नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अर्थशास्त्र विभाग ने 10 दिसंबर, 2022 को डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंटल रेस्पोंसिबिलिटी के स्वर्ण जयंती समारोह के तत्वावधान में डेटा साइंस और रिसर्च के लिए स्टैटिस्टिकल पैकेज फॉर सोशल साइंसेज़ (एसपीएसएस) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के सभी विभागों/केंद्रों के युवा संकाय सदस्यों और शोधार्थियों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली। कार्यशाला के लिए 295 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था। कार्यशाला पहले 45 प्रतिभागियों के लिए हाइब्रिड मोड में ऑफलाइन और बाकी 100 के लिए ऑनलाइन के माध्यम से आयोजित की गई। कार्यशाला का दूसरा चरण शेष प्रतिभागियों के लिए अगले सप्ताह आयोजित किया जाएगा।
प्रो. अशरफ इलियान, अध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, जामिया और वर्कशॉप निदेशक ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी विषयों में अत्याधुनिक शोध के लिए ऐसी कार्यशालाओं के महत्व और उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने मूलभूत से उन्नत स्तर के विश्लेषण के लिए सामाजिक विज्ञान और विज्ञान अनुसंधान में एसपीएसएस सॉफ्टवेयर के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रो. बी. श्रीनिवासु, अर्थशास्त्र विभाग, जामिया और आयोजन सचिव ने प्रदर्शित किया है कि अनुसंधान डिजाइन कैसे बनाया जाता है? प्रासंगिक क्षेत्रों में अनुसंधान प्रश्नों और परिकल्पनाओं को कैसे तैयार करें।
प्रो. मूनिस शकील, अर्थशास्त्र विभाग, जामिया और आयोजन सचिव ने डेटा
प्रबंधन के महत्व को विस्तार से बताया और एसपीएसएस सॉफ्टवेयर का ओवरव्यू प्रस्तुत किया। उन्होंने एसपीएसएस में डेटा प्रबंधन के महत्वपूर्ण तरीकों पर व्यावहारिक जानकारी दी।
जामिया के अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर श्री मोहम्मद जाहिद सिद्दीकी ने विभिन्न प्रकार के सांख्यिकीय परीक्षणों जैसे टी-टेस्ट, जेड-टेस्ट आदि के बारे में बताया है, ताकि व्यावहारिक उदाहरण के साथ अनुसंधान परिकल्पना की स्वीकृति या अस्वीकृति के बारे में सही निर्णय लिया जा सके।
डॉ. वसीम अकरम, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग जेएमआई और कार्यशाला समन्वयक, ने को-रिलेशन और रिग्रेशन एनालाइसिस के उपयोग की व्यापक व्याख्या की और उसका औचित्य बताया। उन्होंने परिणामों को निष्पादित करने और व्याख्या करने का तरीका भी समझाया।
प्रो अशरफ इलियान द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
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