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नूंह हिंसा के लगभग तीन महीने बाद मेवात आए मुख्यमंत्री से लोग निराश: आफ़ताब अहमद

नूंह हिंसा के लगभग तीन महीने बाद मेवात आए मुख्यमंत्री से लोग निराश: आफ़ताब अहमद

विधायक मौ इलियास संग पत्रकार वार्ता कर मनोहर सरकार पर निशाना


नूंह। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने पुन्हाना विधायक चौधरी मौहम्मद इलियास व पार्टी पदाधिकारियों संग जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मेवात प्रवास के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा
मुख्यमंत्री व सरकार से स्थानीय लोग निराश हैं।

कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने कहा कि जब पूर्व के सीएम या पीएम मेवात आते थे या आने की संभावना भी रहती थी तो इलाके की सडकें बन जाया करती थी। 1996 में पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री मरहूम चौधरी खुर्शीद अहमद के प्रयासों से तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी
देवगौड़ा नगीना आए तो इलाके को अलाफिया अस्पताल का तोहफा मिला था। लेकिन आज जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आते हैं तो इलाके की सडक तक मरम्मत नहीं होती हैं।

सीएलपी उप नेता आफताब अहमद ने कहा कि जुलाई में नूंह में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा की घटना के लगभग 3 महीने बाद मुख्यमंत्री नूंह आते हैं और इलाके के उत्थान व भलाई के कामों के बजाय अपनी सफाई व आरोप प्रत्यारोप में लगे रहे। दो दिन प्रवास के बावजूद इलाके के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने कोई पहल नहीं दिखाई बल्कि अपनी पुरानी घोषणाओं को आज तक पूरा नहीं कर सके हैं।

आफताब अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री शहीद हसन खान मेडिकल कॉलेज में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक तो करते हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज के बदतर हालात देखने व मरीजों, डाक्टरों से मिलने अंदर नहीं जाते। ये दर्शाता है कि सरकार मेवात की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर नहीं है। सीएम के द्वारा छात्रों को पढने की नसीहत पर आफताब अहमद ने सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूलों में प्रयाप्त शिक्षक कहां है, जो छात्र सही से पढ सकें। अगर वो इलाके की शिक्षा व बच्चों के भविष्य के प्रति सजग हैं तो क्यों बडकली में एमडीयू रीजनल सेंटर जो पूर्व की कांग्रेस सरकार ने घोषणा की उसे लटकाया गया। मुख्यमंत्री क्यों मेवात में विश्वविद्यालय निर्माण नहीं करा रहे हैं।

विधायक आफताब अहमद ने सवाल उठाते हुए कहा कि नूंह हिंसा पर केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन के ब्यान के बाद मुख्यमंत्री अपनी सफाई देने में लगे रहे। नूंह के शहीद के परिजनों से भी मिलने के लिए सीएम को दो महीने का लंबा समय लगा। जबकि नूंह हिंसा में जिन बेकसूर लोगों के घर, दुकान, रेहडी सरकार ने गैर कानूनी कार्रवाई के तहत गिराए या तोड़े उनसे मुख्यमंत्री मिले ही नहीं। बल्कि जिन चंद लोगों को मुआवजा मिला वो अपर्याप्त है, नुकसान ज्यादा हुआ मुआवजा कम मिला।

विधायक आफताब अहमद ने सवाल पूछा कि पुलिस
होम गार्ड के जवान व गुड़गांव मस्जिद में हिंसा में मारे गए मौलाना के परिजनों से सीएम क्यों नहीं मिले, और पीड़ित परिवार को मुआवजे का क्या हुआ। उन्होंने कहा की भाजपा सरकार ने मेवात के लोगों के साथ न्याय नहीं अन्याय किया, पहले मेवात के सामाजिक भाईचारे को खराब कराने की कोशिश हुई फिर इलाके के मान सम्मान पर बुलडोजर चलवाया गया, हाईकोर्ट संज्ञान नहीं लेता तो हालात और दर्दनाक होते।

विधायक आफताब अहमद ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि सरकार आज तक नूंह घटना की जांच हाईकोर्ट सिटिंग जज से क्यों नहीं कराने का साहस दिखा पाई।

सीएलपी उप नेता आफताब अहमद ने स्थानीय भाजपा नेता पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो कहते हैं कि भाजपा ने उन्हें ये पद दे दिया वो पद दिया वो बताएं कि उन्होंने मेवात को क्या दे दिया। क्या उन्होंने मेवात के बेकसूर लोगों की पीड़ा को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया या कोई विकास व सुधार की मांग उनके समक्ष रखी। आफताब अहमद ने कहा कि ऐसा नेताओं की असलियत अब आवाम समझ चुकी है।

वहीं पुन्हाना विधायक चौधरी मौहम्मद इलियास ने भी मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि मनोहर लाल का मेवात प्रवास महज अपनी कमियों को पर्दा डालने जैसा था। मेवात के विकास के बजाय मुख्यमंत्री अपनी व सरकार की छवि बचाते नजर आए। विधायक मौहम्मद इलियास ने कहा कि बेकसूर लोगों पर पुलिस-प्रशासन के अत्याचारों पर भी सीएम मौन समर्थन देते दिखाई दिए।

इस दौरान पीसीसी सदस्य महताब अहमद, नईम इकबाल, युसुफ खान, आमिल चेयरमैन, वहीद सलंबा, चौधरी सपात, आसिफ चंदेनी, रजा ऐडवोकेट, इखलास, खुर्शीद फौजी खेड़ला, शमीम चंदेनी, अल्ताफ डीके सहित कांग्रेस जन मौजूद थे।

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