नूंह। जिले में ओरबिटल रेल कॉरीडोर पलवल से सोनीपत के लिए अधिग्रहण की गई किसानों की जमीन का मुआवजा कम दिए जाने को लेकर इंडरी व खानपुर गांव के सैकड़ों किसान व आम लोग कांग्रेस विधायक दल के उपनेता एवं नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद की अध्यक्षता में उपायुक्त अजय कुमार आईएएस से मिले।
विधायक आफताब अहमद ने किसानों की समस्याओं से उपायुक्त को अवगत कराते हुए उनका समाधान करने के लिए पुरजोर सिफारिश की। उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन के लिए इंडरी, भिरावटी, रेवासन, शहसौला सहित नूंह जिले के काफी गांवों की काफी जमीन अधिग्रहण की गई है। जिसका किसानों को मुआवजा कम दिया जा रहा है। इंडरी व अन्य गांव का सर्कल रेट 65 लाख रुपये है जबकि किसानों को केवल 57 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है जो न केवल किसानों का शोषण है बल्कि कानूनी तौर पर भी गलत है।
इन किसानों ने बताया कि यह जमीन आरजोन व केएमपी के साथ लगती हुई बेशकीमती जमीन है यहां करीब तीन करोड़ रुपये प्रति एकड़ का रेट है। लेकिन रेलवे ने इसका सर्कल रेट से सवा गुणा मुआवजा का अवार्ड सुनाया है। जिस पर किसान सहमत नहीं है। किसानों ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें सर्कल रेट से चार गुणा मुआवजा दिया जाए। स्टाप ड्यूटी में छूट दी जाए व 33 साल रायल्टी दिलाई जाए। इसके अलावा किसानों के जो बोरवेल, पाइप लाइन, ढांचे अलग-अलग खड़े हैं उनका अलग से उचित मुआवजा दिलाया जाए।
आफताब अहमद ने बताया कि अन्य जिलों की जमीन भी इस परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई है और उन्हें मेवात की अपेक्षा अधिक राशि दी गई है, जो दर्शाता है कि प्रदेश सरकार मेवात से भेदभाव कर रही है।
जिला उपायुक्त अजय कुमार आईएएस ने बात को ध्यान से सुना और इसमें जहां भी कोई त्रुटि है उसे रेलवे, राजस्व विभाग के अधिकारियों से बात कर सुलझाने का आश्वासन दिया। विधायक आफताब अहमद ने कई बारीकियों को समझाते हुए त्रुटि भी बताई। जिस पर उपायुक्त ने अपनी सहमति जताते हुए इस बारे में अधिकारियों से बात करने की बात कही।
विधायक आफताब अहमद ने कहा सरकार की मंशा किसान को लेकर ठीक नहीं है। किसानों की बेशकीमती जमीन को सस्ते दामों पर लिया जा रहा है जो किसानों के साथ अन्याय है। सरकार के लिए किसान प्राथमिकता नहीं है बल्कि रेलवे प्राथमिकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा। वो इस मांग में किसानों के साथ खड़े हैं और हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।
वहीं आफताब अहमद ने इस साल व बीते साल भारी बारिश के कारण खराब हुई फ़सल का मुआवज़ा भी जिला उपायुक्त के समक्ष उठाया।
उन्होंने जलभराव के कारण किसानों की बिजाई न होने का मुद्दा फिर उठाते हुए मुआवजे की मांग को दोहराया। जिस पर उपायुक्त ने बताया कि जिन किसानों की पिछले वर्ष जलभराव के कारण बिजाई नहीं हो पाई थी। उनका मुआवजा जिला प्रशासन के पास आ चुका है। जल्द ही उसे बंटवाया जाएगा। इसके लिए कई एसडीएम की ड्यूटी लगा दी गई है। यह करीब तीस करोड़ का मुआवजा है। किसानों को जल्द दिया जाएगा। आफताब अहमद ने इस वर्ष जो जमीन जलभराव के कारण बिना बिजाई के रह गई है उसकी गिरदावरी कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजकर इस वर्ष का भी मुआवजा दिलाने की मांग रखी।
बता दें कि कांग्रेस विधायक ने विधान सभा में किसानों के मुआवज़े का मामला उठाया था जिसपर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सदन में आफताब अहमद को आश्वासन देना पडा कि बिना विलंब मुआवजा बंटवाया जाएगा। इससे पहले 14 फरवरी को भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने भी आफताब अहमद ने किसानों के मुआवज़े का मुद्दा उठाया था और मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था।
विधायक आफताब अहमद ने 27 जनवरी को जिला सचिवालय पर धरना प्रदर्शन भी किसानों के इस मामले पर दिया था।
आफताब अहमद ने कहा कि 2022 भी बीत गया और किसान की आय दौगुनी करने का भाजपा सरकार का वायदा जुमला साबित हुआ और तो और किसान की फसल के नुकसान की भरपाई भी भाजपा जजपा सरकार समय पर नहीं कर पा रही है।
इस दौरान सीताराम, पवन कुमार, उमेद, सतपाल, प्रभाती, चरणसिंह, कमलसिंह, सत्ते, बिजेंद्र, पोहपसिंह, चंद्रपाल, देवकी भूषण, गिरवर, भारतभूषण, कृष्ण कुमार, राजबीर, जुबेर, इलियास, जाकिर सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।
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