गाज़ा के अल अहली अस्पताल पर हुई बमबारी में लगभग 800 मरीजों और वहां शरण लिए आम नाग्रिकों की मौत से पूरी दुनिया दुखी और क्रोधित है ख़ुद इजराइल केंद्र भी इसको ले कर नाराजगी पायी जा रही है लेकिन इजराइल सरकार विशेषकर उसके प्रधान मंत्री नितिन्याहू पर इसका कोई असर नहीं है उधर युद्ध की एक स्ट्रेटेजी के तौर पर झूटा प्रचार भी पूरी शिद्दत से जारी है जिसके तहत इजराइल सरकार कह रही है कि यह बम ख़ुद हमास का मिसफायर रॉकेट है लेकिन जो हमास टेकनीकली इतना एक्सपर्ट है की इजराइल का आयरन डोम ताश के पत्ते की तरह बिखरा दे उसका राकेट /मिज़ाइल मिसफायर कर जाएगा यह बात समझ में आने वाली नहीं है I जो भी हो अस्पताल पर यह हमला अक्षम्य युद्ध अपराध है इसकी अन्तराष्ट्रीय संस्था से ईमानदारी से जांच हो और दोषियों को युद्ध अपराधी के तौर पर सज़ा दी जानी चाहिए वह चाहे इजराइल की सरकार हो या हमास के लड़ाके I
हमास इजराइल युद्ध क्षेत्र इस समय आग का गोला बना हुआ है जो अगर जल्द न बुझाई गयी तो यहीं तक सीमित नहीं रहेगी I 7 अगस्त को हमास ने इजराइल पर अचानक हमला कर के उसका बहुत कुछ मिटटी में मिला दिया था I उसके अजेय होने का भ्रम तोड़ दिया, उसके आयरन डोम को ताश के पत्तों की तरह बिखरा दिया ,उसके बहुत से सीनियर फौजी अफसरों और नाग्रिकों को बंदी बना लिया I1948 में इजराइल की स्थापना के बाद से अब तक एक ही दिन में इजराइल के इतने नागरिक और सैनिक नहीं मारे गए थे जितना उस दिन के हमले में मरे गए थे I भारत समेत पूरी दुनिया ने इस अमानवीय कृति की निंदा की ,सारी दुनिया की हमदर्दी इजराइल के साथ थी, लेकिन दुनिया यह भी जानती थी कि इजराइल इस हमले का इससे भी भयानक जवाब देगा और वही हुआ I इजराइल ने गज़ा पर हमला कर दिया, अब तक करीब 5 हज़ार फिलास्तीनी बूढ़े बच्चे औरतें और जवान मारे जा चुके हैं इनमें कितने हमास के लड़ाके थे इसकी गिनती इजराइल के पास भी नहीं है I इजराइल के लिए यह हमला और ऐसा नरसंहार उसके अनगिनत ऐसे हमलों और नरसंहार की फहरिस्त में एक और इजाफा मात्र है I लेकिन सब से भीषण अमानवीय ह्रदय विदारक है इजराइल का गज़ा के अलअहली अस्पताल पर बम वर्ष जिसमें 800 लोगों के मरने की खबर है जिसमें न जाने कितने बच्चे थे I सारी दुनिया इजराइल के इस हमले की निंदा कर रही है यहाँ तक कि भारत समेत जो देश इजराइल के पक्ष में खड़े थे वह भी इस हमले की निंदा करने को मजबूर हो गए हैं I दुनिया भर में हो रही इस लानत मलामत के बाद इजराइल ने इस हमले का ज़िम्मा हमास पर ही डालते हुए कहा कि यह हमास का ही मिज़ाइल था जो मिसफायर कर गया और इस अस्पताल पर गिरा I जो हमास मिज़ाइल वर्षा में टेकनीकली इतना एक्सपर्ट हो की इजराइल के आयरन डोम को भी भेद दे उसका मिज़ाइल मिसफायर करके अपने ही लोगों को मार दे यह बात केवल नेतन्याहू ही कह सकते, बाईडन इसकी हाँ में हाँ मिला सकते है और भारत के संघी इसको सच मान सकते हैं,मगर सारी दुनिया नेतन्याहू की इस बात को ख़ारिज कर रही है रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि इजराइल इस बात का सुबूत दुनिया के सामने रखे कि अस्पताल पर हमला उस ने नहीं किया है I उधर अमरीकी राष्ट्रपति जोये बाईडन ने इस मामले में तुरंत इजराइल को क्लीन चिट दे दी और उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए अस्पताल पर हमले की ज़िम्मेदारी हमास पर ही डाल दी I
इजराइल की हिमायत में बाईडन इतने अंधे हो गए कि उन्होंने अमरीका और ख़ुद अपनी इज्ज़त भी मिट्टी में मिला दी I इजराइल के बाद वह अरब देशों के दौरे पर भी जाने वाले थे लेकिन उनके ख़ास दोस्त जॉर्डन के शाह अब्दुल्लाह द्वतीय और फिलस्तीन अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास समेत सभी अरब देशों ने उन से मिलने से इनकार कर दिया I किसी अमरीकी राष्ट्रपति की ऐसी इंटरनेशनल बेईज्ज़ती शायद ही इतिहास में कभी हुई हो I शायद बाईडन अपनी अंधी इजराइल भक्ति,इजराइल के गाजा पर हमले और वहां उसके द्वारा पैदा की गयी मानवीय त्रासदी से अरब देशों में फैली नाराजगी का अंदाजा नहीं कर सके वरना वहां जाने का प्रोग्राम ही न बनाते Iहालांकि इससे पहले उनके विदेश मंत्री अन्थोनी ब्लिंकन अरब देशों का दौरा कर चुके और अरब शासकों ने उनसे मिलने के लिए उनको घंटों इन्तिज़ार करा के अपनी नाराजगी ज़ाहिर कर दी थी तो क्या उन्हों ने अपने राष्ट्रपति को वहाँ की ज़मीनी हकीकत से अवगत नहीं कराया था ? अमरीका ने अरबों की नाराज़गी दूर करने के लिए फिलस्तीन (गज़ा और वेस्ट बैंक ) को 100 मिलियन डॉलर की इमदाद का ही एलान नहीं किया बल्कि इजराइल को कुछ मानवीय उपदेश भी दिए हैं जिनमें नाग्रिकों को निशाना न बनाने की बात भी कही गयी है ज़ाहिर है इजराइल उनको कोई महत्त्व नहीं देगा और युद्ध खासकर कारपेट बमबारी (Carpet Bombing) के दौरान यह संभव भी नहीं है I
हमास अपने ही अस्पताल पर हमला क्यों करेगा इस का कोई ठोस कारण समझ में नहीं आता है Iवह जो कुछ हासिल करना चाहता था वह 7 अगस्त को इजराइल पर हमला कर के हासिल कर चुका है I वह कालीन के नीचे दबा दी गयी फिलस्तीन समस्या को फिर केंद्र बिंदु पर ले आया और इजराइल के खिलाफ अरब देशों को लामबंद कर दिया दुसरे इजराइल के अपराजेय होने का भ्रम भी तोड़ दिया इससे बड़ी सफलता की वह उम्मीद भी नहीं करता होगा I यही नहीं अब दुनिया के उन देशों से भी फिलस्तीनी जनता के प्रति हमदर्दी ज़ाहिर की जा रही है जिनकी सरकारें इजराइल के साथ खड़ी हैं I अमरीका यूरोपी और अरब देशों में फिलस्तीन की हिमायत में लाखों लाख लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं I
कहा जा रहा है की दुनिया भर में इजराइल को बदनाम करने के लिए उसने अस्पताल पर किया होगा, लेकिन मानव अधिकारों के उल्लंघन, फिलस्तीनियों पर अत्याचार और अन्याय में कोई नैतिकता ध्यान में न रखने और युद्ध अपराधों को ले कर इजराइल का इतिहास जान्ने वालों के लिए गाजा में जो कुछ हो रहा है वह कोई नया नहीं, पहला नहीं और निश्चित रूप से अंतिम भी नहीं है I जो देश दुश्मन देश के नाग्रिकों पर पानी खाना बिजली दवा दूध आदि बंद कर सकता है उसको अस्पताल पर हमला करने में क्या झिझक होगी ? एक कांस्पीरेसी थ्योरी यह भी है कि बाईडन का अरब देशों का दौरा असफल कराने के लिए नेतन्याहू ने ही अस्पताल पर हमले की साज़िश की थी I युद्ध के दिनों में शत्रु के खिलाफ झूटी खबरें फैलाना युद्ध कला का सदैव से ही एक हिस्सा रहा है हमास और इजराइल दोनों यही कर रहे हैं इस लिए अस्पताल पर हमले की जांच किसी इंटरनेशनल एजेंसी से कराने की आवश्यकता है। यह हमला मानवता के खिलाफ एक जुर्म है और इसके मुजरिमों के चेहरे से नकाब हटनी ही चाहिए और युद्ध अपराधी के तौर पर उन्हें सज़ा दी जानी चाहिए।
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