Header advertisement

59 साल के मरीज का हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में की गई सफल सर्जरी

59 साल के मरीज का हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में की गई सफल सर्जरी

ग़ाज़ियाबाद। मैक्स हॉस्पिटल वैशाली (गाजियाबाद) में 59 वर्षीय मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट कर उन्हें नया जीवन दिया गया है। एक ब्रेन डेड पेशेंट के लीवर को इस मरीज के अंदर इम्प्लांट किया गया है। कौशांबी के रहने वाले मरीज का सिरोसिस के कारण लीवर खराब हो गया था, जिसके चलते उन्हें पिछले सालों से लगातार अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे थे।

जिस डोनर का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है, वो ब्रेन डेड घोषित किए गए थे। दरअसल, 55 वर्षीय इस शख्स का रोड एक्सीडेंट हो गया था, जिसके दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। लेकिन इस मरीज में वो क्षमताएं थीं कि उनका लीवर डोनेट किया जा सके। परिजनों से परमिशन लेने के बाद द्वारका के निजी अस्पताल से लीवर को मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली लाया गया और 59 वर्षीय मरीज की सफल ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई। द्वारका से वैशाली तक 34 किमी के रास्ते को 46 मिनट में कवर करते हुए ये लीवर लाया गया। इसमें दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस की तरफ से मदद मिली।
ये ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉक्टर सुभाष गुप्ता और डॉक्टर राजेश डे के नेतृत्व वाली टीम ने की। डॉक्टर गुप्ता मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में लीवर ट्रांसप्लांट एंड बिलियरी साइंसेज के चेयरमैन हैं, जबकि डॉक्टर राजेश डे, लीवर ट्रांसप्लांट विभाग में एसोसिएट डायरेक्टर हैं।
मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में लीवर ट्रांसप्लांट एंड बिलियरी साइंसेज के चेयरमैन डॉक्टर सुभाष गुप्ता ने कहा कि मरीज को लीवर सिरोसिस के साथ अन्य कुछ समस्याएं भी थीं। वो कई बार आईसीयू में भर्ती हो चुके थे। उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी, और ये सफल ट्रांसप्लांट सर्जरी मरीज को एक नया जीवन देने वाली है। हम आशा करते हैं कि इस मामले के बारे में जानकर लोग अवेयर होंगे और वो लीवर डोनेट करने के लिए आगे आएंगे, ताकि किसी जरूरतमंद को जिंदगी की नई उम्मीद मिल सके।

मैक्स हॉस्पिटल में ये ट्रांसप्लांट सर्जरी 15 से ज्यादा डॉक्टरों की टीम ने पूरी की है और इसमें करीब 9 घंटे का वक्त लगा है। सर्जरी के बाद मरीज की हालत में सुधार है और वो रिकवरी कर रहा है।
इस मामले की सफलता पर डॉक्टर राजेश डे ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम उस परिवार के हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे जिन्होंने एक गंभीर मरीज के लिए लीवर डोनेट करने का साहसिक निर्णय लिया। अंग डोनेट करने से बहुत लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं और मुझे उम्मीद है कि लोग इस बात की अहमियत को समझेंगे, इस पूरी प्रक्रिया में हमारी सफलता में मददगार बनने के लिए हम नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन, दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस का भी शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने इस ट्रांसप्लांटेशन की इस प्रक्रिया को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *