोई मतभेद भी नहीं है I

वास्तव में कांग्रेसियों को यह नहीं भूलना चाहिए की राहुल  गाँधी की असल लड़ाई ही आरएसएस की साम्प्रदायिक और विभाजनकारी नीतियों को ले कर है Iइन्ही सम्प्रदायिक विभाजनकारी और असंवैधानिक नीतियों को मोदी और बीजेपी की राज्य सरकारें पूरी तन्मयता से सभी संवैधानिक,कानूनी,नैतिक और मानवीय मूल्यों को ही नहीं खुद सनातन धर्म की शिक्षाओं को धता बता कर लागू कर रही है, जिसकी जड़ में केवल मुस्लिम दुश्मनी ही नहीं बल्कि संवैधानिक लोकतंत्र को समाप्त कर के देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने और मनु स्मृति लागू करने का आरएसएस का असल लक्ष्य छुपा  हुआ है I ऐसे में जो लोग भले ही वह कांग्रेस के ही क्यों न हों राहुल को आरएसएस से सम्बन्ध रखने का मशविरा दे रहे हैं वह राहुल की लड़ाई को कमज़ोर ही नहीं उसे असफल करना चाहते हैं I कांग्रेस में सफाई का दौर चल रहा है पार्टी में छुपे संघियों को पहचान कर उन्हें वैसे ही किनारे लगाने की ज़रूरत है जैसे इंदिरा गाँधी ने किया था I कांग्रेस विगत कई दहाइयों से न्र्फ़ हिंदुत्व पर चल रही थी जिसकी बहुत बड़ी कीमत उसे अदा करनी पड़ी है कांग्रेस के सामने केवल एक रास्ता है एक ही मॉडल है और वह है जवाहर लाल नेहरु का रास्ता, नेहरूवियन मॉडल राहुल इसी रास्ते पर चल रहे है यही मॉडल अपना रहे हैं यात्रा में यही नारा भी लगा रहा है “ राहुल नहीं मशाल है –नया जवाहर लाल है “ I इस सम्बन्ध में एक पूर्व आईएस अधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने फेस बुक पर अपनी एक पोस्ट में लिखा है “सामाजिक सद्भाव और कौमी यकजहती के उद्देश्य से भारत जोड़ो पदयात्रा के महत्त्व से क़तई इंकार नहीं किया जा सकता और इस दिशा में राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा निश्चय ही साहसिक और सराहनीय क़दम है I मगर एक ऐसे आर्थिक ढाँचे की बहाली और पुनर्निर्माण संबंधी नीतियों का एलान भी ज़रूरी है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्रों शिक्षा स्वास्थ्य तथा यातायात सुविधाओं के निजीकरण पर रोक लगे, कृषि का संकट खत्म हो, रोज़गार समेत सभी नागरिकों को सम्मानजनक जिंदगी की बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने की गारंटी मिले ——सांगठनिक स्तर पर कांग्रेस यह संकेत दे रही है की वह अपने गांधी नेहरु युग की परम्पराओं को बहाल करेगी”I वह यह भी लखते हैं कि “ इस बात के लिए राहुल की तारीफ़ करनी चाहिए की तमाम दबावों के बावजूद  2019 की हार की नैतिक आधार पर अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उन्हों ने दुबारा अध्यक्ष पद के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिखाई और न ही खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताया है अगर आगे भी वह अपना यही रुख कायम रखते हैं तो उन्हें स्वत: भाजपा के ऊपर नैतिक बढत मिल जायेगी” I ध्यान रहे की कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव का एलान हो चूका है राहुल गांधी ही नहीं इस परिवार  का कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार नहीं है I अभी  तक अशोक गहलोत और शशि थरूर के नाम की ही चर्चा है, नामजदगी की तारीख निकल जाने के बाद ही तस्वीर साफ़ होगी, लेकिन यह तय की इस बार कांग्रेस का अध्यक्ष नेहरु गाँधी परिवार का नहीं होगा I

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सफलता के साथ दुसरे हफ्ते में दाखिल हो गयी है I इस यात्रा को अवाम में जो लोकप्रियता मिल रही है वह बेमिसाल है जिस प्रकार जगह जगह उसका स्वागत हो रहा है जिस प्रकार लोगबाग उस यात्रा से जुड़ रहे हैं और जिसन प्रकार आम आदमी बूढ़े बच्चे जवान महिलायें राहल से दौड़ कर लिपट रहे हैं और जिसन आत्मीय भाव से राहुल उन्हें गले लगा रहे है राह चलते किसी की भी दी हुई  चीज़ खा लेते हैं किसी भी आदमी की चाय की दावत स्वीकार कर लेते हैं पूरे भारत में वह सीन देखा जाता है और लोगों को हैरत होती ही कि कोई इतना सरल सौम्य मिलनसार भी हो सकता है यह तो नहीं कहा जा सकता की राहुल की यह लोकप्रियता वोटों में बदलेगी या नहीं लेकिन राहुल ने पूरे देश में लोगों के दिलों में जगह बना ली है यह तो पक्का है यहाँ तक कि संघी गरिहर (Trolls) भी दिल ही दिल में खुश होते हैं ऊपर से भले ही गाली बकें Iराहुल की इस बढ़ती हुई लोकप्रियता और भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से संघियों में बेचैनी फैलना स्वाभाविक है और उन्होंने अपने पुराने फार्मूला पर अमल करते हुए उसको ट्रोल करना शुरू कर दिया लेकिन इस बार फ़िज़ा बदली हुई है इस बार कांग्रेसी बी टायर हैं और भाजपा विरोधी नवजवान भी और तुरंत फुरंत उसको उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं मसलन राहुल की आटा और लीटर वाली बात को काट छांट कर जैसे ही बीजेपी IT सेल ने विडियो वायरल किया वैसे ही मोदी और अमित शाह द्वारा दर्जनों ऐसी गलतियों के विडियो कांग्रेस IT सेल के साथ ही  आम नवजवानों ने जारी कर दिए उसके बाद राहुल की 40 हज़ार की T शर्ट के जवाब  में मोदी के 10 लाख के सूट दो लाख का चश्मा आदि के विडियो वायरल कर दिए गए, राहुल के अपनी भांजी के साथ वाले फोटो पर तमिलनाडू बीजेपी के एक कार्यकर्ता के बेहूदा कमेन्ट पर लाखों लोगों ने सोशल मीडिया पर उसकी ऐसी तैसी कर के रख दी Iइससे लगता है की अब अवाम ने भी बीजेपी के खिलाफ इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया है और यह राहुल गांधी की उस लड़ाई की बहुत बड़ी सफलता है जो वह अकेले कई बरसों से लड़ रहे थे I

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से भारत एक नइ करवट ले रहा है लेकिन लड़ाई लम्बी भी है और सख्त भी लेकिन अंतिम जीत प्यार और सद्भाव की ही होगी यह पक्का है I

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