(शमशाद रज़ा अंसारी)
दिल्ली। पिछले साल सुरंग में फंसे मजदूरों की जान बचाने वाले वकील हसन के घर पर डीडीए ने बुलडोजर चला दिया। वकील हसन की पत्नी का आरोप है कि इस दौरान उनके बच्चों को थाने में बंद करके पीटा गया। केंद्र सरकार के अधीन कार्य करने वाले डीडीए की इस कार्यवाही की चौतरफा निंदा हो रही है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
दरअसल डीडीए ने बुधवार को विध्वंस अभियान के दौरान खजूरी ख़ास के कई घरों को तोड़ा। इस दौरान वकील हसन को भी बेघर कर दिया गया। वकील हसन और उनकी पत्नी ने डीडीए पर गम्भीर आरोप लगाये हैं।

वकील हसन ने बताया कि उन्होंने बिजली,पानी,स्कूल व डिस्पेंसरी की सुविधा देखते हुए भगवती नाम की महिला से 38 लाख रुपये में ये प्लाट लिया था। मनोज तिवारी व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा ने वादा किया था कि हम आपका मकान खड़े होकर बनवाएंगे। लेकिन मेरे पास मनोज तिवारी या एलजी का कोई फोन नहीं आया। वकील हसन ने बताया कि उत्तराखण्ड बचाव अभियान के बाद पुरस्कार स्वरूप मैंने अपना घर ही माँगा था,वो भी डीडीए ने बिना कोई नोटिस दिए तोड़ दिया।

वकील हसन की पत्नी ने बताया कि पुलिस ने मेरे पति,दोनों बच्चों व मुन्ना कुरैशी को थाने में बंद कर दिया। घर से पूरा सामान नहीं निकालने दिया,जिससे बहुत सारा सामान टूट गया। हम अपने बच्चों का रिजल्ट तक नहीं निकाल सके। क्या अब सरकार हमें बताएगी कि हम कहाँ जायेंगे। मेरे हसबैंड तो उत्तरकाशी के हीरो थे। उन्होंने 41 मजदूरों की जान बचाई। सबने उन्हें सम्मान दिया और आज सम्मान के बदले मकान ले लिया। मोदी जी हाथ जोड़कर कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास, हमारा विकास कहाँ है।

वहीं दूसरी ओर कॉंग्रेस लीडर प्रियंका गांधी ने इसे बीजेपी के अन्यायकाल की सच्चाई बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में लिखा कि वकील हसन ने अपनी जान जोखिम में डालकर उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों की जान बचाई थी। तब अपने प्रचार के लिए बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं थीं। जब प्रचार खत्म हो गया तो आज उसी वकील हसन को थाने में बंद कर दिया और उनका घर तोड़कर उनके बच्चों के सिर से छत छीन ली। गरीबों का घर तोड़ना, उन्हें कुचलना, प्रताड़ित और अपमानित करना…यह अन्याय ही बीजेपी के “अन्यायकाल” की सच्चाई है। जनता इस अन्याय का जवाब जरूर देगी।
https://x.com/priyankagandhi/status/1763101574606594226?s=20
बता दें कि नवंबर 2023 में उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को रैट माइनर्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया था। वकील हसन भी उन रैट माइनर्स में से एक थे। उस समय देश-विदेश में वकील हसन की प्रशंसा की गई थी।

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